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फिर खड़ा हुआ पेयजल संकट, पांच में से दो टैंक खाली, पानी को तरस सकते हैं दो लाख लोग

गर्मी बढ़ते ही शहर में एक बार फिर पेयजल संकट खड़ा हो गया है। माइनर में पानी की मात्रा कम है और उससे बंटवारे को लेकर हमेशा की तरह ही जन स्वास्थ्य विभाग (पीएचईडी) और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) में तकरार हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 07:30 AM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 07:30 AM (IST)
फिर खड़ा हुआ पेयजल संकट, पांच में से दो टैंक खाली, पानी को तरस सकते हैं दो लाख लोग
फिर खड़ा हुआ पेयजल संकट, पांच में से दो टैंक खाली, पानी को तरस सकते हैं दो लाख लोग

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : गर्मी बढ़ते ही शहर में एक बार फिर पेयजल संकट खड़ा हो गया है। माइनर में पानी की मात्रा कम है और उससे बंटवारे को लेकर हमेशा की तरह ही जन स्वास्थ्य विभाग (पीएचईडी) और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) में तकरार हो गई है। जिस आउटलेट (पाइप) से पीएचईडी को पानी मिलता है, उससे बार-बार छेड़छाड़ हो रही है। इसका आरोप एचएसवीपी पर है।

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सोमवार को खुद विभाग के अधीक्षण अभियंता (एसई) जगबीर मलिक स्थिति का जायजा लेने पहुंचे। मंगलवार को इस मसले पर डीसी ने दोनों विभागों के अलावा सिचाई विभाग के अधिकारियों को भी तलब किया है। इधर, विभाग के टैंक खाली होते जा रहे हैं। जल्द आपूर्ति नहीं बढ़ती तो शहर की दो लाख की आबादी एक-एक बूंद पानी को तरस सकती है। दरअसल जिस माइनर (बीडब्ल्यूएस) से इन दोनों विभागों को पानी मिलता है उसकी देखरेख का जिम्मा सिचाई विभाग की दिल्ली डिवीजन के पास है। माइनर खस्ताहाल है। इसकी क्षमता बेहद कम हो गई है। विभाग का दावा तो है कि इससे 35 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है। मगर ऐसा हो तो दिक्कत ही न आए। ये है दोनों विभागों की डिमांड

एचएसवीपी के जिम्मे औद्योगिक और रिहायशी सेक्टरों में पानी सप्लाई करना है। जबकि बाकी शहर में जन स्वास्थ्य विभाग पानी देता है। एचएसवीपी की जरूरत 14 क्यूसेक की है। जबकि जन स्वास्थ्य विभाग 15 क्यूसेक की जरूरत बता रहा है। मगर उपलब्धता दोनों विभागों के पास 50 फीसद ही है। इसलिए माइनर से दोनों विभाग ज्यादा पानी लेने की कोशिश करते हैं, उसी से तकरार है। विभाग के टैंक हो रहे खाली

जन स्वास्थ्य विभाग के पास पांच टैंक हैं। दो तो बिल्कुल खाली हैं। बाकी तीन में से एक में तीन फीट और दो में ढाई-ढाई फीट पानी है। यह मुश्किल से तीन-चार दिन की ही स्टोरेज है। ऐसे में पानी की सप्लाई नहीं बढ़ी तो हर बार की तरह ही इस बार भी भीषण गर्मी में लोगों को एक-एक बूंद पानी के लिए तरसना पड़ सकता है। एसई ने किया दौरा, जाने हालात

दअरसल, जन स्वास्थ्य विभाग का जो माइनर में आउटलेट है, उससे अब छेड़छाड़ की गई है। बड़े पाइप की जगह छोटा पाइप लगाया गया है। इससे माइनर से टैंकों में कम पानी आ रहा है। इसी कारण टैंक खाली हो रहे हैं। उधर, एचएसवीपी उल्टा जन स्वास्थ्य विभाग पर ही पहले से लगे पाइप को हटाकर गलत तरीके से बड़ा पाइप लगाने का आरोप लगा रहा है है। मगर पानी की कम उपलब्धता पर शहर के लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। इस मसले को विभाग ने उपायुक्त के समक्ष रखा था। उन्होंने मंगलवार को तीनों विभागों को तलब किया है। इससे पहले जन स्वास्थ्य विभगा के एसई जगबीर सिंह ने पूरे हालातों का जायजा लेकर रिपोर्ट तैयार की। पानी की उपलब्धता को लेकर माइनर का दौरा किया गया है। आउटलेट को लेकर जो विवाद है वह विभागों के बीच है। इसको सुलझाया जाएगा। शहर में पानी की कमी नहीं होने दी जाएगी।

-जगबीर सिंह, एसई, जन स्वास्थ्य विभाग।


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