मौसम : दादरी में 20 एमएम बारिश, गर्मी व उमस से मिली राहत, जलभराव से बढ़ी परेशानी
बुधवार दोपहर पूर्व हुई वर्षा से दादरी जिले में पिछले कई
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी :
बुधवार दोपहर पूर्व हुई वर्षा से दादरी जिले में पिछले कई दिनों से वर्षा का इंतजार कर रहे लोगों को काफी राहत मिली। गर्मी, उमस से भी काफी हद तक निजात मिली, लेकिन दादरी नगर के कई भागों में जलभराव से सायं तक लोगों को खासी परेशानी से जूझना पड़ा। इसके साथ ही खरीफ की फसलों के लिए बरसात को काफी बेहतर माना जा रहा है। वर्षा को लेकर जिले के किसान काफी खुश नजर आए।
बुधवार तड़के दादरी जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में वर्षा शुरू हो गई थी। कभी तेज व कभी हल्की वर्षा का सिलसिला दोपहर 12 बजे तक जारी रहा। इसे इस मौसम की यहां सबसे अच्छी वर्षा माना गया। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पिछले एक माह के दौरान प्रदेश के कई भागों में काफी वर्षा हुई है। वहीं दादरी जिले में इस बार सामान्य से काफी वर्षा होने से किसानों के साथ साथ आम लोगों की चिताएं बढ़ती जा रही थी। बुधवार की वर्षा से लोगों को काफी राहत मिली है।
------------
इन स्थानों पर हुआ जलभराव
बुधवार सुबह से दोपहर तक हुई वर्षा से दादरी नगर के लाला लाजपतराय चौक, पुराना बस स्टैंड, तहसील रोड, बस स्टैंड के पीछे की कालोनियों, प्रेम नगर, चरखी गेट, सैनीपुरा, गीता भवन के पीछे कालोनियों, कालेज रोड, मथुरी घाटी, रोडवेज वर्कशॉप परिसर, बस स्टैंड के पीछे की कालोनियों, लोहारू रोड, भगवान परशुराम चौक, सब्जी मंडी के आसपास, रेलवे रोड इत्यादि में जलभराव से लोगों को खासी परेशानियों से जूझना पड़ा। हालांकि सांय तक अधिकतर भागों से पानी की निकासी हो गई थी, लेकिन कुछ स्थानों पर उसके बाद भी हालात काफी विकट बने रहे।
-------------
बरसात के बाद गिरा तापमान
दादरी जिले में बुधवार सुबह तक अधिकतम तापमान 32 व न्यूनतम 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। वर्षा के बाद जिले में न्यूनतम तापमान गिरकर 23 डिग्री तक पहुंच गया। वहीं जिले के अलग अलग भागों में औसत वर्षा 20 एमएम रिकार्ड की गई है।
----------
खरीफ की फसलों को फायदा
दादरी जिले के किसान सत्यनारायण, रविन्द्र सिंह, जयपाल, मनफूल, विरेन्द्र सिंह, रमेश इत्यादि ने बताया कि बुधवार को हुई वर्षा से खरीफ की फसलों विशेषकर कपास, बाजरा, मूंग, ज्वार, ग्वार, गन्ना, धान इत्यादि को काफी लाभ होगा। सिचाई को लेकर ट्यूबवेलों व नहरी पानी की निर्भरता कम होगी। वहीं कुछ हद तक मवेशियों के लिए चारे व पानी की समस्या का भी समाधान होगा।