स्वाइन फ्लू के झज्जर में अब तक छह केस, दिल्ली से बहादुरगढ़ आया एक मरीज पीजीआइ में भर्ती
स्वाइन फ्लू के झज्जर में अब तक छह केस, दिल्ली से बहादुरगढ़ आया एक मरीज पीजीआइ में भर्ती
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : झज्जर जिले में अब तक स्वाइन फ्लू के छह केस मिल चुके हैं। दिल्ली से कुछ दिन के लिए बहादुरगढ़ आया एक मरीज रोहतक पीजीआइ में भर्ती है। यह सातवां मामला है। मरीज को बहादुरगढ़ के अस्पताल से रोहतक रेफर किया गया। हालांकि अधिकारी दावा कर रहें हैं कि अब तक मिले सभी मरीजों की हालत खतरे से बाहर है। ऐसे में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।
झज्जर जिले में अब तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से पुष्टि के बाद झज्जर में दो, बहादुरगढ़ में दो तथा जाखौदा व बराही में एक-एक स्वाइन फ्लू का केस मिल चुका है। अब दिल्ली से कुछ दिन के लिए बहादुरगढ़ आया एक श्रमिक भी स्वाइन फ्लू की चपेट में है। वह बहादुरगढ़ के सिविल अस्तपाल पहुंचा तो यहां से उसे रोहतक रेफर कर दिया गया। इस बीच विभाग की ओर से इस जानलेवा बीमारी को लेकर सर्तकता लगातार जारी है। शहर के सरकारी अस्पताल में वेंटीलेटर की सुविधा तो नहीं है, पर अलग से वार्ड जरूर बनाया गया है और मेडिसिन विभाग तथा इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की बारीकी से जांच की जा रही है। ओपीडी अब अलग से बनाई गई है। इस बीच अब तक मलेरिया के 68 और डेंगू के 56 केस मिले चुके हैं। सर्दी के मौसम में बना रहेगा खतरा :
स्वाइन फ्लू का वायरस ठंड के मौसम में सक्रिय रहता है। ऐसे में जब तक ठंड रहेगी, तब तक इस बीमारी के प्रति सावधानी बरतने की जरूरत है। बाद में जब धूप की तपिश बढ़ने लगेगी, तब यह वायरस अपने आप खत्म होगा। अस्पताल में रोजाना नए और पुराने मिलाकर एक हजार से ज्यादा मरीज आ रहे हैं। इनमें से 25 से 30 फीसद तक तो अकेले मेडिसिन विभाग से संबंधित होते हैं। इसलिए ओपीडी से इमरजेंसी तक सावधानी बरती जा रही है। ये है स्वाइन फ्लू :
सर्दी के मौसम में स्वाइन फ्लू फैलता है। यह संक्रमित रोग है। एच-1 एन-1 वायरस के नाम से इसको जाना जाता है। यह एक प्रभावित व्यक्ति से दूसरे तक बहुत जल्दी फैलता है। ऐसे में सावधानी जरूरी है। इसको लेकर ट्रामा सेंटर में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। मगर यहां पर पाइप लाइन आक्सीजन के अलावा वेंटीलेटर की सुविधा नहीं है। ऐसे में इस बीमारी से पीड़ित किसी मरीज को सरकारी अस्पताल में तो उपयुक्त इलाज मिलने की उम्मीद कम है। तीन कैटेगरी में होता है स्वाइन फ्लू : ए-कैटेगरी : इसमें मरीज को खांसी, जुकाम, हल्का बुखार, गला खराब की शिकायत होती है। यह स्थिति गंभीर नहीं होती। मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं होती। उसे आराम करने की सलाह दी जाती है।
बी-कैटेगरी : तेज बुखार, खांसी, जुकाम, गले में खराश इसके लक्षण हैं। मरीजों की देखभाल की जरूरत होती है। टेमीफ्लू दवा दी जाती है और आराम करने की सलाह भी दी जाती है।
सी कैटेगरी : यह कैटेगरी हाई रिस्क है। इसमें सीने में दर्द, बलगम में खून आना, सांस लेने में तकलीफ, तेज बुखार होना व ब्लड प्रैशर कम हो जाता है। यह खतरनाक स्टेज है। मरीज को स्पेशल वार्ड में दाखिल करना पड़ता है। उसके संपर्क में आने वाले लोगों को भी दवा दी जाती है। क्या करें:
1. खांसते और छींकते समय अपने मुंह और नाक को रुमाल या टीशू पेपर से ढंक लें
2. अपनी नाक और मुंह को छूने से पहले और बाद में हाथों को साबुन-पानी से बार-बार धोएं
3. कफ, बहती नाक, बुखार से प्रभावित व्यक्तियों से कम से कम छह फीट की दूरी बनाए रखें
4. अच्छी नींद ले, शारीरिक रूप से सक्रिय रहे तथा तनाव को प्रभावी तरीके से संभाले
5. साफ पानी पीए तथा पोषण युक्त खाद्यान का सेवन करें
6. प्रभावित माताएं बच्चे को दूध पिलाते समय मास्क पहनना न भूले क्या न करें
1. हाथ न मिलाएं
2. गले न लगे
3. अन्य संपर्क बढ़ाने वाले कार्य न करें
4. फिजिशियन की सलाह के बिना कोई दवा न लें
5. भीड़भाड़ वाली जगहों पर न जाएं ---स्वाइन फ्लू को लेकर स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। अब तक झज्जर जिले में छह केस मिले हैं। सातवां केस झज्जर जिले से बाहर का है।
---डा. कुलदीप, डीएमओ, झज्जर