55 घंटों बाद शव का किया अंतिम संस्कार, किसानों-प्रशासन के बीच मांगों को लेकर बनी सहमति
जागरण संवाददाता चरखी दादरी गांव ढाणी फौगाट में धरना दे रहे किसान की मौत का मामला अ
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी:
गांव ढाणी फौगाट में धरना दे रहे किसान की मौत का मामला आखिरकार तीसरे तीन सुलझ गया, जिसके बाद जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली है। किसान प्रतिनिधिमंडल, खाप पंचायतों के पदाधिकारी व प्रशासनिक अधिकारियों के बीच सोमवार को करीब 20 मिनट तक चली बैठक के बाद दोनों पक्षों में मांगों को लेकर सहमति बन पाई। इसके बाद किसान मृतक रामअवतार का अंतिम संस्कार करने को राजी हुए। अपनी मांगों को लेकर अड़े किसानों ने किसान की मौत के 55 घंटे का लंबा समय बीतने के बाद शव का अंतिम संस्कार किया।
उल्लेखनीय है कि नेशनल हाइवे 152डी के लिए अधिग्रहण होने वाली भूमि की मुआवजा राशि में वृद्धि की मांग को लेकर लंबे समय धरना दे रहे ढाणी फौगाट निवासी किसान रामअवतार की बीते शनिवार को सुबह करीब साढे़ सात बजे सीने में दर्द होने के बाद मौत हो गई थी। धरना दे रहे दूसरे किसानों ने जमीन अधिग्रहण से परेशान होने के कारण तनाव को रामअवतार की मौत का कारण बताते हुए मृतक परिवार के लिए एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता, उसके एक बेटे को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी और मृतक किसान को शहीद का दर्जा देने की मांग रखी थी। किसानों ने मांगें पूरी न होने तक शव का अंतिम संस्कार न करने का निर्णय लेते हुए लघु सचिवालय परिसर में शव रखकर धरना शुरू कर दिया था। सोमवार सुबह से ही किसानों ने महिलाओं सहित लघु सचिवालय परिसर पहुंचना शुरू कर दिया था। करीब 11 बजे तक सैकड़ों की संख्या में किसान एकत्रित हो गए थे। इसके बाद 11 बजकर 20 मिनट पर दादरी नगराधीश डा. विरेंद्र सिंह किसानों के बीच पहुंचे और बातचीत के लिए जिला उपायुक्त धर्मबीर सिंह का संदेश दिया। इसके बाद किसानों ने जिला उपायुक्त के साथ बातचीत करने के लिए कमेटी का गठन किया। ढाणी फौगाट सरपंच, खाप पंचायतों के प्रतिनिधि, मृतक किसान के परिवार सहित दर्जन भर लोगों की कमेटी ने लघु सचिवालय परिसर में एकांत स्थान पर दादरी जिला उपायुक्त धर्मबीर सिंह, पुलिस अधीक्षक मोहित हांडा के साथ मांगों को लेकर बातचीत की। करीब 20 मिनट तक चली बातचीत के दौरान दोनों पक्षों में मांगों को लेकर सहमति बन गई। सहमति बनने के बाद किसान एक बजे शव को लेकर गांव ढाणी फौगाट रवाना हो गए, जिसके बाद करीब तीन बजे मृतक किसान का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
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इन मांगों पर बनी सहमति
किसान प्रतिनिधिमंडल व जिला उपायुक्त के बीच मृतक किसान के परिजनों को 15 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने, उसके दोनों बेटों को डीसी रेट पर नौकरी देने पर सहमति बनी। इसके अलावा मृतक किसान के एक बेटे को जल्द ही डीसी रेट के स्थान पर रेगुलर नौकरी दिलवाने के लिए प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया है।
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पुलिस बल रहा तैनात
किसानों द्वारा शव को लघु सचिवालय परिसर में रखने के बाद यहां बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। किसान आंदोलन के चलते लघु सचिवालय पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। लघु सचिवालय मेन गेट से वाहनों को अंदर नहीं जाने दिया गया, जिसके चलते अपने जरूरी काम से लघु सचिवालय आने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
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वकीलों ने रखा वर्क सस्पेंड
किसान रविवार शाम से शव के साथ लघु सचिवालय परिसर में धरना दे रहे थे, जिसके चलते सोमवार को दादरी बार एसोसिएशन ने वर्क सस्पेंड रखा व अधिवक्ताओं ने धरने पर पहुंचकर किसानों को अपना समर्थन दिया।
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धरने को मिलेगी नई दिशा
गांव ढाणी फौगाट धरना कमेटी सदस्य राजीव रामनगर ने कहा कि किसान रामअवतार की मौत से धरने को नई दिशा मिलेगी। रामअवतार ने किसानों के लिए अपनी कुर्बानी दी है, जिसको वे जाया नहीं जाने देंगे।
किसान नेता रमेश दलाल ने कहा कि 13 अगस्त तक किसानों की मुआवजा वृद्धि की मांग पूरी नहीं हुई तो 14 अगस्त को किसान रेल रोकेंगे।
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किसानों की मांगें मान ली गई: डीसी
दादरी जिला उपायुक्त धर्मबीर सिंह ने कहा कि किसानों की मांगें मान ली गई हैं। मृतक किसान के परिवार को 15 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और किसान के दोनों बेटों को डीसी रेट के आधार पर नौकरी दी जाएगी।
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कमेटी में ये थे शामिल
जिला उपायुक्त से बातचीत के दौरान सांगवान खाप के प्रधान सोमबीर सांगवान, नरसिंह डीपीई, सूरजभान, धर्मपाल, बलवंत सिंह, शमशेर सिंह खातीवास, भूप सिंह दलाल, रमेश दलाल, प्रभुराम गोदारा, राजबीर शास्त्री, उमेद पातुवास, रामसिंह बलकरा, ढाणी फौगाट सरपंच मंदीप, प्रवीन इमलोटा व मृतक किसान के पुत्र नवीन, जगबीर उपस्थित थे।