Move to Jagran APP

स्टाफ की कमी मरीजों पर भारी, नहीं मिल रहा प्राइवेट वार्ड का लाभ

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: स्वास्थ्य विभाग की ओर से 100 बिस्तरों के सिविल अस्पताल को अप

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 11:36 PM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 11:44 PM (IST)
स्टाफ की कमी मरीजों पर भारी, नहीं मिल रहा प्राइवेट वार्ड का लाभ
स्टाफ की कमी मरीजों पर भारी, नहीं मिल रहा प्राइवेट वार्ड का लाभ

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

loksabha election banner

स्वास्थ्य विभाग की ओर से 100 बिस्तरों के सिविल अस्पताल को अपग्रेड कर 200 बिस्तरों का अस्पताल भले ही बना दिया गया हो लेकिन यहा पर करीब एक साल से लोगों को प्राइवेट वार्ड का लाभ नहीं मिल पा रहा। मरीज व उनके तीमारदार अस्पताल की तीसरी मंजिल पर बने इस वार्ड का लाभ उठाने के लिए हर रोज अस्पताल प्रबंधन से माग करते हैं लेकिन उसके बाद भी इस वार्ड की सुविधाएं मरीजों को नहीं मिल पा रही है। इसके पीछे स्टाफ की कमी का हवाला देकर अस्पताल प्रबंधन अपना पल्ला झाड़ लेता है।

दरअसल, सिविल अस्पताल में हर रोज 1500 से ज्यादा की ओपीडी है। इनमें से कई मरीजों को गंभीर हालत के चलते दाखिल भी किया जाता है, लेकिन वार्डो में कुछ लोग अपने को आरामदायक नहीं समझते और वे प्राइवेट वार्ड की माग अस्पताल प्रबंधन से करते रहते हैं, ताकि प्राइवेट वार्ड मिलने पर न तो वे स्वयं परेशान हो और न ही उनके तीमारदार। ऐसी स्थिति में हर तरह के झझट से बचने के लिए वे विभाग की ओर से निर्धारित फीस की अदायगी कर प्राइवेट वार्ड की सुविधा लेना चाहते हैं लेकिन बार-बार प्रबंधन के आगे गुहार लगाने के बाद भी मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पाता। अलग से बनाया हुआ है वार्ड:

प्राइवेट वार्ड में किसी तरह की डिस्टरबेंस न हो इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से करीब एक साल पहले अस्पताल की तीसरी मंजिल पर स्पेशल प्राइवेट वार्ड तैयार करवाया था। निजी अस्पतालों की तर्ज पर प्राइवेट व सेमी प्राइवेट की सुविधा को ध्यान रखते हुए इसे शुरू किया गया था। शुरुआत जच्चा-बच्चा केस से ही हुई थी। उसके बाद कुछ दिनों तक तो इस वार्ड का लाभ अन्य लोगों ने भी उठाया लेकिन बाद में इस वार्ड की सुविधा मरीजों को उपलब्ध नहीं कराई गई। बार-बार लोग प्राइवेट वार्ड के लिए अस्पताल प्रबंधन से गुहार भी करते रहे लेकिन उसके बाद भी कोई ध्यान इस तरफ नहीं दिया जा रहा। पांच कमरों का बना है वार्ड

अस्पताल की तीसरी मंजिल पर बने प्राइवेट वार्ड में 6 कमरे है। अक्सर लोग यहा पर निजी अस्पतालों की तर्ज पर इसका लाभ मरीजों को दिए जाने की आवाज उठाते रहते है लेकिन उसके बाद भी कोई ध्यान विभाग की तरफ नहीं दिया जा रहा। अब स्थिति यह है कि वार्ड धूल फाक रहा है और कमरों पर ताले लटके हुए है। आपरेशन केस वाले मरीज की ज्यादातर डिमाड

प्राइवेट वार्ड के लिए यहा पर 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से चार्ज लिया जाता है, जबकि अन्य वार्डो में नाम मात्र 10 रुपये चार्ज यहा दाखिल होने वाले मरीजों से किया जाता है। सिजेरियन व अन्य सर्जरी केस के मरीजों को कई-कई दिन तक अस्पताल में उपचाराधीन रहना पड़ता है। ऐसे में उन्हे व उनके तीमारदारों के साथ रहने को लेकर कई बार स्थिति ठीक नहीं रहती। ऐसे में लोग प्राइवेट वार्ड की डिमाड प्रबंधन से करते हैं लेकिन इसका लाभ मरीजों को पर्याप्त नहीं मिल रहा। मरीज के तीमारदार संतोष, रानी, सुनीता, दुर्गेश, अजीत आदि ने बताया कि प्राइवेट वार्ड की माग करने के बाद भी उन्हे इसकी सुविधा नहीं दी गई।

-----------

फिलहाल अस्पताल में स्टाफ की कमी है। जैसे ही स्टाफ पूरा हो जाएगा वैसे ही प्राइवेट वार्ड सुविधा को शुरू कर दिया जाएगा। प्राइवेट वार्ड के लिए यहा पर अलग से नर्सिग व अन्य स्टाफ चाहिए। इसके लिए विभागीय कार्रवाई की जा रही है। अस्पताल प्रबंधन की ओर से लोगों बेहतर चिकित्सा सेवाएं दिलाने का पूरा प्रयास रहता है।

-डा. वीरेद्र अहलावत, अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी और एसएमओ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.