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डंपिग साइट पर कूड़े के निपटान के लिए लगेगा बायोगैस प्लांट, विशेषज्ञों ने बनाया प्लान

डंपिग साइट पर कूड़े के निपटान के लिए लगेगा बायोगैस प्लांट विशेषज्ञों ने बनाया प्लान

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Jun 2019 01:20 AM (IST)Updated: Fri, 07 Jun 2019 01:20 AM (IST)
डंपिग साइट पर कूड़े के निपटान के लिए लगेगा बायोगैस प्लांट, विशेषज्ञों ने बनाया प्लान
डंपिग साइट पर कूड़े के निपटान के लिए लगेगा बायोगैस प्लांट, विशेषज्ञों ने बनाया प्लान

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: नया गांव के पास स्थित डंपिग स्टेशन पर पड़े कूड़े के निपटान को लेकर स्वच्छ भारत मिशन के विशेषज्ञों की ओर से विस्तृत प्लान बनाया गया है। विशेषज्ञों की ओर से सेग्रीकेशन से ठोस कचरे का निपटान करने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि सेग्रीकेशन से काफी मात्रा में कूड़े को रियूज किया जा सकता है। दूसरा गीले कूड़े का निपटान बायोगैस प्लांट लगाकर किया जा सकता है। विशेषज्ञों ने करीब 50 टन का प्लांट लगाने की सलाह दी है, जिससे बिजली या फिर घरेलू गैस उत्पादन किया जा सकता है। विशेषज्ञों की ओर से बनाए गए इस प्लान को स्वीकृति के लिए शहरी स्थानीय निकाय विभाग को भेज दिया है। इस प्लान पर आने वाले खर्च व तकनीकी स्वीकृति विभाग की ओर से ही दी जाएगी। अगर स्वीकृति मिलती है तो विशेषज्ञों के प्लान पर काम शुरू करके डंपिग साइट के कूड़े का निस्तारण शुरू कर दिया जाएगा।

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दरअसल, एनजीटी की ओर से नगर परिषद को बार-बार नया गांव की डंपिग साइट पर पड़े कूड़े के उचित निस्तारण के निर्देश दिए जा रहे हैं। एनजीटी के निर्देश पर ही नगर परिषद ने इस कूड़े के निस्तारण को लेकर आवश्यक कार्रवाई करनी शुरू की थी। इसी कड़ी में करीब 15 दिन पहले स्वच्छ भारत मिशन के विशेषज्ञों का भी डंपिग साइट पर दौरा करवाया गया था और उन्हें एक प्लान बनाने के निर्देश दिए थे। करीब साढ़े सात एकड़ में फैली इस डंपिग साइट पर करीब सवा लाख टन कूड़ा पड़ा हुआ है। विशेषज्ञों ने इस कूड़े के निस्तारण के लिए सबसे पहले सेग्रीकेशन प्लांट लगाने की सलाह दी है। चूंकि यह प्लांट काफी कीमती रहेगा तो ऐसे में विशेषज्ञों ने एनजीओ, स्वयं सहायता समूह व रैग पिकर्स की मदद से कूड़े का सेग्रीकेशन करने की सलाह दी है। इसके अलावा नगर परिषद अधिकारियों ने विशेषज्ञों को डाटा मुहैया कराया था बहादुरगढ़ शहर में करीब 75 टन कूड़ा हर रोज जनरेट होता है और इसमें करीब 50 टन गीला कूड़ा होता है। करीब 25 टन तो गोबर होता है। हालांकि गोबर से खाद बनाने के लिए नगर परिषद पहले ही एक निजी एजेंसी से अनुबंध किए हुए है। इस गीले कूड़े को निपटाने के लिए विशेषज्ञों ने बायोगैस प्लांट लगाने की सलाह दी है। बायोगैस प्लांट से गैस व बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। नप अधिकारियों ने विशेषज्ञों की ओर से बनाए गए इस प्लान पर काम शुरू कर दिया है। ---डंपिग स्टेशन पर कूड़े के निस्तारण करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के कंसलटेंट की ओर से बनाया गया प्लान उन्हें मिल गया है। प्लान में करीब 50 टन गीले कूड़े को बायोगेस प्लांट लगाकर निस्तारण करने तथा ठोस कचरे को सेग्रीकेशन करने की सलाह दी है। विशेषज्ञों के प्लान को स्वीकृति के लिए निकाय विभाग में भेज दिया है। प्लान की स्वीकृति मिलने के बाद इस पर काम शुरू किया जाएगा।

-------डा. विजय पाल, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद, बहादुरगढ़।

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