छात्राओं की याचिका मंजूर, आज वीसी से होगी सुनवाई
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: गांव जसौर खेड़ी स्थित राजकीय महिला कालेज की छात्राओं द्वारा आंतरिक मूल्
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:
गांव जसौर खेड़ी स्थित राजकीय महिला कालेज की छात्राओं द्वारा आंतरिक मूल्यांकन में 75 फीसद अंक देने की मांग को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका मंजूर हो गई है। वीसी के जरिये बुधवार को याचिका की सुनवाई की जाएगी, जिसमें छात्राओं का पक्ष सुना जाएगा। उसके बाद हाईकोर्ट की ओर से इस याचिका में आगामी कार्रवाई होगी। छात्राओं की ओर से डाली गई याचिका में उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय प्रशासन और कालेज के प्राचार्य को ॉप्रतिवादी बनाया गया है।
याचिका दायर करने वाली छात्रा किरण देशवाल, पूजा, ज्योति, रितु व प्रियंका ने बताया कि कोरोना की वजह से यूजीसी ने कालेजों व विश्वविद्यालयों को परीक्षाएं लेने से मना कर दिया था। इसीलिए महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय ने आंतरिक मूल्यांकन के 20 अंक कालेज प्रबंधन की ओर से देने के निर्देश दिए गए थे। इन 20 अंकों में से पांच अंक हाजिरी के, 5 अंक असाइनमेंट-एक और 10 अंक असाइनमेंट-दो के देने थे। इन 20 अंकों में से किसी भी विद्यार्थी को 75 फीसद यानि 15 व इससे ज्यादा अंक देने के लिए विषय वार एक कमेटी का गठन करना था और कमेटी के सदस्यों को विद्यार्थी की हाजिरी व असानइमेंट वेरीफाई करके उसी अनुसार अंक देने थे। मगर राजकीय महिला कालेज जसौर खेड़ी में न तो कमेटी का गठन किया गया और और न ही छात्राओं को 75 फीसद या इससे अधिक अंक दिए गए। छात्राओं ने बताया कि बार-बार कालेज प्रबंधन से बातचीत करने के बाद भी उन्हें इस संबंध में कोई आश्वासन नहीं मिला। इसी के चलते उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। चोरी छिपे रिकॉर्ड पूरा करने में लगे अध्यापक
किरण देशवाल ने बताया कि आंतरिक मूल्यांकन के अंक देने के लिए दो असाइनमेंट जरूरी हैं लेकिन कालेज प्रबंधन ने सिर्फ एक ही असाइनमेंट लिया। जब हमने हाईकोर्ट में याचिका दायर की तो अब चोरी-छिपे तीन-चार दिन से कालेज के कुछ प्राध्यापक अपना रिकार्ड पूरा करने के लिए छात्राओं को बुला-बुलाकर दूसरा असाइनमेंट भी ले रहे हैं। अब तो मार्क्स भी लॉक हो गए हैं। ऐसे में असाइनमेंट लेना पूरी तरह गलत है।