अस्पताल में युवक की मौत पर परिजनों का हंगामा, दिल्ली-रोहतक रोड किया जाम
बहादुरगढ़ के एक निजी अस्पताल में शुक्रवार की शाम को गंभीर हालत में भर्ती करवाए गए युवक की मौत के बाद बवाल मच गया।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : शहर के एक निजी अस्पताल में शुक्रवार की शाम को गंभीर हालत में भर्ती करवाए गए युवक की मौत के बाद बवाल मच गया। परिजनों ने डाक्टरों पर इलाज में कोताही का आरोप लगा दिल्ली-रोहतक रोड जाम कर दिया। सूचना मिलते ही पुलिस-प्रशासन की टीमें पहुंची। मृतक के परिवार की महिलाएं सड़क पर बैठ गई। करीब एक घंटे बाद जब परिजनों को उचित कार्रवाई का आश्वासन मिला तब वे सड़क से हटे। लाइनपार के रहने वाले सोनू पुत्र करण ¨सह को उसके परिजन शुक्रवार की शाम आरजे अस्पताल में लेकर आए थे। उसको बुखार था। यहां पर उसका इलाज शुरू किया गया, लेकिन शनिवार की सुबह उसकी मौत हो गई। इसके बाद परिजन भड़क गए। कालोनी से भी काफी लोग आ पहुंचे। आक्रोशित परिजनों व लोगों ने हंगामा कर दिया और दिल्ली-रोहतक रोड पर जाम लगा दिया। परिजनों का आरोप था कि डाक्टरों ने इलाज में लापरवाही बरती। सोनू की हालत के बारे में हमें नहीं बताया गया। अन्यथा वे उसे किसी और अस्पताल में ले जाते। डाक्टरों ने इलाज सही नहीं किया, इसी कारण उसकी जान गई। परिजनों ने डाक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठाई। उधर, पुलिस व प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। परिजनों को मनाने का प्रयास किया, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे। इधर, कई प्रत्याशी भी मौके पर पहुंच गए। एक घंटे बाद परिजन सड़क से हटे तो पुलिस ने परिजनों के ब्यान दर्ज करने शुरू किए। लोगों में था आक्रोश : सोनू की मौत के बाद आक्रोश कहीं ज्यादा था। जाम के बीच से पुलिस कर्मी ने वाहन निकालने का प्रयास किया तो नौबत धक्का-मुक्की तक आ गई। एक अन्य वाहन चालक के साथ तो हाथापाई तक हुई। मगर जाम के बीच से एंबुलेंस को रास्ता दिया गया। बताया गया है कि मृतक सोनू एक बेटी का पिता था। वर्जन.. परिजनों की शिकायत के आधार पर केस दर्ज किया जा रहा है। मामले की गहराई से जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। -फूलकुमार, एसएचओ, शहर थाना बहादुरगढ़ युवक को जब अस्पताल में लाया गया तो उसकी हालत खराब थी। परिजनों को बता दिया गया था। मलेरिया पॉजीटिव था और प्लेटलेट्स काफी कम थे। एक सप्ताह से कहीं और इलाज के बाद उसे रेफर किया तो परिजन यहां लाए थे। उसके फेफड़ों में पानी बना हुआ था। पहले आईसीयू में रखा। जब सांस लेने में तकलीफ हुई तो वेंटीलेटर पर लिया गया। उसके इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही या कमी नहीं रही। -डा. नवतेज, चिकित्सा अधीक्षक, आरजे अस्पताल।