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ड्रोन की मदद से जपपुर की एजेंसी करेगी शहर का सर्वे, हर प्रापर्टी का होगा 16 डिजिट का यूनिक आइडी नंबर

ड्रोन की मदद से जपपुर की एजेंसी करेगी शहर का सर्वे, हर प्रापर्टी का होगा 16 डिजिट का यूनिक आइडी नंबर

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Oct 2018 12:51 AM (IST)Updated: Thu, 25 Oct 2018 12:51 AM (IST)
ड्रोन की मदद से जपपुर की एजेंसी करेगी शहर का सर्वे, हर प्रापर्टी का होगा 16 डिजिट का यूनिक आइडी नंबर
ड्रोन की मदद से जपपुर की एजेंसी करेगी शहर का सर्वे, हर प्रापर्टी का होगा 16 डिजिट का यूनिक आइडी नंबर

कृष्ण वशिष्ठ, बहादुरगढ़: साल दर साल घट रही प्रापर्टी टैक्स की रिकवरी अब शहरी स्थानीय निकाय विभाग के लिए ¨चता का विषय बन गया है। ऐसे में अब प्रापर्टी टैक्स की रिकवरी बढ़ाने के लिए विभाग ने कड़ा कदम उठाया है। टैक्स की रिकवरी कम से कम 40 फीसद अधिक बढ़ाने के लिए विभाग ने नए सिरे से शहर में प्रापर्टी का सर्वे कराने, बिल बनाने और बिल बांटने का काम अब जयपुर की एक एजेंसी को दिया है। एजेंसी की ओर से ड्रोन की मदद से जीपीएस सिस्टम के सहारे शहर की प्रापर्टी का सर्वे किया जाएगा। हर प्रापर्टी की 16 डिजिट की यूनिक आइडी दी जाएगी। ड्रोन की मदद से सर्वे होने के बाद यह पता लगाया जा सकेगा कि शहर की किस प्रापर्टी पर प्लाट खाली है या फिर रिहायशी और वाणिज्यिक या औद्योगिक। रजिस्ट्री देखकर प्रापर्टी का पूरा ब्योरा आनलाइन किया जाएगा। शहर की सभी प्रापर्टी और उसके नेचर का पूरा ब्योरा आनलाइन होने के बाद सरकार के नियमानुसार प्रापर्टी टैक्स के बिल बनाए जाएंगे। बिल वितरण का काम भी यहीं एजेंसी करेगी और प्रापर्टी टैक्स वसूलने का काम भी एजेंसी के माध्यम से ही किया जाएगा। सर्वे पूरा होने के बाद चार साल तक प्रापर्टी टैक्स की रिकवरी, बिल बनाकर उनके वितरण का काम एजेंसी के द्वारा ही किया जाएगा। इसके लिए शहरी स्थानीय विभाग के मुख्यालय की ओर से ही एजेंसी को टेंडर की शर्त अनुसार अदायगी की जाएगी। प्रापर्टी का पूरा ब्योरा आनलाइन होने के बाद लोग न केवल अपनी प्रापर्टी को आनलाइन चेक कर सकेंगी बल्कि उसके प्रापर्टी टैक्स और अन्य शुल्क की अदायगी भी घर बैठे आनलाइन ही कर सकेंगे। टैक्स की रिकवरी पूरे प्रदेश में कम होने की वजह से विभाग ने एजेंसी के माध्यम यह कार्य करने का निर्णय लिया है। विभाग के अनुसार पूरे प्रदेश में वर्ष 2016-17 में प्रापर्टी टैक्स की रिकवरी 600 करोड़ हुई थी जो 2017-18 में घटकर 475 करोड़ ही रह गई। ऐसे में जयपुर की इस एजेंसी को ठेका देने के बाद विभाग का लक्ष्य एक साल में 2 हजार करोड़ रुपये प्रापर्टी टैक्स वसूलने का है। बहादुरगढ़ में मार्च तक चलेगा सर्वे, वार्ड वाइज व कालोनी वाइज बनेगा प्रापर्टी का मैप जयपुर की यह एजेंसी बहुत जल्द ही शहर में प्रापर्टी सर्वे का काम शुरू कर देगी। बहादुरगढ़ शहर में यह सर्वे मार्च तक पूरा कर लिए जाने का अनुमान है। इसके बाद एजेंसी वार्ड वाइज व कालोनी वाइज प्रापर्टी का मैप भी बनाएगी। सर्वे पूरा होने और प्रापर्टी का पूरा ब्योरा अपडेट होने के बाद सरकार के नियमानुसार हर प्रापर्टी का बिल बनाकर उसे घर-घर वितरण का काम एजेंसी करेगी, जिससे प्रापर्टी टैक्स की रिकवरी बढ़ने का पूरा अनुमान है। आठ सालों में इस साल सबसे कम हुई रिकवरी बहादुरगढ़ शहर में प्रापर्टी टैक्स की रिकवरी साल दर साल घटती ही जा रही है। पिछले आठ साल में टैक्स की रिकवरी सबसे निचले पायदान पर है। बहादुरगढ़ में पिछले आठ सालों में सबसे ज्यादा रिकवरी 2013-14 में हुई थी। इस साल 62 फीसद से भी अधिक टैक्स की रिकवरी हुई थी, मगर इस साल अब तक 25 फीसद टैक्स की ही रिकवरी हुई जो बेहद कम मानी जा रही है। शहर की 66693 प्रापर्टी का ब्योरा:

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रिहायशी:

प्लाट साइज वर्ग गज संख्या

0-300 36435

301-500 1580

501-1000 366

1000 से अधिक 175 वाणिज्यिक:

0-50 3157

51-100 905

101-150 558

151-200 419

200 से अधिक 914 खाली प्रापर्टी:

0-300 17851

301-500 1924

501-1000 800

1000 से अधिक 479 वर्ष 2011-12 से लेकर अब तक के प्रापर्टी टैक्स का विवरण:

वर्ष एरियर समेत कुल मांग रिवकरी फीसद

2011-12 10600104 3734106 39.58

2012-13 16865998 2718902 49.23

2013-14 23947096 15000000 62.63

2014-15 10894709 3394709 31.15

2015-16 17500000 9302313 53.15

2016-17 18197687 8146203 44.76

2017-18 20051484 6705121 33.43

2018-19 23346363 5923002 25.37 --टैक्स की रिकवरी बढ़ाने के लिए जल्द शुरू होगा सर्वे:अपूर्व इस बारे में नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अपूर्व चौधरी ने बताया कि विभाग मुख्यालय की ओर से जयपुर की एक एजेंसी को शहर में प्रापर्टी टैक्स का सर्वे करने का टेंडर दिया गया है। जल्द ही यह एजेंसी बहादुरगढ़ में सर्वे शुरू कर देगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह सर्वे पूरा होने के बाद एजेंसी चार साल तक टैक्स रिकवरी का काम भी करेगी और कम से कम 40 फीसद अधिक टैक्स की रिकवरी जरूर होगी।


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