कब होगा शहर के सबसे बड़े पार्क का कायाकल्प
सेक्टर-29 इलाके में विकसित महाराणा प्रताप स्वर्ण जयंती पार्क (पुराना नाम लेजर वैली पार्क) की पहचान शहर के सबसे बड़े पार्क के रूप में है। यह शहर के बीचोबीच में है। इसमें पाश इलाकों से लेकर पुराने गुरुग्राम इलाके से भी लोग सुबह-शाम टहलने के लिए पहुंचते हैं।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: सेक्टर-29 इलाके में विकसित महाराणा प्रताप स्वर्ण जयंती पार्क (पुराना नाम लेजर वैली पार्क) की पहचान शहर के सबसे बड़े पार्क के रूप में है। यह शहर के बीचोबीच में है। इसमें पाश इलाकों से लेकर पुराने गुरुग्राम इलाके से भी लोग सुबह-शाम टहलने के लिए पहुंचते हैं। गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) द्वारा जिम्मेदारी संभालने के बाद उम्मीद थी कि जल्द ही इसका कायाकल्प होगा, लेकिन स्थिति जस की तस। कुल मिलाकर साफ-सफाई के ऊपर थोड़ा-बहुत ध्यान दिया गया है। अन्य किसी भी सुविधा के ऊपर ध्यान नहीं।
पार्क में टहलने के लिए पहुंचने वाले लोगों का कहना है कि वे शिकायत करते-करते थक चुके हैं। कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। हर बार कहा जाता है कि कुछ दिनों के भीतर बेहतर कर दिया जाएगा। कुछ दिन कब समाप्त होंगे, इसका पता नहीं।
डीएलएफ फेज-तीन राजेश मेहता एवं नरेश वर्मा कहते हैं कि पार्क का नाम बदल दिया गया, लेकिन सुविधाएं विकसित करने पर जोर नहीं दिया गया। इस पार्क को इस तरह विकसित करना चाहिए, जिससे कि शाम होते ही लोग यहां आने के लिए मजबूर हों। साफ-सफाई के ऊपर भी जितनी गंभीरता से ध्यान देना चाहिए, नहीं दिया जा रहा है। पूछने पर कह दिया जाता है कि आंधी आई थी इसलिए पार्क साफ नहीं दिख रहा है। लेजर वैली पार्क एसोसिएशन को इस दिशा में प्रयास करना चाहिए। मैं जल्द ही पार्क को विकसित कराने को लेकर जीएमडीए के संबंधित अधिकारियों से बात करूंगा। लोगों की मांग जायज है। पार्क को इस तरह विकसित किया जाए जिससे कि यह आकर्षण का केंद्र बने। मुझे लगता है कोरोना संक्रमण की वजह से भी काफी काम प्रभावित हुआ है।
--- नारायण सिंह, अध्यक्ष, लेजर वैली पार्क एसोसिएशन पार्क को किस तरह से विकसित किया जाना है, इस बारे में पूरी प्लानिग तैयार है। कोरोना की वजह से बात आगे तेजी से नहीं बढ़ सकी। अब जल्द ही प्लानिग के मुताबिक आगे का काम शुरू कराया जाएगा। प्रयास है कि सीएसआर के तहत किसी कंपनी को पार्क से जोड़ा जाए।
- सुभाष यादव, प्रभारी, अर्बन एनवायरमेंट डिविजन, जीएमडीए