गावों के बेसहारा पशु शहर में पहुचे, सड़कों पर बने आफत
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : गावो के बेसहारा पशु अब शहरों में पहुच रहे है। इ
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
गावो के बेसहारा पशु अब शहरों में पहुच रहे है। इससे ये सड़कों पर आफत बन गए है। पखवाड़े भर में ही इनकी संख्या कई गुना बढ़ गई है। इधर नगर परिषद भी मजबूर है। उसके पास इन पशुओं के लिए कोई जगह नही है। ऐसे में शहर के लोग जिला प्रशासन के स्तर पर इन पशुओं के लिए किसी व्यवस्था की अपेक्षा जता रहे है।
विगत में नगर परिषद की ओर से शहर को बेसहारा पशुओं से मुक्त किया गया था। मगर अब फिर से शहर के विभिन्न हिस्सों में पशुओं की संख्या बढ़ गई है। रातों-रात ये पशु कहा से आ गए, यह सवाल बना हुआ है। ये पशु सड़कों पर आफत बन रहे है। शनिवार को पुराने कोर्ट परिसर के मोड़ के पास दिल्ली-रोहतक रोड पर पशुओं का एक झुंड आफत बन गया।
बताया जा रहा है कि आसपास के गावों से बेसहारा पशुओं को शहर में छोड़ा जा रहा है। इनमें से आधे से ज्यादा तो राजस्थान से आने वाले गायों के झुंड से छूटे हुए है। बाकी पशुओं को गावों से यहा भेजा गया है। गाव में ये पशु खेती को नुकसान पहुचाते हैं। ऐसे में किसानों द्वारा या तो दूर तक इन्हे खदेड़ दिया जाता है या फिर वाहनों में भरकर शहर में छोड़ा जाता है ताकि खेती बची रहे। इधर शहर में इन पशुओं के लिए सड़कें ही बसेरा बनती है। शहर में इन पशुओं के कारण कई हादसे हो चुके है। जिनमें कई लोगों की जान जा चुकी है। शहरवासी बोले, समस्या का हो स्थाई समाधान
नगर परिषद भी इनको लेकर मजबूर है। नप के पास अपनी कोई जमीन तो है नही। पिछले दिनों पशुओं को गो शालाओं में छोड़ा गया था। मगर बाद में गो शाला संचालकों ने इससे हाथ खड़े कर लिए। उन्होंने वहा पर व्यवस्था न होने की बात कही। ऐसे में अब शहर वासियों का कहना है कि जिला उपायुक्त की ओर से ही प्रशासनिक अधिकारियों से मंथन करके इस समस्या का स्थायी हल निकालना चाहिए। वर्जन..
नगर परिषद के पास इन पशुओं के लिए कोई जगह नही है। फिर भी सरकार के नियम के अनुसार जो व्यवस्था हो सकती है, उस पर काम किया जाएगा। इसके लिए उच्चाधिकारियों से दिशा निर्देश लिए जाएंगे।
--अपूर्व चौधरी, ईओ, नगर परिषद बहादुरगढ़।