दादरी के आशीष डागर ने यूपीएससी में हासिल किया 398वां रैंक, गांव, परिवार में खुशी का माहौल
संघ लोक सेवा आयोग द्वारा मंगलवार को जारी किए गए सिविल सर्विस परीक्षा में 398वां रैंक हासिल किया है।
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी :
संघ लोक सेवा आयोग द्वारा मंगलवार को जारी किए गए सिविल सेवा परीक्षा 2019 के परिणाम में जिले के गांव मिसरी निवासी आशीष डागर ने 398वीं रैंक हासिल कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। गांव मिसरी निवासी आशीष ने वर्ष 2018 में भी सिविल सर्विस परीक्षा दी थी। उस समय उनकी देशभर में 536वीं रैंक आई थी। जिसके बाद आशीष का चयन बतौर आइआरएस अधिकारी कस्टम विभाग में एसिस्टेंट कमिश्नर के रूप में हुआ था। फिलहाल उनकी पोस्टिग फरीदाबाद में हैं। लेकिन उनका सपना आइएएस अधिकारी बनना था। जिसके चलते उन्होंने 2019 में दोबारा से सिविल सर्विस की परीक्षा दी थी। आशीष डागर की 398वीं रैंक आने से उनके परिवार के साथ-साथ गांव में भी खुशी का माहौल बना हुआ है। आशीष के पिता भारतीय सेना से रिटायर्ड कैप्टन जगदीश प्रसाद बताते हैं कि आशीष ने दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई गांव कमोद स्थित आर्य स्कूल से की। वर्ष 2011 में आशीष ने दादरी के आरइडी स्कूल से बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण की। उसके बाद बिना कोचिग के उसका सेलेक्शन आइआइटी कानपूर में हो गया। वर्ष 2015 में आशीष ने एयरोस्पेस विषय में बीटेक की डिग्री हासिल की। आइआइटी में भी आशीष अपने बैच का टॉपर रहा था। बाक्स :
ठुकराए विदेशी कंपनियों के जॉब आफर
गांव मिसरी निवासी जगदीश प्रसाद ने बताया कि आइआइटी से पासआउट होने के बाद आशीष के पास विदेशी कंपनियों से भी जॉब के ऑफर आए। लेकिन उसका सपना आइएएस अधिकारी बनकर देशसेवा करना था। जिसके चलते उसने इन ऑफर्स को ठुकरा दिया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में पात्रता नियमों के अनुसार यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम देने में आशीष की उम्र कम थी। जिस पर तीन वर्ष उसने दिल्ली में ही कोचिग ली। वर्ष 2018 में 21 वर्ष की उम्र होने पर आशीष ने सिविल सर्विस परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में 536वीं रैंक हासिल की थी। बाक्स :
लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ें युवा
आशीष डागर दो भाई-बहनों में छोटा है। उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय पिता रिटायर्ड कैप्टन जगदीश प्रसाद, मां किरोश्ता देवी व गुरुजनों को दिया है। जगदीश प्रसाद का कहना है कि सभी युवाओं को अपना लक्ष्य निर्धारित कर, केवल उसी पर ध्यान केंद्रित कर मेहनत करनी चाहिए। ऐसा करने से वे अपने लक्ष्य को जरुर पा सकेंगे।