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हड़ताल के चौथे दिन भी नहीं दिखा कोई असर, तीन दिन बढ़ी हड़ताल के साथ कर्मचारियों पर बढ़ रहा दबाव

जागरण संवाददाता, झज्जर : निजीकरण के विरोध में रोडवेज कर्मचारियों के हड़ताल के चौथे ि

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Oct 2018 12:23 AM (IST)Updated: Sat, 20 Oct 2018 12:23 AM (IST)
हड़ताल के चौथे दिन भी नहीं दिखा कोई असर, तीन दिन बढ़ी हड़ताल के साथ कर्मचारियों पर बढ़ रहा दबाव
हड़ताल के चौथे दिन भी नहीं दिखा कोई असर, तीन दिन बढ़ी हड़ताल के साथ कर्मचारियों पर बढ़ रहा दबाव

जागरण संवाददाता, झज्जर : निजीकरण के विरोध में रोडवेज कर्मचारियों के हड़ताल के चौथे दिन भी झज्जर में कोई असर दिखाई नहीं दिया। हड़ताल के पक्ष में दूसरे संगठनों के कर्मचारी सुबह बस स्टैंड परिसर में एकत्रित हुए और हड़ताल को सफल बनाने के लिए रणनीति बनाने की तैयारियों में जुटे। लेकिन इसी दौरान रोडवेज कर्मचारियों को प्रशासन द्वारा गिरफ्तार करने की सूचना मिली। जिस पर विरोध कर रहे कर्मचारी मौके पर से खिसक गए और पुराना वाटर वर्कर्स स्थित यूनियन कार्यालय में एकत्रित हुए। यहां पर उन्हें सर्व कर्मचारी संघ और अन्य कर्मचारी संगठनों का समर्थन मिला। बाद में सर्वकर्मचारी संघ और सीटू के बैनर तले अन्य कर्मचारी संगठन सड़कों पर उतर आए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आंबेडकर चौक पर पहुंचे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए सीएम मनोहर लाल का पुतला फूंका। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार कर्मचारियों को दबाने का कार्य कर रही है। लेकिन कर्मचारी सरकार के आगे झुकने को तैयार नहीं है। अगर सरकार रोडवेज के निजीकरण का फैसला वापिस नहीं लेती है तो आंदोलन जारी रहेगा। उधर, हड़ताल के चौथे दिन भी रोडवेज की 104 बसें निर्धारित समय पर विभिन्न रूटों पर चली। सुरक्षा के मद्देनजर भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर तैनात रहा। रोडवेज और निजी बस चालकों में हुआ विवाद सुबह करीब दस बजे रोहतक से झज्जर आ रही एक रोडवेज की बस के सामने एक निजी बस चालक ने बस को अड़ा दिया और हवा निकालने की कोशिश भी की। लेकिन रोडवेज बस चालक वहां से बस को किसी तरह निकाल कर ले आया। इसी दौरान फिर निजी बस चालक ने बस को ओवर टेक करते हुए बिरधाना गांव के पास फिर बस के आगे अड़ा दिया और आपस में कहासुनी भी हुई। रोडवेज बस चालक ने मामले की जानकारी यूनियन के पदाधिकारियों को दी। यूनियन के पदाधिकारियों ने मामले की शिकायत पुलिस में दी है। ये कर्मचारी संगठन आए समर्थन में:

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अखिल भारतीय किसान सभा से रामचंद्र यादव, दिलबाग दलाल, सूबेदार सतनारायण

- मिडे डे मील वर्कर्स यूनियन से सरोज दुजाना। - आशा वर्कर यूनियन से प्रवेश मातनहेल, अनिता, किरण बहराना।

- बिजली निगम से रामबीर, रामदर्शन, राकेश दुजाना, प्रभुदयाल।

- सिचांई विभाग से नवीन

- पब्लिक हैल्थ विभाग से विष्णु दत जांगड़ा।

- गा्रमीण चौकीदार यूनियन से सतबीर सिकंदरपुर।

- ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन से शीशपाल।

- नगरपालिका सफाई यूनियन से बीरमति, कुलदीप।

- वन विभाग से प्रदीप नांदल

- वन मजदूर संगठन से महावीर, जगमति।

-रोडवेज यूनियन से जगबीर, कर्मबीर

- हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ से रमेश जाखड़

- हरियाणा एजूकेशन मिनिस्ट्रीयल स्टॉफ से अतुल गुलिया।

- एसएफआई से राहुल --सरकार कर्मचारियों के साथ दमनकारी नीति अपना रही है। अप्रशिक्षित चालकों से रोडवेज की बसों को चलवा रही है। जिसमें हादसा होने की संभावना बनी हुई है। सरकार चाहे कुछ हथकंडे क्यूं ना अपना ले। लेकिन कर्मचारी पीछे हटने वाले नहीं है। निजीकरण के विरोध में सर्वकर्मचारी संघ का समर्थन रहेगा।

राजेंद्र जुलाना, राज्य सचिव सर्वकर्मचारी संघ।


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