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बहादुरगढ़ में पहली बार बनाया जाएगा स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम, जलभराव से मिलेगी मुक्ति

औद्योगिक नगरी के नाम से मशहूर कई सालों पुराने ऐतिहासिक शहर बहादुरगढ़ में पहली बार स्टोर्म वाटर सिस्टम बनाने का निर्णय लिया गया है। स्टोर्म वाटर सिस्टम बनाने के लिए नगर परिषद ने कार्रवाई शुरू कर दी है। करोड़ों रुपये के इस प्रोजेक्ट के लिए नगर परिषद ने सबसे पहले शहर के लो लाइन एरिया का पता लगाने और उनके पानी की निकासी करने के लिए डिस्पोजल व अन्य पंप हाउस बनाने के लिए सर्वे कराने का निर्णय लिया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 11:51 PM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 11:51 PM (IST)
बहादुरगढ़ में पहली बार बनाया जाएगा स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम, जलभराव से मिलेगी मुक्ति
बहादुरगढ़ में पहली बार बनाया जाएगा स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम, जलभराव से मिलेगी मुक्ति

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

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औद्योगिक नगरी के नाम से मशहूर बहादुरगढ़ में पहली बार स्टॉर्म वाटर सिस्टम बनाने का निर्णय लिया गया है। स्टॉर्म वाटर सिस्टम बनाने के लिए नगर परिषद ने योजना पर काम शुरू कर दिया है। करोड़ों रुपये के इस प्रोजेक्ट के लिए नगर परिषद ने सबसे पहले शहर के लो लाइन एरिया का पता लगाने और उनके पानी की निकासी करने के लिए डिस्पोजल व अन्य पंप हाउस बनाने के लिए सर्वे कराने का निर्णय लिया है। सर्वे के लिए एजेंसी की तलाश अधिकारियों ने शुरू कर दी है। कुछ एजेंसियों से नप अधिकारियों ने संपर्क भी साध लिया है। साथ ही स्टॉर्म वाटर सिस्टम का प्रस्ताव भी नप बोर्ड की आगामी बैठक में रखने का निर्णय चेयरपर्सन शीला राठी की ओर से लिया गया है ताकि बोर्ड में प्रस्ताव पास होने के बाद शहर की करीब दो लाख आबादी को बरसात के मौसम में जलभराव से मुक्ति दिलाई जा सके। बरसाती पानी की निकासी 40 नालों और सीवर सिस्टम पर ही निर्भर

दरअसल, करीब 20 सालों में बहादुरगढ़ शहर का विकास तेजी से हुआ है। यहां पर करीब 4 हजार उद्योग स्थापित हो चुके हैं। छह सेक्टर भी बने हैं जिनमें से पांच में तो रिहायश भी हो चुकी है। मगर अब तक यहां पर गंदे पानी की निकासी के लिए तो सीवर व नाले बनाए गए हैं लेकिन बरसाती पानी की निकासी के लिए स्टॉर्म वाटर सिस्टम नहीं बनाया गया है। ऐसे में बरसाती पानी की निकासी भी 40 नालों व सीवर लाइन पर ही निर्भर है। मगर नालों की समय पर सफाई व सीवर लाइन जाम होने की वजह से बरसात के मौसम में शहर में जगह-जगह जलभराव होता है। यहां पर कई स्थानों पर दो से तीन फीट तक पानी भर जाता है जो कई दिनों तक खड़ा रहता है जिससे आम जनता को परेशानी होती है। बाद में कालोनियों व मुख्य सड़कों से पंप सैट के जरिये पानी की निकासी की जाती है। बरसात में यहां-यहां होता है जलभराव

बरसात के मौसम में सबसे बड़ी समस्या झज्जर रोड पर होती है। यहां पर बाईपास तक इस पूरे रोड पर पानी भर जाता है। बादली चुंगी पर तो दो-तीन फीट पानी भर जाता है। बरसात के मौसम में शहर के झज्जर रोड, सब्जी मंडी, सेक्टर 2, सेक्टर छह, सेक्टर 7, नजफगढ़ रोड, पुराना नजफगढ़ रोड, रेलवे रोड, नेहरू पार्क, महावीर पार्क, छोटूराम नगर, माडल टाउन आदि क्षेत्रों में भारी मात्रा में पानी भर जाता है। इनमें से कई स्थानों पर तो पंप सैट के जरिये पानी निकालना पड़ता है। शहर में करीब 30 किलोमीटर तक स्टॉर्म वाटर सिस्टम बिछाने की जरूरत

दरअसल, शहर में इस समय रोहतक-दिल्ली रोड, झज्जर रोड, बादली रोड, बालौर रोड, रेलवे रोड पर अधिकांश शहर शहर बसा हुआ है। इसके अलावा लाइनपार के लिए नाहरा-नाहरी रोड है। इन मुख्य सड़कों पर ही स्टॉर्म वाटर सिस्टम बिछाने की योजना नप की ओर से बनाई जा रही है। इसके लिए नप अधिकारियों का अनुमान है स्टॉर्म वाटर सिस्टम के तहत करीब 30 किलोमीटर तक बड़ी पाइप लाइन बिछाई जएगी। ऐसे में इसी अनुमान के आधार पर नप अधिकारी आगामी कार्ययोजना बनाने में जुट गए हैं। पूर्व पार्षद धर्मेद्र वत्स ने दिया सुझाव, शहर को दिलाओ जलभराव से मुक्ति

पार्षद रेखा वत्स के पति पूर्व पार्षद धर्मेंद्र वत्स ने नगर परिषद अधिकारियों को सुझाव दिया है कि बरसात के मौसम में जलभराव होता है। ऐसे में शहर में स्टॉर्म वाटर सिस्टम बनाया जाए। उनके सुझाव पर नप अधिकारियों ने न केवल शहर में सर्वे कराने बल्कि आगामी नप बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव पास कराने के लिए एजेंडे में इसे शामिल करने का निर्णय लिया है।

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आगामी कुछ दिनों बाद होने वाली नप बोर्ड की बैठक में शहर में स्टॉर्म वाटर सिस्टम बनाने के लिए प्रस्ताव रखा जाएगा। प्रस्ताव पास होने इस योजना पर आगे काम शुरू किया जाएगा। फिलहाल शहर में लो लाइन एरिया की तलाश करने और वाटर डिस्पोजल कहां किया जाए इसके लिए सर्वे कराने का निर्णय लिया गया है। सर्वे के लिए एजेंसी की तलाश की जा रही है। बहुत जल्द ही इस दिशा में काम शुरू हो जाएगा।

-अपूर्व चौधरी, कार्यकारी अधिकारी, नप।


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