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गंदगी के ढेरों के बीच सरकारी स्कूल में पढ़ रहे 600 छात्र

चरखी दादरी : यूं तो सरकार द्वारा प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लि

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Jan 2019 11:39 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jan 2019 11:39 PM (IST)
गंदगी के ढेरों के बीच सरकारी स्कूल में पढ़ रहे 600 छात्र
गंदगी के ढेरों के बीच सरकारी स्कूल में पढ़ रहे 600 छात्र

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : यूं तो सरकार द्वारा प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे है। लेकिन कई स्कूल ऐसे भी हैं जहां पर मूलभूत सुविधाओं की काफी कमी है। ऐसी ही हालत जिले के गांव काकड़ौली सरदारा स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की है। गांव काकड़ौली सरदारा स्थित सरकारी स्कूल में फैली गंदगी स्वच्छ भारत मिशन को भी आईना दिखा रही है। स्कूल परिसर व आसपास के क्षेत्र में फैली गंदगी के कारण स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने आने वाले सैकड़ों विद्यार्थियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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स्कूल में मौजूद सुविधाओं पर गौर किया जाए तो कहने को तो कक्षा छठी से बारहवीं तक के परिसर में चार शौचालय हैं लेकिन इन शौचालयों में पानी की नियमित आपूर्ति नहीं है। न ही यहां पर सफाई को लेकर कोई विशेष प्रबंध है। मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण शौचालय इतने दयनीय स्थिति में है कि इनमें प्रवेश करना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। स्कूल में छात्राओं के लिए बने शौचालयों की हालत तो इतनी खराब है कि इनके उपर छत ही नहीं है। इसके अलावा ना ही यहां पर पानी की आपूर्ति है। इनमें कभी भी सफाई नहीं की जाती। जिसके कारण यहां पर काफी गंदगी भी फैली हुई है। समय पर सफाई न होने के कारण आसपास का माहौल भी दुर्गधमय रहता है। जिससे विद्यार्थियों के साथ-साथ स्टाफ सदस्यों को भी परेशानी होती है। स्कूल के बाहर व आसपास भी साफ-सफाई के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं है। स्कूल के बाहर बनी नालियों में दूषित पानी जमा रहता है। कूड़ेदान भी कूड़े से भरे रहते है। जिससे विद्यार्थियों को स्कूल तक पहुंचने में भी परेशानी होती है। स्कूल में व्याप्त इन समस्याओं के समाधान के लिए विद्यार्थियों द्वारा सीएम ¨वडो पर भी शिकायत दर्ज करवाई गई थी। लेकिन समस्या का समाधान किए बिना ही शिकायत को बंद कर दिया गया। केवल कागजी कार्रवाई करके ही फाइल को कर दिया बंद

उल्लेखनीय है कि गांव काकड़ौली सरदारा के सरकारी स्कूल में बनी इन समस्याओं के समाधान को लेकर दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों ने अगस्त 2018 में सीएम ¨वडो पर भी शिकायत की थी। सीएम ¨वडो पर शिकायत करने के बाद खंडस्तरीय अधिकारियों ने केवल कागजी कार्रवाई कर बीती 31 अक्टूबर 2018 को फाइल को बंद कर दिया गया। सीएम ¨वडो पर शिकायत डालने के बावजूद समस्या का समाधान न होने से विद्यार्थियों व स्टाफ सदस्यों की परेशानियों का समाधान नहीं हो सका। 600 विद्यार्थी पढ़ते है स्कूल में

गांव काकड़ौली सरदारा स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में फिलहाल 600 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे है। जिसमें करीब 200 लड़कियां तथा 400 लड़के शामिल है। साथ लगते लगभग आधा दर्जन गांवों में सीनियर सैकेंडरी स्कूल ना होने के कारण वहां से भी काफी संख्या में यहां पर पढ़ने के लिए आते है। लेकिन स्कूल में बने शौचालयों की हालत बेहद खराब होने के कारण शायद ही कोई अभिभावक अपने बच्चों को इस स्कूल में पढ़ाना चाहेगा। छत के नाम पर नजर आता आसमान

स्कूल में बने शौचालयों में छत के नाम पर आसमान नजर आता है। जिस कारण स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं को शौच करने में शर्मिंदगी महसूस होती है। लड़कों के लिए बनाए गए शौचालयों की हालत भी कुछ खास नहीं है। ऐसे में बच्चों की शिक्षा तो प्रभावित होती है ही, साथ ही अभिभावक भी समस्या को लेकर परेशान है। मौके का करेंगे निरीक्षण : बीईओ

बाढड़ा के खंड शिक्षा अधिकारी श्रीकिशन शर्मा ने बताया कि उन्होंने कुछ समय पहले काकड़ौली सरदारा स्कूल का दौरा किया था। वहां पर शौचालयों की हालत काफी दयनीय है। इसके चलते स्कूल प्रबंधन कमेटी को प्रपोजल बनाकर भिजवाने की बात कही थी। लेकिन अभी तक उन्हें प्रपोजल भेजने की कोई जानकारी नहीं मिली है। शर्मा ने कहा कि जल्द ही वे फिर से स्कूल का दौरा कर समस्याओं का समाधान करवाएंगे।


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