नियम 134ए : अभी भी दाखिले को चक्कर लगा रहे हैं अभिभावक
नियम 134ए अभी भी दाखिले को चक्कर लगा रहे हैं अभिभावक
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : शिक्षा के नियम 134 ए के तहत अभी भी कई स्कूलों में अपने बच्चों के दाखिले के लिए अभिभावक भटक रहे हैं। कहीं उन पर शर्त थोपी जा रही है, कहीं बहाने बनाए जा रहे हैं कहीं ज्यादा शुल्क की डिमांड की जा रही है। कहीं दाखिला होने के बाद अब बच्चों के सामने ट्रांसपोर्ट की दिक्कत आई हुई है। दाखिला मिलने के बावजूद अभिभावक परेशान है, क्योंकि स्कूलों की ओर से उन्हें ट्रांसपोर्ट सुविधा दिए जाने से इंकार किया जा रहा है। उधर प्रशासन ने ताकिद किया है कि यदि कोई स्कूल इस तरह से मनमानी करता है या फिर नाजायज दबाव बना रहा है तो उसके खिलाफ लिखित शिकायत करें। उस पर कार्रवाई की जाएगी।
हाल ही में शिक्षा विभाग की ओर से दोबारा से बच्चों को स्कूल अलॉट किए गए हैं। ऐसे में दाखिले की तिथि 17 मई तक है। मगर कई स्कूल दाखिला देने में अड़ंगा लगा रहे हैं। इसी कारण अभिभावक परेशान हैं। रोजाना स्कूलों की ओर से नई-नई शर्त थोपी जा रही है। कभी ज्यादा शुल्क मांगा जा रहा है, तो कभी आजकल का बहाना बनाकर रोजाना उनके चक्कर कटवाए जा रहे हैं। इससे अभिभावक परेशान हो रहे हैं। मंगलवार को भी अभिभावक खंड शिक्षा कार्यालय में पहुंचे। अधिकारियों की ओर से भी स्कूल संचालकों के साथ मीटिग की जा रही है। फिर भी उनकी तरफ से आनाकानी की जा रही है। ऐसे तमाम स्कूलों के खिलाफ शिक्षा अधिकारियों ने उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा है, और इनकी मान्यता व एनओसी रद करने की सिफारिश की है। ----ट्रांसपोर्ट से इंकार कर रहे स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से 1483 बच्चों को बहादुरगढ़ में स्कूल अलॉट किए गए हैं। इनमें से ज्यादातर का दाखिला हो चुका है मगर जो बच्चे गांव से शहर में पढ़ने के लिए आते हैं उनके सामने एक दिक्कत ट्रांसपोर्ट की भी खड़ी हो गई है। उन रूटों पर स्कूलों की बसे चलती हैं और अभिभावक ट्रांसपोर्ट का चार्ज देने को भी तैयार है मगर स्कूल उन्हें इंकार कर रहे हैं। स्कूलों की ओर से बहाना बनाया जा रहा है ऐसा नियम में नही है। अभिभावकों का कहना है कि यह सारी कवायद दाखिले से बचने के लिए हो रही है। स्कूल जानबूझकर ट्रांसपोर्ट में अड़ंगा लगा रहे हैं ताकि उनके यहां से बच्चों का दाखिला करवाने से अभिभावक खुद ही दूर हट जाएं। ---एसडीएम बोले, लिखित में शिकायत करें, होगी कार्रवाई एसडीएम तरुण पावरिया का कहना है कि जिस रूट पर बस चलती हैं और अभिभावक चार्ज देने को तैयार हैं तो वहां पर स्कूलों की ओर से कतई इंकार नहीं किया जा सकता। नियम में मुफ्त में ट्रांसपोर्ट तो नहीं हो सकता। मगर ट्रांसपोर्ट शुल्क देने के बाजवूद जो स्कूल जबरदस्ती कर रहे हैं उनके खिलाफ अभिभावक लिखित में शिकायत करें, उन पर कार्रवाई जरूर की जाएगी।
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