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नप के वकील ने जवाब दायर करने के लिए फिर से मांगा समय तो जज बोलीं गोवंश से सब परेशान, क्यों नहीं उठाया जा रहा कोई कदम

बेसहारा गोवंश व बंदरों को पकड़ने के लिए दायर किए गए मामले की सुनवाई सिविल जज जूनियर डिवीजन वंदना ढिल्लन की अदालत में मंगलवार को हुई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 07:30 AM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 07:30 AM (IST)
नप के वकील ने जवाब दायर करने के लिए फिर से मांगा समय तो जज बोलीं गोवंश से सब परेशान, क्यों नहीं उठाया जा रहा कोई कदम
नप के वकील ने जवाब दायर करने के लिए फिर से मांगा समय तो जज बोलीं गोवंश से सब परेशान, क्यों नहीं उठाया जा रहा कोई कदम

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : बेसहारा गोवंश व बंदरों को पकड़ने के लिए दायर किए गए मामले की सुनवाई सिविल जज जूनियर डिवीजन वंदना ढिल्लन की अदालत में मंगलवार को हुई। सुनवाई के दौरान नगर परिषद की ओर से इस संबंध में कोई जवाब दायर नहीं किया गया।

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नप की ओर से पेश हुए वकील ने जज के सामने इस मामले में जवाब दायर करने के लिए कुछ समय और देने की मांग की। इस पर वादी पक्ष के वकील विराट बल्हारा ने बताया कि डीआइजी कालोनी गत 21 सितंबर को पगलाए सांड ने एक महिला को पटक-पटककर मार दिया। कुछ अन्य लोगों को टक्कर मारने का प्रयास सांड ने किया लेकिन वे बच गए। बेसहारा पशुओं के कारण हर रोज हादसे हो रहे हैं। विराट बल्हारा ने बताया कि इस पर जज वंदना ढिल्लन ने कहा कि बेसहारा गोवंश व बंदरों से सब परेशान हैं। इस बारे में नप की ओर से ठोस कदम क्यों नहीं उठाया जा रहा है। इस पर नप के वकील ने बताया कि नगर परिषद प्रशासन की ओर से बेसहारा गोवंश को पकड़ने के लिए ठोस योजना बनाई जा रही है। इसी योजना को आधार बनाकर अदालत में जवाब दायर किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने समय की मांग की। वकील की मांग पर जज ने इस मामले जवाब दायर करने के लिए 6 अक्टूबर का समय दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी। गौरतलब है कि सेक्टर-6 निवासी महिपाल गुलिया और जटवाड़ा मुहल्ला के योगेंद्र की ओर से यह केस अदालत में दायर किया गया है। केस में हरियाणा राज्य थ्रू जिला उपायुक्त, जिला पालिका आयुक्त और नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी को प्रतिवादी बनाया गया है। वादी पक्ष ने तर्क दिया है कि शहर में बेसहारा गोवंश की भरमार है। इनमें सांड ज्यादा हैं। इनके कारण सड़कों पर बाधा, दुर्घटनाएं रोजमर्रा की बात है। लगातार हादसे हो रहे हैं। दूसरी ओर शहर में बंदरों की भरमार है। ये भी लोगों को रोजाना घायल कर रहे हैं। शहर में अनेक लोग बंदरों के काटने या फिर उनके डर के कारण छत से गिरकर जख्मी हो चुके हैं। ये समस्याएं काफी दिनों से बनी हुई हैं। मगर शासन-प्रशासन की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। उन्होंने बेसहारा गोवंश व बंदरों को पकड़ने की मांग की है। इसी मामले को लेकर मंगलवार को सुनवाई थी, मगर नप की ओर से जवाब दायर करने के लिए फिर से समय मांग लिया गया तो अब इसकी सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी।


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