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जाट प्रतिनिधि बोले, दर्ज केस वापस ले सरकार

जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज केस वापस न लिए जाने से एक बार फिर जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने सरकार के प्रति नाराजगी जताई है। बहादुरगढ़ में बुधवार को जुटे संघर्ष समिति से जुड़े जाट नेताओं ने कहा कि सरकार को अपना वायदा पूरा करना चाहिए। इसी मसले पर बहादुरगढ़ में 6 जिलों के प्रमुख प्रतिनिधियों की 25 दिसंबर को बैठक भी बुलाई गई है। उसमें आगामी रणनीति तय की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Dec 2018 04:56 PM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2018 11:04 PM (IST)
जाट प्रतिनिधि बोले, दर्ज केस वापस ले सरकार
जाट प्रतिनिधि बोले, दर्ज केस वापस ले सरकार

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

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जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज केस वापस न लिए जाने से एक बार फिर जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने सरकार के प्रति नाराजगी जताई है। बहादुरगढ़ में बुधवार को जुटे संघर्ष समिति से जुड़े जाट नेताओं ने कहा कि सरकार को अपना वायदा पूरा करना चाहिए। इसी मामले पर बहादुरगढ़ में 6 जिलों के प्रमुख प्रतिनिधियों की 25 दिसंबर को बैठक भी बुलाई गई है। उसमें आगामी रणनीति तय की जाएगी।

बुधवार को शहर की छोटूराम धर्मशाला में पत्रकार वार्ता के दौरान जाट नेताओं ने कहा कि सरकार द्वारा यह वादा किया गया था कि आंदोलन के समय दर्ज हुए जो केस सरकार बनाम हैं उन्हें वापस ले लिया जाएगा, मगर ऐसा नहीं हो रहा। आरक्षण आंदोलन से जुड़े रहे अशोक मलिक मदीना, कै.मान ¨सह, पप्पू दलाल, सनवीर दलाल, अनिल प्रधान ने कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन में शामिल थे। किसी भी तरह गैरकानूनी गतिविधि से उनका वास्ता नहीं रहा। इसके बावजूद उनके ऊपर केस दर्ज किए गए और आज तक वापस नहीं लिए गए। जबकि सरकार ने वादा किया था कि इस तरह के केसों को वापस ले लिया जाएगा। जब भी सत्ता पक्ष का कोई बड़ा नेता केंद्र से हरियाणा में आता है तो सरकार यह कह देती है कि आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज केस वापस लिए जा रहे हैं मगर बाद में भूल जाती है।

मदीना ने बताया कि 25 दिसंबर को बहादुरगढ़ में 6 जिलों के प्रमुख जाट प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई गई है। इस दिन यहां राजा सूरजमल की पुण्यतिथि पर आगामी रणनीति तय की जाएगी। इस बैठक में रोहतक, झज्जर, सोनीपत, पलवल, गुरुग्राम और फरीदाबाद के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इससे पहले 24 दिसंबर को जींद में एक बैठक होगी। उन्होंने कहा कि महीने में दो बार समिति सदस्यों को कोर्ट की तारीख पर जाना पड़ता है। सरकार ने सार्वजनिक रूप से जो घोषणा की थी उसे पूरा भी करना चाहिए। इस मसले पर 25 दिसंबर की बैठक में प्रभावी फैसला लिया जाएगा।

इस दौरान महावीर ¨सह, कपूर ¨सह राठी, महेंद्र दलाल, जयकिशन, जय ¨सह, राजेंद्र, बल्लू व अन्य मौजूद रहे।


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