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विभाग के निदेशक के दरबार में पहुंचा नगर परिषद के टेंडरों में गोलमाल का मामला, दिए जांच के आदेश

नगर परिषद के टेंडरों में चल रहे गोलमाल का मामला शहरी स्थ

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 May 2022 07:45 PM (IST)Updated: Wed, 25 May 2022 07:45 PM (IST)
विभाग के निदेशक के दरबार में पहुंचा नगर परिषद के टेंडरों में गोलमाल का मामला, दिए जांच के आदेश
विभाग के निदेशक के दरबार में पहुंचा नगर परिषद के टेंडरों में गोलमाल का मामला, दिए जांच के आदेश

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

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नगर परिषद के टेंडरों में चल रहे गोलमाल का मामला शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक के दरबार में पहुंच गया है। स्थानीय अखबारों में प्रकाशित खबरों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए विभाग के निदेशक ने यहां के टेंडरों की जांच के आदेश दिए हैं। विभाग के निदेशक ने अंबाला सिटी नगर निगम के मुख्य अभियंता को यह जांच सौंपी है। जांच रिपोर्ट दस दिन के अंदर सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। आदेशों में साफ लिखा है कि बहादुरगढ़ नगर परिषद के अधिकारियों पर टेंडरों के माध्यम से ठेकेदारों को अनुचित लाभ देने का आरोप है। साथ ही अच्छे हालात वाली यानी साफ-सुथरी गलियों को सीसी से दोबारा बनाकर गोलमाल किए जाने के साथ-साथ ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने वाले कुछ अन्य गंभीर आरोप भी हैं। ऐसे में इस पूरे मामले की जांच गंभीरता से करने के आदेश दिए गए हैं। उधर, इस मामले में जिला नगर आयुक्त रविद्र कुमार को कई बार फोन मिलाए गए लेकिन एक बार ही फोन रिसीव हुआ। व्यस्त होने की वजह से उनसे बात नहीं हो सकी। जागरण की खबर पर शुरू हुई थी 45 टेंडरों की जांच, रिपोर्ट में क्या मिला, कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं:

दरअसल, तीन मई को दैनिक जागरण की ओर से चकाचक गलियों को सीसी करने के नाम पर घोटाले की तैयारी नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इस खबर पर तत्कालीन जिला नगर आयुक्त प्रदीप कौशिक ने 45 टेंडरों की जांच के आदेश दिए थे। जांच के लिए एक कमेटी बनाई थी, जिसमें एसडीएम बहादुरगढ़, नगर परिषद बहादुरगढ़ के कार्यकारी अभियंता और लोक निर्माण विभाग झज्जर के कार्यकारी अभियंता को सदस्य बनाया था। इस जांच से नगर परिषद बहादुरगढ़ के कार्यकारी अभियंता ने दूरी बना ली थी। बाद में जांच रिपोर्ट दी गई थी। मगर जांच में क्या निकला, इस संबंध में कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। उधर, जांच के आदेश देने वाले तत्कालीन जिला नगर आयुक्त प्रदीप कौशिक को सरकार के आदेश पर कुछ दिनों पहले इस पद से रिलीव कर दिया गया है। निरीक्षण में टेंडरों के एस्टीमेट का सामने आया था पूरा खेल, एक जैसे कामों के नेगोसिएशन के बाद भी मिला था अबोव रेट में भारी अंतर:

तत्कालीन जिला नगर आयुक्त के आदेश पर गत 13 मई को लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता नरेंद्र सिंहमार ने जब मौके का निरीक्षण किया था तो संबंधित विकास कार्याें के एस्टीमेट का खेल सामने आया था। मौके पर गलियों की पैमाइश कम थी और कागजों में ज्यादा दिखाई गई थी। एक ही गली के दो व तीन-तीन एस्टीमेट बनाए गए थे। सीसी व मेस्टिक के एक जैसे कामों के नेगोसिएशन के बाद भी अबोव रेट में भारी अंतर था। जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में क्या लिखा, यह अभी पता नहीं चला है।


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