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हरियाणा में दो साल इंतजार के बाद मिले हैं नए पंचायत प्रतिनिधि, अब गांवों में विकास की जगी उम्मीद

पिछला पंचायत चुनाव जनवरी 2016 में हुआ था और फरवरी 2021 में पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो गया था। तब से ही चुनाव का इंतजार था। करीब दो साल तक चली खींचतान के बाद अब जाकर गांवों में नए पंचायत प्रतिनिधि चुने गए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Manoj KumarPublished: Tue, 29 Nov 2022 10:30 AM (IST)Updated: Tue, 29 Nov 2022 10:30 AM (IST)
हरियाणा में दो साल इंतजार के बाद मिले हैं नए पंचायत प्रतिनिधि, अब गांवों में विकास की जगी उम्मीद
हरियाणा में इस बार पांच साल की बजाय सात साल में पंचायत चुनाव हुए हैं

जागरण संवाददाता,  बहादुरगढ़। पंचायत चुनाव के बाद अब नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों के शपथ ग्रहण का इंतजार है। शपथ ग्रहण के बाद ही सभी को चार्ज मिलेगा और लंबे समय से जो विकास का पहिया रुका हुआ है वह अब घूमेगा। पिछला पंचायत चुनाव जनवरी 2016 में हुआ था और फरवरी 2021 में पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो गया था। तब से ही चुनाव का इंतजार था। करीब दो साल तक चली खींचतान के बाद अब जाकर गांवों में नए पंचायत प्रतिनिधि चुने गए हैं। इस बार पंचायत चुनाव काफी रोचक भी रहे। सभी पदों के लिए प्रत्याशियों ने खूब जोर लगाया।

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अब सभी प्रतिनिधियों से ग्रामीणों को भी खूब उम्मीदें हैं। दरअसल, गांवों में लंबे समय से विकास कार्यों पर पैसा तो खूब खर्च हो रहा है लेकिन या तो वह किसी न किसी गोलमाल की भेंट चढ़ता रहा है या फिर बेतरतीब विकास कार्यो के कारण लोगों को कोई फायदा नहीं मिल पाया। यही वजह है कि अधिकतर गांवों में आज गंदे पानी की निकासी की समस्याएं हैं। तालाब भी गंदे हो रहे हैं। नाले या तो बने नहीं या फिर बने तो वे ठप हैं। इससे गलियों में गंदगी जमा रहती हैं। पर्याप्त सफाई भी नहीं हो रही है।

वैसे तो समस्याएं पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा से भी जुड़ी हुई हैं, लेकिन इन मामलों में पंचायतों को सीधे तौर पर कार्य कराने के लिए बजट नहीं मिलता। संबंधित विभागों की ओर से ये कार्य किए जाते हैं, लेकिन पंचायत स्तर पर सभी तरह की व्यवस्थाओं की देखरेख और उनकी डिमांड व सिफारिश तो हो ही सकती है।

इसीलिए लोग अब यह उम्मीद कर रहे हैं कि जो प्रतिनिधि चुने गए हैं वे केवल गली नाली के निर्माण तक ही सीमित न रहे बल्कि गांव के विकास के लिए जो भी बिंदु है उन सभी पर ध्यान दें। पंचायत स्तर पर जो कार्य हो सकते हैं वे तो किए ही जाए और जो दूसरे विभागों के कार्य हैं उनके लिए भी प्रयास हो। वैसे तो चुनाव में सभी ने खूब लंबे चौड़े वादे किए हैं, ऐसे में अब इंतजार इस बात का है कि शपथ ग्रहण के बाद जैसे ही प्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे तो उसके बाद किन कार्यों को प्राथमिकता में लेंगे।


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