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बहादुरगढ़ में बढ़ रहे टीबी के केस, 2003 लोगों की हुई जांच, 227 टीबी सैंपल पाजिटिव मिले

प्रदूषण खानपान में बरती जा रही लापरवाही धूम्रपान व जागरूकता के अभाव में बहादुरगढ़ के लोग टीबी का शिकार हो रहे हैं। बच्चों से लेकर बड़े तक इससे पीड़ित होने लगे हैं। जांच के दौरान वर्ष 2022 में अब तक लगभग 11 माह में 227 केस टीबी पाजिटिव मिले हैं

By Jagran NewsEdited By: Manoj KumarPublished: Fri, 25 Nov 2022 11:07 AM (IST)Updated: Fri, 25 Nov 2022 11:07 AM (IST)
बहादुरगढ़ में बढ़ रहे टीबी के केस, 2003 लोगों की हुई जांच, 227 टीबी सैंपल पाजिटिव मिले
जागरुकता के अभाव में टीबी के केस बढ़ रहे हैं

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: शहर में बढ़ रहे प्रदूषण, खानपान में बरती जा रही लापरवाही, धूम्रपान व जागरूकता के अभाव में बहादुरगढ़ के लोग टीबी का शिकार हो रहे हैं। बच्चों से लेकर बड़े तक इससे पीड़ित होने लगे हैं। सिविल अस्पताल में बनी टीबी की लैब में जांच के दौरान वर्ष 2022 में अब तक लगभग 11 माह में 227 केस टीबी पाजिटिव मिले हैं। अस्प्ताल की ओर से टीबी संभावित 2003 लोगों के सैंपल लिए गए थे, जिन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा गया था।

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जांच में 227 केस मिलने का खुलासा हुआ है। टीबी के बढ़ते रोगियों की संख्या ने स्वास्थ्य विभाग व आमजन को भी सोचने के लिए मजबूर कर दिया। स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीबी रोगियों की पहचान को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों की टीमें भी फील्ड में रहकर लोगों को जागरूक भी कर रही हैं, मगर उसके बावजूद भी केस बढ़ना चिंता का विषय है। भले ही डाट्स प्रणाली व अन्य तरीकों से टीबी रोगियों का उपचार किया जा रहा हो लेकिन उसके बाद भी इस बीमारी का ग्राफ कम होने की बजाय बढ़ता जा रहा है।

जागरूकता के नाम पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी बेहद कम ही शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान चलाए जाते हैं। कहने को तो विभाग की ओर से बेहतर चिकित्सा सुविधाओं व जागरूकता अभियान चलाने का दम भरा जाता हो लेकिन टीबी के बढ़ते आंकड़ों से साफ प्रतीत हो रहा है कि इस बीमारी को लेकर विभाग को और अधिक ध्यान देने की जरूरत है। गली-मोहल्लों व वार्डों में जाकर जागरूकता मुहिम चलाते हुए लोगों को इस बीमारी से बचाव के तरीके से अवगत कराना चाहिए।

स्वास्थ्य विभाग की मानें तो भारत में हर साल में लगभग 20 लाख लोग टीबी के लक्षणों की चपेट में आ जाते हैं और काफी लोगों की मौत प्रतिवर्ष पूरा इलाज नहीं पाना, लापरवाही बरतना व खानपान में ध्यान न देने, जागरूकता के अभाव व स्वच्छता न अपनाने के चलते हो जाती है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि टीबी रोग से बचाव को लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।

खानपान को लेकर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। जागरूक्ता व स्वच्छता का अभाव भी इस बीमारी की चपेट में लोगों को ला रहा है। ऐसे में यदि किसी व्यक्ति को टीबी रोग के लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत अस्पताल में आकर अपनी जांच कराए। किसी तरह की लापरवाही न बरतें। सिविल अस्पताल के पुराने भवन में टीबी (क्षय रोग) के लिए अलग से लैब की व्यवस्था की हुई है। यहां पर बलगम व गांठ की टीबी की जांच के लिए सैंपल भी लिए जाते हैं। सबसे अधिक मरीज बलगम की जांच कराने के लिए आते हैं।

लैब के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2022 में जनवरी माह में 76 संभावित सैंपलों की जांच में 9 पाजिटिव केस निकले हैं, जबकि फरवरी में 177 सैंपल की जांच में 26 केस मिले। मार्च में 247 में से 23 केस, अप्रैल में 184 में से 19 केस, मई में 149 में से 20 केस, जून में 209 में 16 केस, जुलाई में 150 में 17 केस, अगस्त में 220 में 24 केस, सितंबर में 210 में 20 केस, अक्टूबर में 186 केस में 18 केस व नवंबर में अब तक 195 संभावित सैंपलों की जांच में 15 केस टीबी पाजिटिव पाए गए हैं।


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