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आयकर रिटर्न के लिए पहले ही कर लें प्लानिग, तो नहीं होगी दिक्कत

आयकर रिटर्न के लिए पहले ही कर लें प्लानिग तो नहीं होगी दिक्कत

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 01:33 AM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 01:33 AM (IST)
आयकर रिटर्न के लिए पहले ही कर लें प्लानिग, तो नहीं होगी दिक्कत
आयकर रिटर्न के लिए पहले ही कर लें प्लानिग, तो नहीं होगी दिक्कत

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : आयकर रिटर्न (आइटीआर) को लेकर लोग अक्सर असमंजस में रहते हैं। आइटीआर भरें या नहीं, इसके क्या-क्या फायदे हैं। यदि आय छूट की सीमा के दायरे में हैं तो क्या करें। ऐसे अनेकों सवाल उनके मन में रहते हैं। मगर ये जान लें कि आइटीआर भरने के फायदे ही फायदे हैं। इसके लिए यदि पहले से प्लानिग कर लेंगे तो किसी तरह की कोई दिक्कत ही नहीं आएगी। आइटीआर भरने के बाद वार्षिक आमदनी को लेकर कानूनी रूप से भी सुरक्षित हो जाते हैं और देश के प्रति जिम्मेदार नागरिक का यह कर्तव्य भी है। ऐसा मानना है क्षेत्र के जाने-माने चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) एनके सर्राफ का। वे रविवार को दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित हेलो जागरण कार्यक्रम में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे।

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दोपहर 12 से 1 बजे तक चले एक घंटे के इस कार्यक्रम में कई लोगों ने फोन पर आयकर से संबंधित समस्याएं रखी। कुछ पाठक तो कार्यालय में ही पहुंच गए। सभी समस्याओं और सवालों का सीए एनके सर्राफ ने लोगों को समाधान बताया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग तो आयकर रिटर्न भरने को लेकर मन में भ्रांतियां पाले रखते हैं। यही सबसे बड़ी दिक्कत है। बहुत से लोगों को सरकार को किसी तरह का टैक्स भी नहीं देना होता, मगर फिर भी वे आइटीआर भरने से बचते हैं। आइटीआर भरने का मतलब यह नही है कि सरकार को टैक्स देना ही होगा। ऐसा नहीं होना चाहिए कि हम देश और सरकार से अधिकारों की तो अपेक्षाएं रखें, मगर अपने कर्तव्य से मुंह मोड़ लें। सरकार यदि टैक्स में छूट देती है तो उसे अच्छे से समझे और उसके अनुसार अपनी आइटीआर भरें। इस तरह समझे टैक्स स्लैब इसी साल 1 अप्रैल से सरकार नए स्लैब के अनुसार टैक्स लेगी। अभी तक ढ़ाई लाख तक जिनकी वार्षिक आय है, उन्हें तो आइटीआर भरने की जरूरत नहीं है। जिनकी आय पूरे पांच लाख तक है। उनको भी सरकार को टैक्स तो नहीं देना है। इस अंतरिम बजट में यह घोषणा हुई थी। मगर ढ़ाई लाख से ज्यादा है, उनको आइटीआर जरूर भरनी होगी। केवल पांच लाख ही नहीं बल्कि डेढ़ लाख तक 80सी के तहत होने वाली आय और दो लाख तक के होम लोन का इंटरेस्ट भी छूट सीमा के दायरे में है। इस तरह से साढ़े आठ लाख तक की वार्षिक आय पर टैक्स से छूट मिल जाती है। इसके अलावा मेडिकल इंश्योरेंस में 80डी के तहत 50 हजार रुपये की छूट मिल सकती है। ---हेलो जागरण कार्यक्रम को सराहा, पांच दिनों तक आइटीआर फ्री में भरेंगे इस कार्यक्रम में पहुंचे सीए एनके सर्राफ ने हेलो जागरण को सराहा और कहा कि जो लोग टैक्स अदायगी को लेकर अभी तक जागरूक नहीं हैं, ऐसे लोगों को प्रेरित करने के लिए वे अगले पांच दिनों तक उनकी मुफ्त में आइटीआर भरेंगे। लोगों को जागरूक करने के लिए हेलो जागरण बेहतर मंच है। लोग यदि इसके जरिये अपनी समस्याएं रखते हैं, तो उन्हें समाधान भी मिलता है। कार्यक्रम में सीए एनके सर्राफ के साथ उनके कार्यालय के कर्मचारी सीए और सीएस चंदन बैरोलिया भी उपस्थित रहे। प्रमुख रूप से इन लोगों ने रखी समस्याएं

1. दैनिक जागरण कार्यालय में पहुंचे पार्षद रमिता चुघ के पति सुरेंद्र चुघ ने सीए एन के सर्राफ के समक्ष कई समस्याएं रखी। उन्होंने टैक्स के दायरे से बाहर रहने वाली आय के बारे में जानकारी ली। साथ ही जीएसटी से जुड़े सवाल भी पूछे। उनकी हर समस्या के समाधान के बारे में सीए एन के सर्राफ ने जानकारी दी। 2. डाबौदा गांव के रहने वाले कृष्ण हेलो जागरण कार्यक्रम में आकर चिता मुक्त हुए। उनके पास आयकर रिटर्न भरने को लेकर मैसेज आया हुआ था। हालांकि उनकी वार्षिक आय ढ़ाई लाख से कम है। मगर मैसेज को लेकर वे परेशान थे। दैनिक जागरण कार्यालय में पहुंचकर उन्होंने सीए के समक्ष अपनी समस्या रखी, तब उन्हे बताया कि उन्हें आइटीआर भरने की जरूरत नहीं है। इसके बाद वे खुश होकर वापस लौटे। 3. चढ़वाना से भरत सिंह ने फोन पर बताया कि उन्हें जमीन का मुआवजा मिला था। उस पर बैंक की ओर से टीडीएस काटा गया है। इस पर उन्हें बताया गया कि वे आइटीआर भरने के बाद अपना टीडीएस ले सकते हैं। जिस साल की आइटीआर नहीं भरी है, उस साल का टीडीएस नहीं मिल पाएगा। 4. बहादुरगढ़ के नेताजी नगर से रणधीर सिंह ने आयकर रिटर्न को लेकर सवाल पूछा। उनको सीए एनके सर्राफ ने समाधान बताया। 5. गौरिया से मंदीप ने बताया कि उनका टीडीएस कटा हुआ है। इस पर उसी वापसी की प्रक्रिया उन्हें बताई गई। इसके अलावा भी कार्यक्रम में आयकर से संबंधित अनेकों सवालों का सीए ने जवाब दिया। सीए ने ये दिए सुझाव :

1. हर किसी को अपने लेन-देन से संबंधित रिकार्ड की स्लिप व अन्य कागजात कम से कम आठ साल तक तो सुरक्षित रखने ही चाहिए। 2. आयकर रिटर्न जरूर भरें। इससे आप चितामुक्त रहेंगे। 3. आयकर रिटर्न भरने से लोन लेने में आसानी होती है और भी कई तरह के फायदे होते हैं। 4. आयकर रिटर्न भरने के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक की स्टेटमेंट, पालिसी-बांड के कागजात, एफडी, पीएफ, बच्चों की स्कूल फीस की स्लिप की जरूरत होती है। 5. सबसे जरूरी है कि आइटीआर को लेकर पहले से प्लानिग कर लें।


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