निगम ने आइडीसी क्षेत्र में कार्य को लेकर जाहिर की असमर्थता
शहर सेक्टर-14 स्थित आइडीसी क्षेत्र की पहचान पुराने औद्योगिक हब के रूप में है। यहां पिछले काफी समय से समस्याओं का अंबार है। जिससे उद्योग जगत को काफी परेशानी हो रही है। यहां पर अतिक्रमण, सीवरेज और जल भराव जैसी काफी दिक्कतें हैं। इन्हीं सब के समाधान के लिए गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन (जीआइए) के प्रतिनिधियों ने गुरुग्राम के निगमायुक्त से दो बार मुलाकत कर ली है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : शहर सेक्टर-14 स्थित आइडीसी क्षेत्र की पहचान पुराने औद्योगिक हब के रूप में है। यहां पिछले काफी समय से समस्याओं का अंबार है। जिससे उद्योग जगत को काफी परेशानी हो रही है। यहां पर अतिक्रमण, सीवरेज और जल भराव जैसी काफी दिक्कतें हैं। इन्हीं सब के समाधान के लिए गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन (जीआइए) के प्रतिनिधियों ने गुरुग्राम के निगमायुक्त से दो बार मुलाकत कर ली है। इसके बाद भी इन समस्याओं के समाधान को लेकर कुछ नहीं किया गया। अब यह बात सामने आ रही है कि नगर निगम इस क्षेत्र में तकनीकी कारणों से कोई विकास फिलहाल नहीं करा सकता है। ऐसे में यहां की समस्याओं के समाधान में देरी होगी।
जीआइए पदाधिकारियों ने दो जुलाई को निगमायुक्त यशपाल यादव से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने सवाल किया था कि अतिक्रणम हटाने, जलभराव को खत्म करने, नई सीवर लाइन डालने और फुटओवर ब्रिज बनाने को लेकर जो बातें पहले हुईं थी, उस दिशा में अभी तक कोई अमल नहीं किया गया। पदाधिकारियोंने बताया कि इस पर निगमायुक्त ने कहा कि आइडीसी क्षेत्र में काम कराने को लेकर प्रदेश सरकार ने एक कमेटी का गठन किया हुआ है। इस कमेटी की अनुमति के बाद ही यहां काम कराया जा सकता है। इसके बावजूद निगमायुक्त ने औद्योगिक प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया था कि भले ही नगर निगम आइडीसी क्षेत्र में इस समय कोई विकास कार्य नहीं करा सकता फिर भी अतिक्रमण को हटाने और सीवर लाइन साफ कराने का काम करा दिया जाएगा। उद्यमियों का कहना है कि तीन दिन बीतने के बाद भी न तो अतिक्रमण हटाया गया और न ही सीवर की सफाई कराई गई। अइडीसी क्षेत्र में इस समय समस्याओं का अंबार है। इसके समाधान के लिए नगर निगम अधिकारियों से कई बार अपील की जा चुकी है। अब यह नई जानकारी निगमायुक्त यशपाल यादव के माध्यम से मिली है कि नगर निगम यहां कमेटी के निर्देश के बिना कोई विकास कार्य नहीं करा सकता है। ऐसे में यहां के उद्योगों का क्या होगा। यह स्थिति काफी विकट है, उद्यमी हतोत्साहित हो रहे हैं।
जेएन मंगला, अध्यक्ष जीआइए