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सर्द रातों में, सुनसान सड़कों पर मिलते हैं वो..

शहर सो जाता है तब सुनसान सड़कों पर और कोई नहीं बस सफाई कर्मी मिलते हैं। जी हां। इन दिनों रात में नगर परिषद द्वारा शहर की सफाई जो करवाई जा रही है। रेलवे रोड हो या मेन बाजार जब हर दुकान पर ताला लटक जाता है, तब ये सफाई कर्मी अपनी ड्यूटी पर पहुंचते हैं और सड़कों को साफ करके वापस लौटते हैं। मंगलवार की रात को यह नजारा दिखा। समय 10:20 बजे का था। जब रिपोर्टर की नजर रेलवे रोड पर पड़ी तो एक बारगी सब कुछ सुनसान था। फिर 300 मीटर दूर शहीद ब्रिगेडियर होशियार ¨सह स्टेडियम के ठीक सामने एक सफाई कर्मी दिखा। उस तरफ कदम बढ़ा तो, रोहतक रोड से लेकर इस स्टेडियम के गेट तक रेलवे रोड पर कहीं कूड़ा नहीं दिखा। सफाई कर्मी अपने काम में जुटा था। पास में

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 06:41 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 06:41 PM (IST)
सर्द रातों में, सुनसान सड़कों पर मिलते हैं वो..
सर्द रातों में, सुनसान सड़कों पर मिलते हैं वो..

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : सर्द रातों में जब पूरा शहर सो जाता है तब सुनसान सड़कों पर और कोई नहीं बस सफाई कर्मी मिलते हैं। जी हां। इन दिनों रात में नगर परिषद द्वारा शहर की सफाई जो करवाई जा रही है। रेलवे रोड हो या मेन बाजार जब हर दुकान पर ताला लटक जाता है, तब ये सफाई कर्मी अपनी ड्यूटी पर पहुंचते हैं और सड़कों को साफ करके वापस लौटते हैं।

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मंगलवार की रात को यह नजारा दिखा। समय 10:20 बजे का था। जब रिपोर्टर की नजर रेलवे रोड पर पड़ी तो एक बारगी सब कुछ सुनसान था। फिर 300 मीटर दूर शहीद ब्रिगेडियर होशियार ¨सह स्टेडियम के ठीक सामने एक सफाई कर्मी दिखा। उस तरफ कदम बढ़ा तो, रोहतक रोड से लेकर इस स्टेडियम के गेट तक रेलवे रोड पर कहीं कूड़ा नहीं दिखा। सफाई कर्मी अपने काम में जुटा था। पास में कूडा उठाने के लिए रेहड़ी थी। उसका दूसरा साथी थोड़ी और आगे सफाई में जुटा था। पूछने पर पता चला कुछ सफाई कर्मी यह ड्यूटी करके जा चुके हैं। वे भी कूड़े को डं¨पग प्वाइंट पर डालकर लौटेंगे। ऐसे में शहर जागेगा तो सड़कें साफ मिलेंगी। रात की इस सफाई का सुबह नतीजा भी दिख रहा है। स्वच्छता सर्वेक्षण से पहले यह मुहिम शुरू की गई। माना जा रहा है कि शहर के लोगों को भी रात की सफाई सुकून दे रही है। सबसे बड़ा फायदा यह हो रहा है कि सुबह जो लोग सैर सपाटे के लिए अलसुबह निकलते हैं उनको सड़कें साफ दिखती हैं। सुबह के समय सफाई की जरूरत नहीं होती, इसलिए लोगों की सैर के समय सफाई के कारण धूल उड़ने की समस्या भी नहीं आती। ---दुकानदारों का सहयोग मिले तो अच्छी हो सफाई नगर परिषद ने रात में सफाई के लिए 40 कर्मचारी लगाए हैं। रात को मार्केट बंद हो जाती है, तब ये कर्मचारी प्रमुख सड़कों पर सफाई करने के लिए पहुंचते हैं। मंगलवार की रात भी रेलवे रोड पर ये कर्मचारी नजर आए। स्थिति यह थी कि दुकानों के आगे सड़कों पर दूर-दूर तक कूड़ा फैला हुआ था। इससे यह स्पष्ट हो रहा था कि दुकानदार, फुटकर विक्रेता और रेहड़ी वालों में से ज्यादातर अपने यहां कूड़े के लिए डस्टबिन रखते ही नहीं। इसी कारण कूड़ा इधर-उधर फैल जाता है। ऐसे में सफाई कर्मियों को भी मुश्किल पेश आती है। सफाई में ज्यादा पसीना बहाना पड़ता है। पिछले दिनों नगर परिषद ने निर्देश जारी किए गए थे कि सभी दुकानदार, फुटकर विक्रेता अपने यहां डस्टबिन रखेंगे। ताकि सड़कों पर कूड़ा न फैले। मगर रात का नजारा देख इस तरह के निर्देश बेअसर साबित होते नजर आए। सफाई कर्मी नरेश व बलवंत का कहना था कि यदि सबके यहां पर डस्टबिन हो तो सफाई कार्य आसान ही नही अच्छा भी होगा। ---रात को मानिटरिंग के लिए बनेगी टीम नगर परिषद के ईओ अपूर्व चौधरी ने बताया कि दुकानदारों और फुटकर विक्रेताओं द्वारा डस्टबिन न रखने को लेकर सख्ती की जाएगी। इसके लिए एक टीम बनाई जाएगी। यह टीम रोजाना शाम को बाजारों में मॉनिट¨रग करेगी। इसके जरिये यह पता लगाया जाएगा कि कितनी दुकानों में डस्टबिन रखा है और कितनी में नहीं।


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