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सरकारी विभागों पर ही आठ करोड़ संपत्ति कर बकाया, कैसे चलेगा परिषद का कामकाज

शहरी क्षेत्रों में स्थानीय निकायों के लिए संपत्ति कर आमदनी का एक

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Aug 2018 11:52 PM (IST)Updated: Sat, 25 Aug 2018 11:52 PM (IST)
सरकारी विभागों पर ही आठ करोड़ संपत्ति कर बकाया, कैसे चलेगा परिषद का कामकाज
सरकारी विभागों पर ही आठ करोड़ संपत्ति कर बकाया, कैसे चलेगा परिषद का कामकाज

सचिन गुप्ता, चरखी दादरी : शहरी क्षेत्रों में स्थानीय निकायों के लिए संपत्ति कर आमदनी का एक मुख्य स्त्रोत है। सामान्य आदमी तो समय-समय पर संपत्ति कर चुका भी देता है। भले ही इसके लिए चाहे सरकार को विभिन्न योजनाएं लागू कर प्रलोभन देना पड़े। नियमों के अनुसार निकाय की सीमा में आने वाले रिहायशी, व्यावसायिक, सरकारी सभी प्रकार के भवनों का संपत्ति कर स्थानीय निकायों में जमा किया जाता है। लेकिन प्रदेश के चरखी दादरी जिला मुख्यालय में लगभग डेढ़ दर्जन सरकारी विभाग ऐसे भी हैं जिन्होंने नगर परिषद को संपत्ति कर का भुगतान ही नहीं किया है। आंकड़ों की बात करें तो दादरी में इस समय विभिन्न सरकारी विभागों के 23 भवनों का करीब 8 करोड़ 40 लाख 37 हजार रुपये संपत्ति कर बकाया है। सूत्रों के अनुसार दादरी नगर परिषद द्वारा बकाया संपत्ति कर के भुगतान के लिए कई बार इन विभागों को लिखा भी जा चुका है। लेकिन अभी तक संपत्ति कर का भुगतान नहीं किया गया है। इन भवनों का नहीं जमा हुआ संपत्ति कर

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नगर परिषद के आंकड़ों के अनुसार अभी तक जनस्वास्थ्य विभाग के रोहतक रोड तथा चिडिया रोड स्थित भवन, बीडीपीओ कार्यालय, लोहारू वाटर कैनाल, सिटी थाना, सदर थाना, बीएसएनएल लोहारू रोड व पुरानी अनाज मंडी के समीप स्थित भवन, मार्केट कमेटी के नए व पुराने कार्यालय, लोक निर्माण विभाग, वन विभाग, लघु सचिवालय, उपमंडल अधिकारी पुराना कार्यालय, भिवानी सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, दक्षिण हरियाणा विद्युत निगम, हरियाणा विद्युत निगम, भर्ती कार्यालय, न्यायालय परिसर, कृषि विभाग, सहायक रजिस्ट्रार को-आपरेटिव सोसाइटी, सीमेंट कारपोरेशन आफ इंडिया द्वारा संपत्ति कर जमा नहीं करवाया गया है। मार्केट कमेटी की तरफ 2 करोड़ बकाया

दादरी नगर परिषद का अकेले मार्केट कमेटी की तरफ दो करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति कर बकाया है। इसमें मार्केट कमेटी के नए कार्यालय का संपत्ति कर वर्ष 2013 से नहीं भरा गया है। आंकड़ों के अनुसार मार्केट कमेटी के नए कार्यालय का वर्ष 2018 तक का संपत्ति कर 2 करोड़ 8 लाख 45 हजार 900 रूपए तथा पुराने कार्यालय का वर्ष 2001 से बकाया संपत्ति कर की राशि 27 लाख 31 हजार 491 रूपए का भुगतान नहीं किया गया है। बीएसएनएल ने नहीं भरा 20 साल से संपत्ति कर

भारतीय संचार निगम लिमिटेड द्वारा लोहारू रोड स्थित भवन का संपत्ति कर वर्ष 1999 के बाद से भरा नहीं गया। इस भवन का संपत्ति कर करीब 77 लाख 86 हजार रूपए है। जबकि बीएसएनएल के ही पुरानी अनाज मंडी के समीप स्थित कार्यालय का संपत्ति कर करीब तीन लाख 36 हजार रुपये वर्ष 2001 से बकाया है। सीसीआइ का संपत्ति कर पौने दो करोड़

किसी समय में दादरी को भारत के मानचित्र पर पहचान दिलवाने वाली सीसीआई फैक्ट्री भले ही पिछले काफी वर्षों से बंद पड़ी है। लेकिन नगर परिषद के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018 तक सीसीआई की तरफ करीब एक करोड़ 75 लाख रूपए संपत्ति कर की राशि बकाया पड़ी है। हालांकि यह मामला बोर्ड फॉर इंडस्ट्रीयल एंड फाइनेंशियल रिकंस्ट्रक्शन के अंतर्गत विचाराधीन है। 2010 से नहीं जमा हुआ थानों का संपत्ति कर

नगर में स्थित सिटी व सदर थाने के भवनों का संपत्ति कर भी वर्ष 2010 से बकाया चल रहा है। सिटी थाने का करीब 11 लाख 88 हजार रूपए तथा सदर थाने के भवन का करीब 11 लाख 13 हजार 750 रुपये संपत्ति कर जमा नहीं करवाया गया है। विभाग अपना रहे ढीला रवैया

नगर परिषद द्वारा सरकारी विभागों की तरफ बकाया संपत्ति कर जमा करवाने को लेकर पत्राचार भी किया जा चुका है। इसके अलावा बैठकों में भी इस मामले को उठाया जा चुका है। लेकिन सरकारी विभागों द्वारा संपत्ति कर चुकाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही। वसूली के लिए होंगे प्रयास : चेयरमैन

दादरी नगर परिषद के चेयरमैन संजय छपारिया ने कहा कि म्यूनिसिपल एक्ट के प्रावधानों के अनुसार नगर परिषद संपत्ति कर की वसूली के लिए हर संभव प्रयास करेंगी। फिर वह चाहे निजी क्षेत्र का हो या सरकारी, अर्ध सरकारी, निगम, बोर्ड इत्यादि का हो। इस बारे में उच्चाधिकारियों व पार्षदों से बातचीत कर वसूली के लिए सहमति बनाई जाएगी।


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