फर्जीवाड़ा रोकने के लिए अब कंप्यूटराइज्ड होंगे वाहनों के परमिट
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: वाहनों में बढ़ रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए अब परमिटों
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:
वाहनों में बढ़ रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए अब परमिटों को कंप्यूटराइज्ड कर दिया गया है। इससे उन्हीं वाहनों को परमिट मिलेंगे, जिन वाहनों के सभी कागजात पूरे होंगे। पासिंग के दौरान एक कागज भी अधूरा रहा, तो कंप्यूटर फाइल स्वीकार नहीं करेगा। इससे वाहनों की पूरी डिटेल विभाग के पास होगी और कहीं भी उनका ऑनलाइन रिकॉर्ड चेक किया जा सकता है। आरटीए की तरफ से यह नकेल कसी गई है। इस सिस्टम से वाहन संचालक बीमा से लेकर टैक्स भी समय पर जमा करवाएंगे।
दरअसल, शुरुआत से ही मेनुअल कार्य होने के कारण कागजों में गड़बड़ होने का संदेह रहता है। कई बार शिकायतें मिलती थी कि पासिंग के दौरान न तो गाड़ी का पॉल्यूशन चेक किया और न ही बीमा। सेल्स टैक्स तक जमा नहीं करवा रखा है। लेकिन कई साल से चल रहे अधूरे कागजों को अब पूरा करने का समय आ गया है। अब ऑनलाइन सिस्टम से तभी परमिट मिलेगा, जब पिछला रिकॉर्ड भी अपडेट करेंगे। अगर कागजात पूरे नहीं करेंगे, तो वाहन का न तो नेशनल परमिट मिलेगा और न ही टूर परमिट। प्रत्येक वाहन की पासिंग साल में एक बार होती है।
अधिकाश गाड़ियों के अधूरे मिल रहे दस्तावेज
आरटीए कार्यालय में रोजाना सैंकड़ों वाहनों की कागजी प्रक्रिया होती है। इनमें से भारी संख्या में वाहनों के कागजात अधूरे मिलते हैं। इनकी फाइलों को लौटाया जा रहा है। जब तक ऑब्जेक्शन दूर नहीं करेंगे, तब तक परमिट संबंधित फाइल पास नहीं होगी।
ये परमिट ऑनलाइन
ट्रक, बस, स्कूल बसें, ऑटो रिक्शा आदि वाणिज्यिक वाहनों का परमिट ऑनलाइन किया जा रहा है। इसकी शुरुआत हो चुकी है। ऑनलाइन परमिट देने के लिए कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दिलाई गई थी।
अधूरे कागजों में अड़चन
अधूरे कागजों में कानूनी प्रक्रिया में कई अड़चनें हैं। किसी प्रकार की दुर्घटना होती है, तो क्लेम में ऑब्जेक्शन लगता है। दूसरा कारण है कि गाड़ी के सभी डॉक्यूमेंट्स पूरे होते हैं, तो चालक बेझिझक गाड़ी चलाते हैं। अधूरे कागजों में चालक घबराए रहते हैं कि कहीं चेकिंग हुई तो वह फंस सकते हैं। इसलिए कई बार चेकिंग देखकर चालक हड़बड़ा जाते हैं और हादसे के शिकार हो जाते हैं।
ये हैं निर्धारित रेट
आरटीए कार्यालय के अनुसार भारी वाहनों के 5 साल के लिए नेशनल परमिट की फीस 6450 रुपये के करीब तय की गई है तथा एक साल की 2400 रुपये है। लाइट व्हीकल की 4700 पाच के लिए और 2000 रुपये एक साल के लिए। बड़ी स्कूल बस के लिए 5450 पाच साल के लिए और 1400 रुपये एक साल के लिए है। लाइट व्हीकल स्कूल बस के लिए 3700 पाच साल के लिए और 1000 एक साल के लिए फीस है। इसी प्रकार से टैक्सी के लिए 5950 रुपये पाच साल के और 1900 रुपये एक साल के लिए फीस निर्धारित की गई है।
वर्जन
परमिटों को कंप्यूटराज्ड कर दिया गया है। इससे विदाउट टैक्स गाड़ी नहीं चल पाएगी और पासिंग के दौरान सभी कागजात पूरे करवाने होंगे।
-मनीष मदान, सहायक सचिव, आरटीए