गेहूं की बिजाई का सीजन पीक पर, हरियाणा में सरकारी केंद्र पर हुई बीज की कमी, किसान परेशान
अनुदान के चलते किसानों को सरकारी केंद्र से बीज खरीदने पर प्रति बैग 100 से लेकर 500 रुपये तक प्रति बैग फायदा हो रहा था लेकिन सरकारी केंद्र पर बीज खत्म होने के बाद अब किसानों को मजबूरी में प्राइवेट विक्रेताओं से ही बीज खरीदना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : एक तरफ गेहूं की बिजाई का सीजन पीक पर चल रहा है और दूसरी तरफ सरकारी बिक्री केंद्र पर गेहूं का बीज खत्म हो चुका है। ऐसे में किसान आर्थिक नुकसान उठाने पर मजबूर हैं। दरअसल सरकारी बीज बिक्री केंद्र पर तो सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है। ऐसे में किसानों को सरकारी केंद्र से बीज खरीदने पर प्रति बैग 100 से लेकर 500 रुपये तक प्रति बैग फायदा हो रहा था, लेकिन सरकारी केंद्र पर बीज खत्म होने के बाद अब किसानों को मजबूरी में प्राइवेट विक्रेताओं से ही बीज खरीदना पड़ रहा है।
बिजाई का फिलहाल समय सबसे उचित है, इसलिए किसान सरकारी केंद्र पर बीज आने का इंतजार नहीं कर सकते। बता दें कि इस बार खरीफ सीजन तो किसानों के लिए नुकसानदायक रहा। लेकिन अब रबी फसलों से फायदे की उम्मीद है। फिलहाल किसान रबी फसलों की बिजाई में जुटे हैं। बहादुरगढ़ क्षेत्र में तो रबी सीजन में गेहूं और सरसों पर ही जोर दिया जाता है।
बहादुरगढ़ क्षेत्र में कुल 43 हजार हेक्टेयर कृषि योग्य जमीन है। इसमें से 25 हजार हेक्टेयर से ज्यादा पर गेहूं की खेती की जाती है जबकि सरसों का रकबा मौसमी परिस्थितियों के अनुसार तय होता है। इस बार क्षेत्र में सरसों की बिजाई भी अच्छी खासी हुई है क्योंकि पिछले दो साल से इस फसल का बाजार भाव ज्यादा रहता है और इस बार सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी बढ़ोतरी की है। सरसों की बिजाई पिछले महीने तक पूरी हो चुकी है। अब गेहूं की बिजाई का दौर चल रहा है।
इस बार सितंबर के आखिर और अक्टूबर की शुरुआत में हुई बरसात के बाद बाजरा, कपास व अन्य फसलों में नुकसान हुआ। पिछले साल रबी सीजन में भी ज्यादा बरसात के कारण बड़े रकबे में गेहूं की फसल खराब हो गई थी। मांडौठी गांव के किसान राजेंद्र ने बताया कि गेहूं की बिजाई दिसंबर के मध्य तक चलेगी, क्योंकि जिस रकबे में धान की कटाई देर से हो पाती है वहां पर गेहूं की बिजाई में भी देरी होना स्वाभाविक है।