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भावी शिक्षकों का बुरा हाल, डीएलएड की परीक्षाअों 62 फीसद हो गए फेल

हरियाणा में शिक्षा के स्‍तर का अंदाजा यहां के भावी शिक्षकों के हाल से लग जाता है। राज्‍य में घोषित डीएलएड परीक्षाओं में 62 फीसद भावी शिक्षक फेल हाे गए।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 10:34 AM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2019 10:34 AM (IST)
भावी शिक्षकों का बुरा हाल, डीएलएड  की परीक्षाअों 62 फीसद हो गए फेल
भावी शिक्षकों का बुरा हाल, डीएलएड की परीक्षाअों 62 फीसद हो गए फेल

भिवानी, जेएनएन। हरियाणा में शिक्षा के स्‍तर का अंदाजा भावी शिक्षकों के परीक्षा के परिणाम से लगाया जा सकता है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित डीएलएड की परीक्षाओं में करीब 62 फीसद भावी शिक्षक फेल हो गए हैं। इससे राज्‍य में शिक्षा के स्‍तर को सही करने पर सवाल उठ गए हैं।

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डीएलएड प्रवेश वर्ष 2017 के प्रथम वर्ष (री-अपीयर-नवीन पाठ्यक्रम) एवं प्रवेश वर्ष 2016 के द्वितीय वर्ष (री-अपीयर-पुराना पाठ्यक्रम) परीक्षा जनवरी-2019 का परिणाम 15 मार्च को घोषित कर दिया गया है। परीक्षा परिणाम  छात्र-अध्यापक बोर्ड की अधिकारीक वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.बीएसईएच.ओआरजी.आइएन व मोबाइल एप्लीकेशन पर देख सकते हैं।

बोर्ड अध्यक्ष डॉ. जगबीर सिंह एवं बोर्ड सचिव राजीव प्रसाद ने बताया कि वार्षिक प्रणाली के तहत डीएलएड प्रवेश वर्ष 2017 के प्रथम वर्ष (री-अपीयर) की परीक्षा में कुल 8587 परीक्षार्थी शामिल हुए। इनमें 5076 छात्राओं में से 1901 छात्राएं और 3511 छात्रों में से 929 छात्र उत्तीर्ण हुए हैं। उन्होंने बताया कि इस परीक्षा में शहरी क्षेत्र के परीक्षार्थियों की पास प्रतिशतता 35.77 रही, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के परीक्षार्थियों की पास प्रतिशतता 32.26 रही है।

उन्होंने बताया कि डीएलएड प्रवेश वर्ष 2016 के द्वितीय वर्ष (री-अपीयर) परीक्षा में कुल 4136 परीक्षार्थी बैठे। इनमें 2885 छात्राओं में से 975 छात्राएं और 1251 छात्रों में से 375 छात्र उत्तीर्ण हुए हैं। इसमें शहरी क्षेत्र के परीक्षार्थियों की पास प्रतिशतता 37.85 रही, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के परीक्षार्थियों की पास प्रतिशतता 31.37 रही है।

राजीव प्रसाद ने बताया कि परीक्षा की संस्थावार परिणाम शीट्स  संस्थाओं की लॉग इन आइडी पर भेजी जाएगी। परीक्षा में री-अपीयर रहे छात्र-अध्यापकों के आगामी परीक्षा के लिए आवेदन-पत्र भी संबंधित संस्था की लॉग इन आइडी पर उपलब्ध पैनल के माध्यम से ऑनलाइन भरे जाएंगे।

उन्होंने बताया कि डीएलएड (री-अपीयर) के लिए परीक्षा शुल्क 800 रुपये प्रति विषय है। एक से अधिक विषयों में री-अपीयर परीक्षा शुल्क प्रति विषय 200 रुपये अतिरिक्त होगा और अधिकतम परीक्षा शुल्क 2000 रुपये प्रति छात्र-अध्यापक होगा।

राजीव प्रसाद ने बताया कि आगामी परीक्षा जुलाई-2019 के लिए री-अपीयर रहे छात्र-अध्यापकों के ऑनलाइन आवेदन-पत्र भरने की तिथियां बिना विलम्ब शुल्क 20 से 30 मार्च तक, 100 रुपये विलंब शुल्क सहित 31 मार्च से 06 अप्रैल तक, 300 रुपये विलंब शुल्क सहित 7 अप्रैल से 13 अप्रैल तक और 1000 रुपये विलंब शुल्क सहित 14 से 20 अप्रैल तक निर्धारित की गई है।


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