Move to Jagran APP

लता जी का गीत इस परिवार की अांखों में भर देता है पानी, जानें कुर्बानी की दास्‍तां

ब्रिगेडियर हाेशियार सिंह का परिवार लता जी का गीत ऐ मरे वतन के लोगों जरा याद करो कुर्बानी सुनकर दर्द से भर जाता है। ब्रिगेडियर सिंह 1962 के भारत चीन जंग में शहीद हो गए थे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 11 Aug 2018 10:03 PM (IST)Updated: Sun, 12 Aug 2018 09:05 PM (IST)
लता जी का गीत इस परिवार की अांखों में भर देता है पानी, जानें कुर्बानी की दास्‍तां
लता जी का गीत इस परिवार की अांखों में भर देता है पानी, जानें कुर्बानी की दास्‍तां

बहादुरगढ़, [प्रदीप भारद्वाज]। स्‍वर कोकिला लता मंगेशकर का एक गीत आज भी बहादुरगढ़ के इस परिवार को दर्द से भर देता है और इसके सदस्‍यों के रोंगटे खड़े कर देता है। यह है 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद लता जी द्वारा गाया गीत - ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा याद करो कुर्बानी।' यह परिवार है इस जंग में देश की रक्षा करते हुए प्राण न्‍योछावर करने वाले अमर शहीद ब्रिगेडियर हाेशियार सिंह का।

loksabha election banner

चीन से जंग में शहीद जवानों को समर्पित 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गीत सुनकर राजवंती की भर आती हैं आंखें

शहीद ब्रिगेडियर की बेटी राजवंती उस दिन को याद कर आज भी बेहद भावुक हो जाती हैं। वह बताती हैं- 27 नवंबर 1962 का दिन था। अरुणाचल प्रदेश के बोमडिला इलाके में कई पोस्टों पर मेरे पिता ब्रिगेडियर होशियार सिंह और उनके साथी तिरंगा फहरा चुके थे। वे चीनी सैनिकों को पीछे धकेलते जा रहे थे। दुश्मन सैनिक भाग निकले थ। इसके बाद मेरे पिता 150 जवानों के साथ दूसरी पोस्ट की तरफ चले। अचानक चीनी सैनिकों ने उन्हें घेर लिया। पिता जी और उनके साथी जवानों ने दुश्मन सैनिकों को जवाब देना शुरू किया। लेकिन, भारतीय सैनिकों के पास उतनी गोलियां ही नहीं थीं, जितने दुश्मन के सैनिक थे और दुश्‍मनों से लोहा लेते हुए मेरे पिता सहित वहां मौजूद सभी भारतीय सैनिक शहीद हो गए।

शहीद ब्रिगेडियर हाेशियार सिंह का परिवार। (फाइल फोटो)

राजवंती पिता की याद में भावुक हो उठती हैं। बताती हैं, जब भी लता जी का गीत 'ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा याद करो कुर्बानी' सुनती हूं, लाख रोकने के बाद भी आंखें भर आती हैं। वह भरी आंखों से ही बताती हैं, सांखौल गांव है हमारा। बहादुरगढ़ से एकदम सटा हुआ। मैं तब छोटी थी। उन दिनों छुट्टी पर पिता जी घर आए थे। अचानक सेना से बुलावा आया। वह तुरंत चले गए और फिर कभी नहीं लौटे। उनका पार्थिव शरीर भी नहीं आया। मुझे याद है। तब मेरे घर पर सेना के अफसरों के साथ प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू और वृहत पंजाब के मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों आए थे। पहली पुण्यतिथि पर इंदिरा गांधी भी परिवार से मिलने आई थीं।

यह भी पढ़ें: 19 बार एक्सटेंशन व 10 साल तक वेतन एक रुपया, यह हैं सर्जिकल स्‍टाइक के हीरो के पिता

1962 में शहीद हुए ब्रिगेडियर होशियार का पार्थिव शरीर भी घर नहीं आया था, नेहरू जी पहुंचे थे श्रद्धांजलि देने

राजवंती  बताती हैं कि पिता की शहादत के बाद भी देश सेवा का जज्बा हमारे भाइयों में कम नहीं हुआ। चार में से तीन भाई सेना में गए। हम पांच भाई-बहनों में से मेरे बड़े भाई राजेंद्र सिंह देहरादून में रह रहे हैं। कर्नल गजेंद्र राठी और विंग कमांडर बलराज राठी गुरुग्राम में रहते हैं। सबसे छोटे भाई दिल्‍ली के तीस हजारी कोर्ट में अधिवक्ता हैं।

साथियों के साथ ब्रिगेडियर हाेशियार सिंह। (फाइल फोटो)

यह भी पढ़ें: रोहतक में लव मैरिज करने वाली लड़की और सब इंस्पेक्टर को गोलियों से भूना

राइफल मैन से बने थे बिग्रेडियर

16 दिसंबर 1916 में किसान परिवार में जन्मे होशियार सिंह 1934 में सेना (राजपूताना राइफल्स-2) में बतौर राइफल मैन भर्ती हुए थे। वह 1940 में हवलदार बन गए। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान 1941 में उन्‍हाोंने किंग कमीशन का नेतृत्व किया। इसी वर्ष जुलाई में कमिशनरेट ऑफिसर बन गए। 1942 को कैप्टन और दो साल बाद सितंबर 1943 में मेजर बने।

शहीद ब्रिगेडियर हाेशियार सिंह को अंतिम विदाई देते साथी।

उनको 1947 के बाद मिलिट्री एकेडमी देहरादून में चीफ इंस्ट्रक्टर बन गए। 1952 में उन्हें राजपूताना राइफल-2 का जिम्मा मिला और दिल्ली स्थित रेजिमेंटल सेंटर में डिप्‍टी कमांडेंट बने। 1961 में कमांडेंट और उसी वर्ष ब्रिगेडियर बन गए। उन्हें  इंडियन आर्डर ऑफ मेरिट और भारतीय विशिष्ट सेवा पदक से नवाजा गया था। इसके अतिरिक्त ब्रिटिश सरकार ने भी वीरता पुरस्कार दिया था।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.