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सरपंच, पंचायत सचिव और बैंक मैनेजर का कारनामा, 15 करोड़ का गबन

सरपंच पंचायत सचिव व बैंक मैनेजर का कारनामा 15 करोड़ का गबन

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Jun 2019 01:11 AM (IST)Updated: Wed, 26 Jun 2019 06:38 AM (IST)
सरपंच, पंचायत सचिव और बैंक मैनेजर का कारनामा, 15 करोड़ का गबन
सरपंच, पंचायत सचिव और बैंक मैनेजर का कारनामा, 15 करोड़ का गबन

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : यहां के गांव खेड़ी जसौर में पंचायत के खाते से लगभग 15 करोड़ के गबन का मामला सामने आया है। आरोप है कि गांव के सरपंच, पंचायत सचिव और बैंक मैनेजर ने मिलकर इस कारनामे को अंजाम दिया। इसका पता लगते ही हड़कंप मच गया है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। पुलिस को केस दर्ज करने के लिए शिकायत भेजी गई है। बैंक से पूरी स्टेटमेंट मांगी गई है। प्राथमिक रिपोर्ट तैयार करके उच्चाधिकारियों को भी भेजी गई है।

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दरअसल, खेड़ी जसौर गांव की पंचायत के खाते में करोड़ों रुपये जमा है। आरोप है कि गांव के सरपंच अनिल कुमार, ग्राम सचिव अजय रंगा और बैंक मैनेजर ने मिलीभगत करके करीब 15 करोड़ रुपये खाते से निकाले लिए। ऐसा करने के लिए कई फर्जी तरीके अपनाए गए। ---बीडीपीओे के फर्जी हस्ताक्षर से किया सत्यापित पुलिस को भेजी शिकायत में बताया गया है कि इस हेराफेरी के लिए सरपंच अनिल और ग्राम सचिव अजय रंगा ने पहले तो फर्जी प्रस्ताव तैयार करके अजय रंगा को खेड़ी जसौर का सचिव दिखाया। जबकि विभागीय तौर पर आज भी अजय रंगा इस गांव का सचिव नहीं है। इसके बाद सरपंच और सचिव के हस्ताक्षरों को बैंक में सत्यापित दिखाने के लिए बीडीपीओ के फर्जी हस्ताक्षर तक कर लिए गए। इसके बाद गांव में स्थित सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक में खोले गए पंचायत के खाते से करीब 15 करोड़ रुपये निकलवाकर उसका गबन कर लिया। गांव में फिलहाल कोई भी विकास कार्य इतनी राशि का नहीं चला हुआ है और न ही यह पैसा निकलवाने के लिए सरपंच व ग्राम सचिव ने बीडीपीओ या किसी उच्च अधिकारी से कोई अनुमति ली है। विभागीय रिकार्ड के अनुसार गांव के सचिव प्रदीप हैं। उन्हीं के पास गांव के कार्यवाही रजिस्टर व अन्य रिकार्ड हैं। कार्यवाही रजिस्टर में बैंक में दिए गए प्रस्ताव दर्ज नहीं हैं। ऐसे में सरपंच अनिल, ग्राम सचिव अजय रंगा, बैंक मैनेजर व अन्य ने मिलकर यह गबन कर डाला। ---गांव को मिला है करोड़ों का मुआवजा खेड़ी जसौर गांव की पंचायती भूमि का परमाणु केंद्र के लिए अधिग्रहण हुआ था। इसकी एवज में पंचायत को करोड़ों रुपये मुआवजा मिला था। यह पैसा बैंक में जमा है। गांव से जुड़े विकास कार्यों में यह पैसा इस्तेमाल होता है, मगर फिलहाल कोई भी विकास कार्य गांव में नहीं चल रहा और 15 करोड़ रुपये खाते से निकाल लिए गए। ---इसका पता लगते ही पुलिस को शिकायत भेजी गई है। बैंक से पूरी स्टेटमेंट ली जा रही है। प्राथमिक स्तर पर सरपंच, ग्राम सचिव और बैंक मैनेजर की मिलीभगत सामने आई है। इसमें और कौन-कौन शामिल है यह पुलिस की छानबीन से पता चलेगा। पूरे मामले की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। छानबीन के लिए पुलिस को रिकार्ड सौंपा जाएगा।

--रामकरण शर्मा, बीडीपीओ, बहादुरगढ़ ---इस बारे में थाने से पता किया जा रहा है। शिकायत आई है तो उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

--अजायब सिंह, डीएसपी, बहादुरगढ़


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