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प¨रदों के लिए बनाया पानी पीने का ठिकाना

संवाद सूत्र, बेरी : इन दिनों में भयंकर गर्मी पड़ रही है, और इस गर्मी में अगर सबसे ज्यादा शामत

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 May 2018 11:27 PM (IST)Updated: Wed, 16 May 2018 11:27 PM (IST)
प¨रदों के लिए बनाया पानी पीने का ठिकाना
प¨रदों के लिए बनाया पानी पीने का ठिकाना

संवाद सूत्र, बेरी : इन दिनों में भयंकर गर्मी पड़ रही है, और इस गर्मी में अगर सबसे ज्यादा शामत किसी की आ रही है तो वे है बेजुबान प¨रदें। चूंकि पेड़-पौधे, नदी-पर्वत की तरह पशु-पक्षी भी पर्यावरण के अभिन्न अंग हैं। बेजुबान पक्षियों की रक्षा हमारा क‌र्त्तव्य है, धर्म है। इसी धर्म का पालन करते हुए ही जहाजगढ़ की ग्राम सुधार समिति ने एक बड़ा ही सराहनीय बीड़ा उठाया है। मौसम में सूर्य की तपिश के अहसास को समझते हुए उन्होंने गांव में बने पार्कों में प¨रदों के बैठने और पानी पीने का ठिकाना बनाने की पहल की है। गांव के प्रत्येक पार्क में मिट्टी के बने हुए 20 बर्तनों की व्यवस्था समिति की ओर से की जा रही है। व्यवस्था में खास बात यह है कि इनमें तीन समय पानी भरवाने की ड्यूटी भी समिति से जुड़े हुए सदस्यों की रहेगी। ताकि बर्तन रखने के बाद यहां पानी की तलाश में आने वाले प¨रदों को निराशा नहीं हो। समिति के प्रतिनिधि उदे ¨सह का कहना है कि सड़क पर राह चलते घायल जानवर व पक्षी दिखना एक आम बात है। लेकिन, उनके प्रति कम ही लोग संवेदना प्रकट करते हैं। इसके पीछे एक बड़ी वजह यह है कि लोगों को पता ही नहीं होता है कि उनकी मदद कैसे की जाए। इसीलिए इस तरह के प्रयास किया जाना जरूरी है। चूंकि गर्मी के मौसम में अक्सर यह कहा जाता है कि सभी प¨रदों की मदद करें। लेकिन लोगों को यह ही नहीं पता होता कि वह किस प्रकार से क्या करें। यहां मिट्टी के बर्तन रखने से ज्यादा जरूरी है कि लगातार प¨रदों के लिए पानी की व्यवस्था को करना। देखा जाए तो मूल रूप से यहीं सच्ची सेवा भी है। चूंकि ऐसा करने से अगर और भी लोग जुड़ते है तो बेशक ही उससे मानवता की दिशा में उनकी बेहतरीन पहल होगी। स्वयं उठाए जिम्मेदारी

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बदलते पर्यावरण के बीच पक्षियों के लिए यह दौर ¨चताजनक हो गया है। सबसे बड़ी चुनौती पक्षियों को गर्मी के मौसम में पीने के पानी की होती है। गावों में तो हालत फिर भी ठीक है पर शहरों में तो इन मासूमों को पीने को पानी ही नसीब नहीं हो रहा है। और इसकी जिम्मेदारी किसी सरकार की नहीं हमारी खुद की है। देखा जाए तो पक्षियों का यूं प्यासा रहना हमारे लिए अशुभ है। संसार के लिए भी और समूचे पर्यावरण के लिए भी। इनकी पुकार को सुनें और इनके लिए जलपात्र घर की छतों पर रखें ताकि ये प्यासे न मरें। इन्हें जीवन मिले, संरक्षण मिले, मान मिले। यह सब हमारे ही हित में है। इन पक्षियों के सुरक्षित जीवन के लिए जल का प्रबंध जरूर करें। समिति की ओर से भी अपील की गई है कि पात्र में जल भरकर घर की छत या बालकनी में रखें ताकि पक्षी अपनी प्यास बुझा सकें।


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