डिप्थीरिया से जिले में दूसरी मौत
गुरुग्राम में डिप्थीरिया (गलाघोटू) बीमारी से दूसरी बच्ची की मौत हुई है। डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. नीलम थापर ने बताया कि 4 वर्षीय परी व पुत्री नूर हुसैन मौत हुई है। बच्ची का इलाम एसजीटी मेडिकल कॉलेज बुढ़ेडा में इलाज चल रहा था। डॉ. थापर ने कहा कि बच्ची की मौत 1 अक्टूबर को हुई थी। बच्ची को 1 अक्टूबर को दाखिल कराया था और उसी दिन मौत हुई है। मृतक बच्ची का परिवार गांव कांकरौला में रहता है। स्वास्थ्य विभाग ने गांव में स्वास्थ्य टीम को भेज दिया है और बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करा रहे है ताकि बीमारी फैल ना सके।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : डिप्थीरिया (गलघोंटू) बीमारी से जिले में दूसरी मौत हो गई है। डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. नीलम थापर ने बताया कि 4 वर्षीय परी पुत्री नूर हुसैन की डिप्तीथीरिया से मौत हुई है। बच्ची का इलाज एसजीटी मेडिकल कॉलेज बुढ़ेडा में चल रहा था। डॉ. थापर ने कहा कि बच्ची को 1 अक्टूबर को दाखिल कराया गया था और उसी दिन बच्ची की मौत हो गई।
मृतक बच्ची का परिवार गांव कांकरौला में रहता है। स्वास्थ्य विभाग ने गांव में स्वास्थ्य टीम को भेज दिया है और बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करा रहे है ताकि बीमारी फैल ना सके। इससे पहले 11 सितंबर को गांव टीकली की पांच वर्षीय बच्ची की डिप्थीरिया से मौत हुई थी और उनका इलाज दिल्ली के इंफेक्शन डिजीज अस्पताल (आइडीएच) महर्षि वाल्मीकि अस्पताल में चल रहा था। क्या है डिप्थीरिया
यह बीमारी 2 से लेकर 10 वर्ष तक की आयु के बच्चों को अधिक होता है। यह बीमारी गले में होती है और टॉन्सिल भी आक्रांत होते हैं। इसकी पहचान नाक का बहना, गले में दर्द, बुखार, सांस लेने में परेशानी, बीमार महसूस करना है। अगर किसी बच्चे में ऐसे लक्षण मिलते हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं ताकि समय पर इलाज मिले।