वीआइपी के सुरक्षाकर्मियों की गुंडागर्दी के बाद बंद है लेन फाटक
कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस वे (केएमपी) के आसौदा टोल पर वाहनों की इंट्री व एग्जिट के लिए लगाई लेन फाटक शुरू करते ही आफत खड़ी हो गई। यहां से केएमपी पर इंट्री कर रही एक वीआइपी काफिले की एस्कोर्ट गाड़ी लेन फाटक से टकरा गई। इससे गाड़ी का शीशा टूटा तो उसमें सवार सुरक्षा कर्मियों ने हंगामा खड़ा कर दिया। यहां से टोल कंपनी के शिफ्ट इंचार्ज व एक कर्मचारी को
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस वे (केएमपी) के आसौदा टोल पर वाहनों की इंट्री व एग्जिट के लिए लगाई लेन फाटक शुरू करते ही आफत खड़ी हो गई। यहां से केएमपी पर इंट्री कर रही एक वीआइपी काफिले की एस्कोर्ट गाड़ी लेन फाटक से टकरा गई। इससे गाड़ी का शीशा टूटा तो उसमें सवार सुरक्षा कर्मियों ने हंगामा खड़ा कर दिया। यहां से टोल कंपनी के शिफ्ट इंचार्ज और एक कर्मचारी को सुरक्षा कर्मियों ने जबरन अपनी गाड़ी में दबोच लिया और धमकाते हुए यहां से दूर ले गए। दोनों कर्मी मिन्नते करते रहे। मगर सुरक्षा कर्मी उन्हें दबोचे रहे। बाद में कर्मियों ने कंपनी अधिकारी को फोन मिलाया। 15 हजार रुपये हर्जाना वसूलने के बाद दोनों टोल कर्मियों को यहां से कई किलोमीटर दूर जाकर छोड़ा।
यह घटना तो 30 दिसंबर की शाम को सवा तीन बजे की है, मगर उसके बाद टोल कर्मियों में इतना खौफ है कि उन्होंने टोल प्लाजा पर वाहनों को रोकने वाली लेन फाटक ही बंद कर रखी है। अब फिर से मैनुअल तरीके से यहां वाहनों को रोका जा रहा है। यह थी घटना :
केएमपी पर आसौदा के पास से एक वीआइपी काफिला गुजर रहा था। इसमें दो गाड़ी थी। आगे वीआइपी की गाड़ी थी। पिछली गाड़ी में सुरक्षाकर्मी थे। यहां के टोल पर वाहनों के आने और जाने के लिए दो-दो लेन चालू कर रखी है। आगे चल रही वीआइपी गाड़ी तो एकदम से लेन से निकल गई। मगर टोल बेरियर पर आटोमेटिक सिस्टम होने के कारण एक गाड़ी के निकलते ही लेन का फाटक गिर गया। इसकी तरफ सुरक्षा कर्मियों की गाड़ी के चालक ने ध्यान नहीं दिया। वजह यह रही कि जैसे ही फाटक गिरा तो वह गाड़ी के शीशे पर जा लगा। इससे शीशा टूट गया। फिर क्या था। गाड़ी में सवार सुरक्षा कर्मी वहां मौजूद टोल कर्मियों पर आग-बबूला हो गए। यहां के शिफ्ट इंचार्ज विनोद पांडे और टोल कलेक्शन कर रहे प्रशांत को सुरक्षा कर्मियों ने जबरन अपनी गाड़ी में दबोच लिया और यहां से ले गए। कई देर तक किसी को फोन भी नहीं करने दिया। बाद में शिफ्ट इंचार्ज ने कंपनी अधिकारी के पास फोन किया। वीआइपी के सुरक्षा कर्मियों से बात करवाई गई। उन्होंने 15 हजार रुपये हर्जाना मांगा। यह पैसा टोल प्लाजा से दिया गया। इसके बाद भी सुरक्षा कर्मियों का गुस्सा शांत नही हुआ और उन्होंने दोनों टोल कर्मियों को कई देर घुमाने के बाद काफी दूर छोड़ा। घटना के बाद से बंद है फाटक : इस घटना से टोल कर्मी भी भयभीत हो गए। उन्होंने उसी दिन से ही टोल के लेन फाटकों को बंद कर रखा है। अब पहले की तरफ ही यहां पर मैनुअल तरीके से वाहनों को रोककर टोल वसूला जा रहा है, लेकिन यह रात के समय आसान नही है। टोल के शिफ्ट इंचार्ज विनोद पांडे ने बताया कि एक वाहन की क्रा¨सग के बाद तो फाटक अपने आप ही गिरता है। मगर वीआइपी काफिले में शामिल गाड़ी के चालक ने वाहन निकालने में तेजी बरती। इसलिए यह हुआ। बाद में गाड़ी की मरम्मत का खर्च भी दिया गया। उसके बाद से फाटक बंद है। इन्हें फिर चालू किया जाएगा। इनके बिना तो वाहनों को टोल वसूली के लिए रोकना मुश्किल है।