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किसानों के धरने को 9 माह पूरे, 3 डीसी व 4 विधायक नहीं करवा पा मसले का हल

लोगों द्वारा अपनी मांगों को लेकर धरने प्रदर्शन हड़ताल आंदोलन

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Nov 2019 11:18 PM (IST)Updated: Wed, 27 Nov 2019 06:17 AM (IST)
किसानों के धरने को 9 माह पूरे, 3 डीसी व 4 विधायक नहीं करवा पा मसले का हल
किसानों के धरने को 9 माह पूरे, 3 डीसी व 4 विधायक नहीं करवा पा मसले का हल

संदीप श्योराण, चरखी दादरी : लोगों द्वारा अपनी मांगों को लेकर धरने, प्रदर्शन, हड़ताल, आंदोलन करना आम बात हो गई है। अक्सर देखने में आता है कि चाहे कर्मचारी हो या व्यापारी, किसान हो या मजदूर अधिक से अधिक महीने या बीस दिन बाद प्रशासनिक अधिकारियों या सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा उनकी मांगों को पूरा करवाने के आश्वासन के बाद धरने स्थगित कर दिए जाते हैं। लेकिन इन सब के विपरित मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर गांव रामगनर के समीप धरने पर बैठे किसान तमाम आश्वासनों के बाद लंबे समय से धरने पर डटे हुए हैं। किसानों द्वारा बीते फरवरी माह में शुरू किए गए धरने को 9 माह पूरे हो चुके हैं। इस दौरान जिले के तीन डीसी व चार विधायक भी किसानों के मसले का हल करवाकर या आश्वासनों के माध्यम से इनको संतुष्ट कर धरना नहीं उठवा पाए हैं। जिसके चलते लंबे समय बाद भी जिले के 17 गांवों के किसान दो अलग-अलग स्थानों पर धरनारत हैं। नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इंडिया द्वारा कुरुक्षेत्र के इस्माइलाबाद-गंगहेड़ी से लेकर नारनौल तक करीब 230 किलोमीटर लंबे नेशनल हाइवे 152 डी का निर्माण होना है। प्रदेश के आधा दर्जन जिलों से होकर गुजरने वाला यह हाइवे दादरी जिले से होकर भी निकलेगा। जिसके लिए जिले के 17 गांवों के किसानों से लगभग 750 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होना है। लेकिन जमीन अधिग्रहण के मिलने वाली राशि से किसान संतुष्ट नहीं हैं और वे मुआवजा राशि में वृद्धि की मांग को लेकर गांव रामगनगर व ढाणी फौगाट के समीप धरना दे रहे हैं। धरना शुरू करने के बाद से किसान प्रतिनिधिमंडल की केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी, राज्य मंत्री वीके सिंह, सीएम मनोहर लाल, मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, जिला उपायुक्त इत्यादि के साथ बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों के बाद किसानों ने उनकी मांगों को लेकर सहमति बनने की बात भी कही थी लेकिन मांगें पूरी होने से पहले किसान किसी भी सूरत में धरना खत्म करने को तैयार नजर नहीं आ रहे। बाक्स:

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3 डीसी व 4 विधायक नहीं करवा पाए हल

बाढड़ा व दादरी विधानसभा के जमीन अधिग्रहण से प्रभावित 17 गांवों के किसानों ने मुआवजा राशि में वृद्धि की मांग को लेकर 25 फरवरी को लघु सचिवालय पहुंचकर तत्कालीन दादरी जिला उपायुक्त अजय सिंह तोमर को ज्ञापन सौंपा था। उसके अगले ही दिन इन किसानों ने गांव रामनगर के समीप धरना शुरू कर दिया था। इस दौरान अजय सिंह तोमर के बाद मुकेश कुमार आहूजा व धर्मबीर सिंह ने जिला उपायुक्त का कार्यभार संभाला है। वहीं किसान तत्कालीन बाढड़ा विधायक सुखविद्र सिंह मांढी, दादरी के तत्कालीन विधायक राजदीप फौगाट के अलावा वर्तमान में बाढड़ा विधायिका नैना चौटाला व दादरी विधायक सोमबीर सांगवान से भी गुहार लगा चुके हैं। लेकिन विधायक भी अभी तक मामले को नहीं निपटा पाए हैं। बाक्स:

पांच किसानों की हो चुकी है मौत

धरना शुरू होने के बाद से जमीन अधिग्रहण से प्रभावित गांव खातीवास, ढाणी फौगाट व दातौली के पांच किसानों की मौत हो चुकी है। इनमें से तीन किसानों की मौत हार्टअटैक व दो किसानों की मौत जहरीले पदार्थ के सेवन से हुई थी। धरना कमेटी ने इनकी मौत का कारण अधिग्रहण के चलते मानसिक तनाव बताया था। अपनी मांगों को लेकर अड़े किसानों ने दो किसानों का अंतिम संस्कार काफी समय बीतने के बाद किया था। बाक्स:

कई बड़े नेता पहुंच चुके हैं धरने पर

नौ माह पहले शुरू किए किसानों के धरनों पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर, पांडुचेरी की पूर्व राज्यपाल चंद्रावती, दुष्यंत चौटाला, किरण चौणरी, श्रुति चौधरी, नैना चौटाला व सोमबीर सांगवान इत्यादि पहुंचकर सहायता का आश्वासन दे चुके हैं। इनके अलावा विभिन्न संगठनों से जुड़े लोग व आधा दर्जन से अधिक पूर्व विधायक भी धरने पर पहुंचकर किसानों से मिल चुके हैं। बाक्स:

चुनावों के दौरान भी चलता रहा धरना

किसानों द्वारा फरवरी माह में धरना शुरू करने के बाद मई माह में लोकसभा व अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनावों व होली-दीवाली के दौरान भी किसान धरने पर डटे रहे। केंद्र व प्रदेश में सरकार का दोबारा से गठन हो चुका है। लेकिन सरकार के प्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारी किसानों को संतुष्ट नहीं कर पाए हैं।


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