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सरपंचों और पंचों को मिले मानदेय के 75 लाख

संवाद सहयोगी, बाढड़ा: बाढड़ा खंड के पंच, सरपंच सहित लगभग छह सौ पंचायत प्रतिनिधियों को 1

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Jan 2019 11:05 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jan 2019 11:05 PM (IST)
सरपंचों और पंचों को मिले मानदेय के 75 लाख
सरपंचों और पंचों को मिले मानदेय के 75 लाख

संवाद सहयोगी, बाढड़ा:

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बाढड़ा खंड के पंच, सरपंच सहित लगभग छह सौ पंचायत प्रतिनिधियों को 18 माह बाद आधा मानदेय जारी करने का फैसला पंचायत विभाग ने लिया है। विभाग ने 75 लाख के बजट को स्वीकृत कर दिया है। प्रदेश सरकार द्वारा लगभग एक करोड़ की मानदेय राशि का भुगतान न करने से पंचायत प्रतिनिधियों में रोष था। इस माह 7 जनवरी को दैनिक जागरण ने इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। प्रदेश के विकास एवं पंचायत विभाग ग्रामीण क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों को ग्रामीण जन सेवा के नाम पर अलग अलग निर्धारित मानदेय देता है। इस कड़ी में पंच को एक हजार रुपये मासिक, सरपंच को तीन हजार, बीडीसी को भी प्रति माह मानदेय देती है। प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों में पंचायत प्रतिनिधियों को वर्ष में चार बार मानदेय दिया जाता था। लेकिन मौजूदा सरकार में ढाई वर्ष से अधिक लंबे समय में ग्रामीण मुखियाओं को केवल एक बार ही मानदेय के दर्शन हुए। जिसमें प्रति सरपंच अब 50 हजार व प्रति पंच 18 हजार की राशि केवल बाढड़ा का सरकार की तरफ बकाया होने से एक करोड़ से अधिक का बजट जरूरी हो गया। लेकिन सरकार इस मामले में गंभीर नहीं रही। दैनिक जागरण ने 7 जनवरी को इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो पंचायत विभाग की नींद टूटी और बीडीपीओ जितेंद्र शर्मा ने बकाया 18 माह में से 9 माह के सभी बकाया बिलों को स्वीकृत कर 75 लाख रुपये का बजट आवंटित कर दिया है। शुक्रवार से विभाग द्वारा सभी ग्राम पंचायतों के सरपंचों के खातों में राशी भेजने का कार्य शुरु कर दिया जाएगा।

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बकाया मानदेय भी जारी करें सरकार

सरपंच एसोसिएशन अध्यक्ष सूबे ¨सह कारीमोद, पूर्व अध्यक्ष राकेश बाढड़ा, सचिव अजीत ¨सह सिरसली, प्रेम जांगड़ा, राजेश पंचगावां, हरिकिशन करारी, अजीत कारी ने बताया कि पंचायत विभाग द्वारा नौ माह का मानदेय जारी कर सराहनीय पहल की गई है। लेकिन इसके अलावा शेष नौ माह का मानदेय भी तुरंत जारी करना चाहिए। सरपंच एसोसिएशन ने तिमाही होते ही विकास एवं पंचायत विभाग को पत्र भेजकर अविलंब प्रभाव से मानदेय जारी करने की अपील की लेकिन 18 माह का लंबा कार्यकाल बीत गया। सरकार की नींद नहीं टूटी।

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विकास, मानदेय के लिए बड़ा बजट आवंटित

बीडीपीओ जितेन्द्र शर्मा ने बताया कि खंड के पंचायत प्रतिनिधियों व अन्य कामों के लिए नियुक्त कर्मचारियों का मानदेय उनके आने से पहले ही अटका हुआ है। सफाई कर्मचारियों व चौकीदारों का मानदेय पहले ही जारी किया जा चुका है। पंच सरपंचों के 18 माह में से 9 माह का मानदेय स्वीकृत कर बैंक के माध्यम से ग्राम पंचायतों के खातों में भेजा जा रहा है। इस बारे में सरपंचों से सोमवार तक सब पंचों को मानदेय देने का आदेश दिया गया है और मंगलवार को वे वितरण कार्य की समीक्षा करेंगे।


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