सतनाली बस स्टैंड पर सुविधाओं का अभाव, यात्री परेशान
बेशक सतनाली में तीन दशक के लंबे इंतजार 15 बार शिलान्यास के बाद सरकार द्वारा वर्ष 2016 में क्षेत्रवासियों की बहुप्रतीक्षित मांग बस स्टैंड निर्माण को पूरा कर दिया हो लेकिन इसके बावजूद भी क्षेत्र के लोग आज भी न केवल बेहतर परिवहन सेवाओं को तरस रहे है।
संवाद सहयोगी, सतनाली : बेशक सतनाली में तीन दशक के लंबे इंतजार एवं 15 बार शिलान्यास के बाद सरकार द्वारा वर्ष 2016 में क्षेत्रवासियों की बहुप्रतीक्षित मांग बस स्टैंड निर्माण को पूरा कर दिया हो, लेकिन इसके बावजूद क्षेत्र के लोग परिवहन सेवाओं के मोहताज बने हुए हैं। बस स्टैंड पर यात्री सुविधाओं के अभाव में परेशानी का सामना कर रहे हैं।
बस स्टैंड के निर्माण के बाद सतनाली से प्रदेश के महत्वपूर्ण शहरों, कस्बों व सीमावर्ती राजस्थान के पिलानी, झुंझुनूं, चिड़ावा, सीकर व जयपुर आदि शहरों के लिए सीधी परिवहन सेवा उपलब्ध करवाने के दावे विभाग द्वारा किए गए थे। समय बीतने के साथ दावों की हवा निकलने लगी है तथा सेवाओं में विस्तार नहीं हो पाया है। मजबूरी में यात्रियों को अवैध वाहनों पर ही निर्भर होना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर बस स्टैंड पर सुविधाओं की बात करें, तो यहां सुविधाओं का काफी अभाव है। बस स्टैंड पर बसों के आवागमन के लिए समय सारिणी तो है, परंतु शायद ही कोई बस निर्धारित समय पर बस स्टैंड से निकलती हो।
बस स्टैंड पर यात्रियों की सुविधा के लिए बने शौचालय सफाई के अभाव में दुर्गंध पैदा कर रहे हैं। शौचालयों के दरवाजे व उनके शीशे तक टूटे पड़े हैं। इससे यात्री शौचालयों में जाना ही नहीं चाहते। महिला यात्रियों को सबसे अधिक परेशानी होती है। बस स्टैंड परिसर में सफाई व्यवस्था के अभाव में हालात विकट है। यहां सफाई कर्मचारियों की कमी से सफाई नहीं हो पा रही। इसके अलावा प्रकाश की भी उचित व्यवस्था नहीं है। यहां तक कि लाइटों के लिए लगाए गए पोल नीचे जमीन पर गिर चुके हैं। बस स्टैंड की दीवारें भी जर्जर हो चुकी हैं। वर्जन :
सतनाली बस स्टैंड से रोडवेज की बसें दादरी के बीच 23 फेरे तथा नारनौल के बीच 19 फेरे रोजाना लगाती हैं। शरारती तत्वों ने टॉयलेट का दरवाजा तोड़ दिया था, उसे ठीक कराया जाएगा और हाई मास्ट लाइट भी लगवाई जाएगी।
- रामफल, अड्डा इंचार्ज, सतनाली।