बिदु के 10वीं में 95.20 फीसदी अंक, लैपटॉप मिला न छात्रवृत्ति
- मुख्यमंत्री ने की थी 95 फीसदी अंक वालों को लैपटॉप देने की घोषणा - पिता बलवान ने बेटी के
- मुख्यमंत्री ने की थी 95 फीसदी अंक वालों को लैपटॉप देने की घोषणा
- पिता बलवान ने बेटी के लिए मुख्यमंत्री से लगाई न्याय की गुहार फोटो 04 बीड्ब्ल्यूएन 01 जागरण संवाददाता, भिवानी : बेटियों को आगे बढ़ाने, उनकी शिक्षा आदि को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं पर गांव निमड़ीवाली की छात्रा बिदु के मामले को देखें तो हकीकत कुछ और ही लगती है। गांव नंदगाव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल की इस छात्रा ने मार्च 2017 में 10वीं कक्षा में 95.20 फीसद अंक हासिल कर मेरिट में जगह बनाई। इसके बाद उसने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया, लेकिन एक साल बीतने के बाद भी छात्रवृत्ति नहीं मिली। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार 95 फीसद अंक प्राप्त करने वालों को लैपटॉप दिया जाना था, लेकिन छात्रा बिदु को यहां भी निराशा ही मिली। सारी योग्यताएं होने के बाद भी लैप्टॉप और छात्रवृत्ति न मिलने से छात्रा मायूस है। उसके पिता बलवान सिंह कहते हैं कि मुख्यमंत्री लैपटॉप देने की घोषणा करते हैं बाद में यह भी बयान देते हैं कि 95 फीसदी अंक लेने वाले विद्यार्थियों को लैपटॉप दे दिए हैं। मैं तो यह पूछता हूं जब मेरी बेटी बिदु ने 10वीं ने 500 में से 576 अंक लेकर 95.20 फीसदी अंक हासिल किए हैं। इतना सब होने के बाद भी बेटी को छात्रवृत्ति और लैपटॉप से वंचित रखा गया यह समझ से परे है। पापा से किया वादा, मैं लैपटॉप जरूर हासिल करूंगी
बलवान सिंह कहते हैं कि मुख्यमंत्री का समाचारपत्रों में बयान आया था कि जो छात्र-छात्राएं 95 फीसदी या इससे अधिक अंक हासिल करेंगे उनको सरकार लैपटॉप देगी। बेटी बिदु उस समय 10वीं कक्षा में पढ़ रही थी। बेटी ने समचारपत्र में खबर पढ़ कर यह वायदा किया था, पापा मैं 95 फीसदी से ज्यादा नंबर लेकर लैपटॉप जरूर हासिल करूंगी। बेटी ने खूब मेहनत की और 10वीं कक्षा में 95.20 फीसदी अंक प्राप्त किए। पापा से किए वायदा पूरा होने पर बेटी बहुत खुश थी कि उसे अब लैपटॉप मिलेगा। लेकिन 10किए उसे दूसरा साल शुरू हो गया है। आज तक शिक्षा विभाग और सरकार की तरफ से न तो छात्रवृत्ति मिली और न ही लैपटॉप। शिक्षा विभाग के आला अधिकारी और सरकार बेटी की उपलब्धि पर ध्यान दे और उसे छात्रवृत्ति और लैपटॉप दे। छात्रवृत्ति के लिए वह रजिस्टर्ड डाक से आवेदन भी कर चुके हैं। आवेदन के बाद भी कुछ नहीं मिला तो 24 सितंबर 2018 को फिर से शिक्षा विभाग के आयुक्त के पास आवेदन किया लेकिन आज तक हालत जस की तस है। न तो लैपटॉप मिला है और न ही छात्रवृत्ति। बेटी दिल न टूटे इसलिए शिक्षा विभाग और सरकार से आग्रह है कि उसकी मेहनत का फल उसे दिया जाए।