Move to Jagran APP

हरियाणा दिवस पर विशेष: हरियाणा से होता था भेदभाव, गठन के बाद गांवों तक पहुंची बिजली, सड़कों का बिछा जाल और बहादुरगढ़ बन गया औद्योगिक हब

1940 ??? ???? ???? ???? ?????? ??? ??? ??? ?? ??? 10??? ?? ?? ????? ?? ??? ????????? ?? ????? ??? ?? ????? ??? ????? ??????????? ?? ??????? ??? ????? ??? ???? ?? 1959 ??? ??? ???? ?????? ??? ???? ?????? ???? ????? ?? ??? ???? ?? ???? ???? ????????? ?????? ?? ????? ?? ?????? ??? ?????? ???? ??? ??????? ????? ?? ?????? ???? ?? ??? ?? ??????? ?? ??? ????? ?? ????? ??????-????????? ?? ??? ?? ??? ?????? ???? ??? ?? ???? ????? ??? ?? ?? ????? ?? ?? ??????? ?? ??? ?????? ????? ?? ???? ???? ?? ?? ???

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 05:41 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 06:41 AM (IST)
हरियाणा दिवस पर विशेष: हरियाणा से होता था भेदभाव, गठन के बाद गांवों तक पहुंची बिजली, सड़कों का बिछा जाल और बहादुरगढ़ बन गया औद्योगिक हब
हरियाणा दिवस पर विशेष: हरियाणा से होता था भेदभाव, गठन के बाद गांवों तक पहुंची बिजली, सड़कों का बिछा जाल और बहादुरगढ़ बन गया औद्योगिक हब

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

loksabha election banner

1940 में मेरा जन्म गांव सांखोल में हुआ था। उस समय 10वीं तक की पढ़ाई के लिए बहादुरगढ़ और बादली में ही स्कूल था। पंजाब यूनिवर्सिटी से संबंधित थे। दसवीं पास करते ही 1959 में नगर निगम दिल्ली में बतौर क्लर्क मेरी नौकरी लग गई। गांव से पैदल चलकर बहादुरगढ़ स्टेशन से ट्रेन से पकड़कर मैं दिल्ली जाता था। संयुक्त पंजाब का हिस्सा होने की वजह से हरियाणा के साथ विकास के अलावा शिक्षा-स्वास्थ्य के नाम पर खूब भेदभाव होता था। जब मेरी नौकरी लगी तो उस दौरान से ही हरियाणा के अलग प्रांत बनाने की मांग शुरू हो गई थी। धीरे-धीरे इस मांग ने जोर पकड़ा और आखिरकार 1 नवंबर 1966 को हरियाणा अलग राज्य बन गया। मुझे पूरी तरह याद है कि उस समय बहादुरगढ़ सिर्फ ब्लॉक होता था। रोहतक जिला होता था और झज्जर तहसील। गांवों में बिजली नहीं थी। सड़कों की जगह कच्चे रास्ते होते थे। बाजार के नाम पर मेन बाजार होता था, जहां सब्जी मंडी भी थी। रेलवे रोड बाद में विकसित हुआ। काठ मंडी व अनाज मंडी अंग्रेजों के समय की ही थी। अब जहां सेक्टर छह बसा हुआ है वहां पर हमारे गांव के खेत होते थे। हरियाणा बनने से पहले सिविल अस्पताल के साथ लगता पुराना औद्योगिक क्षेत्र ही था जिसमें कुछ एक फैक्टरियां थी। हरियाणा बनने के बाद अपना अलग से बजट हो गया और जब बंसीलाल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने गांव-गांव में बिजली पहुंचाने का काम किया। साथ ही सड़कें भी बनवाई गई। बंसीलाल आर्किटेक्चर आफ हरियाणा के नाम से भी मशहूर हुए। देखते ही देखते बहादुरगढ़ गेटवे ऑफ हरियाणा बन गया। अब बहादुरगढ़ औद्योगिक हब के रूप में विकसित हो गया है। यहां बना जूता पूरे देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी धाक जमा रहा है। पहले तो यातायात के बहुत कम साधन थे और मेरी आंखों के सामने ही बहादुरगढ़ अब मेट्रो सिटी के नाम से भी जाना जाने लगा है। यहां से गुजर रहे केएमपी पर वाहन फर्राटा भर रहे हैं। विकास को जो ये पहिये लगे, वो सब हरियाणा के गठन के बाद ही लगे वरना संयुक्त पंजाब के समय तो सीएम पंजाब क्षेत्र के ही बनते रहे और वो हरियाणा के साथ सौतेला व्यवहार करते रहे। अब म्हारा हरियाणा बढ़ रहा और खूब फल-फूल रहा है।

- इंद्रमुनि शर्मा, समाज सेवक, उम्र 79 वर्ष, सेक्टर छह, बहादुरगढ़।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.