बेसहारा गोवंश और बंदरों को लेकर आज होगी अदालत में सुनवाई, नप दायर करेगी अपना जवाब
बेसहारा गोवंश व बंदरों को पकड़ने के लिए दायर किए गए मामले की सुनवाई सिविल जज जूनियर डिवीजन की अदालत में मंगलवार को होगी। अदालत में नगर परिषद की ओर से इस मामले में जवाब दायर किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : बेसहारा गोवंश व बंदरों को पकड़ने के लिए दायर किए गए मामले की सुनवाई सिविल जज जूनियर डिवीजन की अदालत में मंगलवार को होगी। अदालत में नगर परिषद की ओर से इस मामले में जवाब दायर किया जाएगा।
बेसहारा गोवंश को लेकर नगर परिषद की ओर से सेक्टर 9 बाईपास के पास स्थित अपनी छह एकड़ जमीन से कब्जा छुड़वाने की तैयारी की जा रही है। यहां गोवंश को पकड़कर रखने के लिए गोशाला बनाने पर नप विचार कर रही है। साथ ही नप ने एक हजार बंदर पकड़ने के लिए वन्य जीव प्राणी विभाग से उन्हें कलेसर व अरावली के जंगल में छोड़ने की अनुमति मांग रखी है। सेक्टर छह निवासी महिपाल गुलिया और जटवाड़ा मुहल्ला निवासी योगेंद्र की ओर से अदालत में दायर केस की सुनवाई के दौरान गत वीरवार को नप के कार्यकारी अधिकारी की ओर से वकील राजकुमार शर्मा पेश हुए थे। उन्होंने इस संबंध में जवाब दायर करने के लिए अदालत से समय मांगा है। सिविल जज जूनियर डिवीजन वंदना ढिल्लन ने नप को जवाब दायर करने के लिए 29 सितंबर का समय दिया था। अब नप की ओर से जो जवाब दाखिल किया जाएगा, उसी पर बेसहारा गोवंश को पकड़ने का अभियान कब से शुरू हो, यह निर्भर होगा। अदालत में केस दायर कर बेसहारा गोवंश व बंदरों को पकड़ने की मांग
सेक्टर-6 निवासी महिपाल गुलिया और जटवाड़ा मुहल्ला के योगेंद्र की ओर से यह केस अदालत में दायर किया गया है। केस में हरियाणा राज्य थ्रू जिला उपायुक्त, जिला पालिका आयुक्त और नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी को प्रतिवादी बनाया गया है। वादी पक्ष ने तर्क दिया है कि शहर में बेसहारा गोवंश की भरमार है। इनमें सांड ज्यादा हैं। इनके कारण सड़कों पर बाधा, दुर्घटनाएं रोजमर्रा की बात है। लगातार हादसे हो रहे हैं। दूसरी ओर शहर में बंदरों की भरमार है। ये भी लोगों को रोजाना घायल कर रहे हैं। शहर में अनेक लोग बंदरों के काटने या फिर उनके डर के कारण छत से गिरकर जख्मी हो चुके हैं। ये समस्याएं काफी दिनों से बनी हुई हैं। मगर शासन-प्रशासन की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। उन्होंने बेसहारा गोवंश व बंदरों को पकड़ने की मांग की है।