हरेरा की सक्रियता से बिल्डरो के सतायों में जगी न्याय की उम्मीद
रियल एस्टेट हब साइबर सिटी इससे संबंधित विवादों का भी बड़ा हब बन गया है। यहां हजारों की संख्या में लोग बिल्डरों के धोखाधड़ी से पीड़ित हैं। अपने घर का सपना संयोए इन लोगों ने अपने जीवन भर की कमाई को बिल्डरों के हवाले कर दिया है। अब इन्हें ना तो घर मिल रहा है और ना ही इनका पैसा। ऐसे में हरियाणा रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (हरेरा) गुरुग्राम इनके लिए एक बड़ी राहत बन कर आया है। बिल्डरों द्वारा सताए हुए लोगों को इससे काफी उम्मीदें हैं। पीड़ितों का कहना है कि हरेरा के दो फैसलों ने उनकी उम्मीद को जगा दिया है। आने वाले दिनों बिल्डरों के खिलाफ और भी शिकायतें हरेरा तक आने की संभावना बढ़ गई है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: रियल एस्टेट हब साइबर सिटी इससे जुड़े विवादों का भी बड़ा हब बन गया है। यहां बिल्डरों की धोखाधड़ी से पीड़ित हजारों की संख्या में लोग मिल जाएंगे। अपने घर का सपना संजोए इन लोगों ने जीवन भर की कमाई को बिल्डरों के हवाले कर दी थी। अब इन्हें ना तो घर मिल रहा है और ना ही इनका पैसा। ऐसे में हरियाणा रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (हरेरा) गुरुग्राम इनके लिए एक बड़ी राहत बन कर आया है। बिल्डरों के सताए हुए लोगों को इससे काफी उम्मीदें हैं। पीड़ितों का कहना है कि हरेरा के दो फैसलों ने उनकी उम्मीद को जगा दिया है। आने वाले दिनों बिल्डरों के खिलाफ और भी शिकायतें हरेरा तक आने की संभावना बढ़ गई है।
गुरुग्राम में शायद ही बिल्डरों की कोई ऐसी परियोजना हो जिसे लेकर विवाद ना हो। पिछले चार साल से किसी ना किसी बिल्डर के खिलाफ उसके निवेशकों द्वारा प्रदर्शन किया जाता रहा है। कुछ समय पहले तक उनके पास अपनी शिकायतों को ले कर जाने का कोई प्लेटफार्म नहीं था। अब हरेरा एक सशक्त मंच के रूप में उनके समक्ष आया है। वहीं हरेरा बेंच द्वारा लिए गए दो निर्णयों ने उनका उत्साह बढ़ा दिया है। बेंच ने छह सितंबर को एक अनोखा फैसला सुनाया। शहर के सेक्टर-112 में अर्थ इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और ओरोकेम बिल्डप्रॉप प्राइवेट लिमिटेड की रिहायशी परियोजना अर्थकोपिया सोसायटी को लेकर हरेरा ने निर्णय लिया है कि इस परियोजना का अधूरा काम वह अपनी निगरानी में पूरा कराएगा। हरेरा द्वारा रियल एस्टेट कंपनी अर्थ इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और ओरोकेम बिल्डप्रॉप प्राइवेट लिमिटेड के बैंक खातों को सीज कर दिया गया है। हरेरा फ्लैटों का निर्माण बिल्डर की संपत्ति को बेचकर कराएगा।
इसी प्रकार का एक निर्णय पिछले माह शहर के सेक्टर-89 स्थित अधूरे पड़े ग्रीनोपोलिस रिहायशी प्रोजेक्ट को लेकर भी दिया था। हरेरा ने इस प्रोजेक्ट को अपनी देख-रेख में पूरा कराने का निर्णय लिया था। इसे लेकर प्रोफेसर एमएस तुरान को इन्वेटिगेशन कमिश्नर नियुक्त किया जा चुका है। यह रिहायशी परियोजना ओरिस इंफ्रास्ट्रक्चर व 3सी शेल्टर इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड की है।
इन फैसलों से सेक्टर-37सी स्थित आइएलडी ग्रींस, यूनिवर्ल्ड, एक्मे प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, आलिया रियल एस्टेट, रहेजा डेवलपर्स, पार्श्वनाथ डेवलपर्स, ओरिस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटडेट, एम्मार एमजीएफ लैंड लिमिटेड, एमजीएफ लैंड लिमिटेड, रामप्रस्थ सारे रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड एवं लैंडमार्क अपार्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड के निवेशकों को भी जल्द न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। हरेरा गुरुग्राम के चेयरमैन डॉ. केके खंडेलवाल का कहना है कि पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए हरेरा प्रतिबद्ध है।