पॉलीथिन से धरती मा को बचाने का लिया संकल्प
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : शहर के लोगों ने रविवार को पॉलीथिन से धरती मा को ब
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
शहर के लोगों ने रविवार को पॉलीथिन से धरती मा को बचाने का संकल्प लिया। मौका था दैनिक जागरण की ओर से 'विश्व पृथ्वी दिवस' पर जागरूकता कार्यक्रम का। देवी लाल पार्क में हुए इस आयोजन में एसडीएम जगनिवास की मुख्य रूप से उपस्थिति के बीच विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों और आमजन ने मानव जीवन के लिए धरा के अस्तित्व को बचाने में सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया।
विश्व पृथ्वी दिवस का इस बार का थीम प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्ति रहा। स्वाभाविक तौर पर प्लास्टिक से प्रदूषण सबसे ज्यादा पॉलीथिन के रूप में ही होता है। इस विषय पर लोगों को जगाने के लिए दैनिक जागरण की ओर से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ। हवन-यज्ञ से शुरू हुए कार्यक्रम में वक्ताओं के आह्वान से लेकर जन संकल्प तक इस प्रदूषण से मुक्ति के लिए जोश और उत्साह दिखा। दिल्ली अस्पताल एवं नर्सिग होम भी इसमें विशेष सहयोगी रहा। यहा पर अस्पताल की तरफ से 115 लोगों के स्वास्थ्य की जाच की गई। साथ ही पर्यावरण स्वच्छता का संदेश देने के लिए सभी को जूट बैग भी वितरित किए। पृथ्वी को बचाने में की जिम्मेदारी हर नागरिक दे योगदान : एसडीएम
एसडीएम जगनिवास से कार्यक्रम के लिए दैनिक जागरण की प्रशसा की। उन्होंने चेतना के लिए जन आदोलन को जरूरी ठहराया। सरकार और प्रशासन की जिम्मेदार आदेश पारित करने में अग्रणी होती है। उसके बाद तो जनभागीदारी ही किसी भी फैसले को सफल अंजाम तक लेकर जाती है। एक कहावत भी है कि लोगों द्वारा, लोगों के लिए और लोगों से, इसका अर्थ स्पष्ट है कि जब तक किसी भी बिंदु पर लोग खुद को मानसिक तौर पर तैयार नहीं करते और उसे दिनचर्या का हिस्सा नही बनाते, तब तक किसी भी गतिविधि में कामयाबी नही मिल सकी। अब पृथ्वी को बचाने का विषय है तो स्वाभाविक रूप से यह जिम्मेदारी हर एक नागरिक की है। जब सभी अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे तभी पृथ्वी बचेगी। इसके लिए हम अपने स्तर पर प्रदूषण को फैलने से रोके। ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए और प्रशासन की जहा मदद हो, उसके लिए बेझिझक अपनी बात रखें। धरती बचेगी, तभी जीवन बचेगा : आर्य
मा. वीरेद्र आर्य ने कहा कि हमारी एक मा तो वह है जिसने हमें जन्म दिया है, लेकिन उसके बाद से ही हमारा जीवन धरती मा की बदौलत चल रहा है। यदि धरा ही नही बचेगी, तो हमारा जीवन कैसे बचेगा। विडंबना यह है कि अमूमन इस बात का पता सभी को है, लेकिन अपनी नैतिक जिम्मेदारी को निभा कोई नही रहा है। हमें यह भूलना नही चाहिए। धरती को सहेजकर ही हम स्वस्थ रह सकते है। आज धरती के लिए पॉलीथिन से हो रहा प्रदूषण एक गंभीर समस्या है। यदि सभी नागरिक इसे रोकने का संकल्प लें तो पहले दिन से ही इसका सकारात्मक नतीजा देखने को मिल सकता है। परिवार की तरह प्रकृति का भी हो पालन-पोषण: डा. बंसल
दिल्ली अस्पताल के संचालक डा. श्रवण बंसल ने कहा कि जिस तरह से हम अपने परिवारों का पालन-पोषण करते है, ठीक उसी तरह से हमें प्रकृति का भी सहेजना चाहिए। पृथ्वी यदि पूर्ण अस्तित्व में रहेगी तभी हम सुरक्षित है। स्वयं से हो बदलाव की शुरुआत : सुनीता
जगन्नाथ यूनिवर्सिटी की डीन सुनीता शर्मा ने कहा कि इस तरह की जिम्मेदारियों में हमें दूसरों से आगे आने की अपेक्षा रखने की बजाय खुद से शुरूआत करनी चाहिए। तभी हम सफल अंजाम तक पहुचेंगे। खुद प्रेरणा लें और प्रेरक बनें : कादियान
क्लीन एंड ग्रीन संस्था की ओर से सोमबीर कादियान ने कहा कि ऐसे विषयों पर जरूरी है हम प्रेरणा लें और फिर इस जिम्मेदारी को दिनचर्या का हिस्सा बनाकर दूसरों के लिए प्रेरक बनें। हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि खुद भी पॉलीथिन से दूर रहेगे और दूसरों को संदेश देंगे। जब जागेंगे, तभी होगा सवेरा : दहिया
विधिक सेवा समिति के सदस्य सत्येंद्र दहिया ने कहा कि पृथ्वी को पॉलीथिन से बचाने का जहा तक विषय है तो जिस दिन हम सभी जाग जाएंगे उसी दिन इस प्रदूषण से मुक्ति का सवेरा भी हो जाएगा। प्रकृति का बचाओ और योग अपनाओ : योगाचार्य हरीश
कार्यक्रम में योगाचार्य हरीश ने कहा कि इंसान को सबसे पहले तो प्रकृति को बचाना चाहिए और उसके बाद योग अपनाना चाहिए। इससे उसका जीवन अवश्य ही खुशहाल होगा। कार्यक्रम में इन संस्थाओं का रहा सहयोग
कार्यक्रम में क्लीन एंड ग्रीन एसोसिएशन, ह्यूमन सोसायटी, गोधन सेवा समिति, भारत विकास परिषद, आर्य समाज मंदिर झज्जर रोड, जन चेतना मंच, पूर्वाचल परिवार, एंजिलो फाउडेशन, बीआर मेमोरियल शिक्षा एवं सामाजिक वेलफेयर ट्रस्ट, सड़क सुरक्षा संगठन, भारत एकता मंच, नागरिक कल्याण संघ, शिक्षा भारती पुनर्वास केंद्र, पतंजलि योग समिति का भी सहयोग रहा। ये रहे मौजूद
इस अवसर पर डा. राजरानी बंसल, शिक्षाविद सुशीला सागवान, आर्य समाज मंदिर से शिव स्वामी, इनेलो नेता संजय दलाल, आरके दलाल, रामनिवास जेई, सतीश तहलान, डा. अजय जैन, परमिंद्र जागड़ा, भारत नागपाल, रमेश राठी, विनोद गिरधर, कृपाशकर पाडेय, विजय मुदगिल, सुधीर भारद्वाज, सतीश शर्मा, मूलचंद जोशी, प्रवीण शर्मा, रमेश सुखीजा, एएसआइ सतीश कुमार, मीनाक्षी राठी, सरदार गुरमीत सिंह आदि मौजूद थे।