अमरूत योजना के नाम पर चार पार्षदों ने लगाए गोलमाल के आरोप, जांच करने पहुंची डीएमसी, तीन के बयान किए कलमबद्ध
- पार्षदों के आरोपों पर अधिकारियों को डीएमसी की दो टूक मुझे सफाई देने से पहले पार्षदों
- पार्षदों के आरोपों पर अधिकारियों को डीएमसी की दो टूक, मुझे सफाई देने से पहले पार्षदों को करो संतुष्ट फोटो-2, 3 व 4: जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:
अमरूत योजना के नाम पर शहर की कई कालोनियों में भारी गोलमाल का आरोप कुछ पार्षदों ने नगर परिषद के अधिकारियों पर लगाया है। पार्षद सीमा राठी, मोनिका राठी, गुरदेव राठी व रमन यादव के आरोपों को लेकर जिला नगर आयुक्त (डीएमसी) आशिमा सांगवान शुक्रवार को जांच करने नगर परिषद कार्यालय पहुंची। पार्षदों का आरोप था कि वार्ड 10, 11 व 13 समेत कुछ वार्डों की कई गलियों में अमरूत योजना के तहत पाइप लाइन बिछाई जानी थी। मगर नप अधिकारियों ने पाइप लाइन बिछाने से पहले उन गलियों को सीसी से या इंटरलॉकिग टाइलों से पक्का कर दिया। अब फिर से उनमें से कुछ गलियों को तो पाइप लाइन के नाम पर उखाड़ दिया गया और कुछ गलियों में अभी पाइप लाइन दबाई नहीं गई। ये वे गलियां है, जिनमें अमरूत योजना के तहत पाइप लाइन दबाना प्रस्तावित था। ऐसा करके नप अधिकारियों ने भारी गोलमाल किया है और सरकारी खजाने का दुरुपयोग किया है। इस शिकायत पर शुक्रवार को जब डीएमसी आशिमा सांगवान ने सुनवाई शुरू की तो अधिकारियों ने अपनी सफाई देनी शुरू कर दी। इस पर डीएमसी ने कहा कि मुझे सफाई देने के बजाय आप पार्षदों को उनके आरोपों को लेकर संतुष्ट करो। इस पर अधिकारियों ने कुछ दिन की मांग की। मगर डीएमसी ने स्पष्ट कहा कि जो करना है आज ही करो। ऐसे में एमई अमन राठी व ब्रजेश हुड्डा, जेई दलबीर देशवाल और अमरूत योजना की डीपीआर बनाने वाली वेबकोश एजेंसी के अधिकारी एक कमरे में बैठ गए। अधिकारी पार्षदों को उनके एक-एक आरोप पर जवाब देने लगे मगर पार्षद संतुष्ट नहीं हुए। ऐसे में पार्षदों ने अपने लिखित बयान डीएमसी को दे दिए। अब डीएमसी की और से मामले की जांच पूरी होने के बाद सरकार को इसकी रिपोर्ट भेजी जाएगी। वार्डों की शिकायत करने पहुंचे कई पार्षद, अधिकारियों को लगाई कड़ी फटकार:
डीएमसी के नप कार्यालय में आने की सूचना पाकर कई पार्षद भी अपने-अपने वार्ड की शिकायत करने पहुंच गए। वार्ड 28 से पार्षद सत्यप्रकाश छिकारा, पार्षद रवि खत्री, राजेश तंवर, प्रवीण छिल्लर, अनीता कबलाना ने अपने-अपने वार्ड की समस्याओं के समाधान की मांग की। इस पर डीएमसी ने पार्षदों की शिकायतों का समय पर निपटारा न करने पर संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई तथा कार्यकारी अधिकारी को निर्देश दिए कि वे पार्षदों की ओर से दी जाने वाली शिकायतों का तुरंत समाधान कराने की व्यवस्था करें। साथ ही डीएमसी ने शहर में साफ-सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने और अतिक्रमण के खिलाफ लगातार कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। आउटसोर्स पर नियुक्त हैं 34 कर्मचारी, कई मिले नदारद:
डीएमसी के सामने पार्षद गुरदेव राठी ने बताया कि आउटसोर्स पर 34 कर्मचारी तैनात हैं, मगर 10 से ज्यादा कर्मचारी कभी भी कार्यालय में नहीं आते। घर बैठे तनख्वाह पा रहे हैं। इस पर डीएमसी ने सभी कर्मचारियों की शाखा के प्रभारी के साथ हाजिरी लेने और काम के बारे में जानकारी लेने के लिए सभी को तलब कर लिया। एक-एक करके पूछताछ की गई। इसकी सूचना पाकर कुछ कर्मचारी तो तुरंत कार्यालय में पहुंच गए। ऐसे ही एक कर्मचारी से जब डीएमसी पूछने लगी तो उसने जवाब दिया कि वह वेस्ट जुआं ड्रेन पर काम करता है। काम के बारे में पूछने लगी तो वह कुछ जवाब नहीं दे पाया। इस पर डीएमसी ने इस पूरे मामले में रिपोर्ट तलब की है तथा जो कर्मचारी काम पर नहीं आता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। डीएमसी ने किया अवैध कालोनियों का दौरा, कार्रवाई के निर्देश:
डीएमसी आशिमा सांगवान झज्जर से सीधा बहादुरगढ़ शहर में पहुंची तो सबसे पहले उन्होंने अवैध कालोनियों व उनमें चल रहे अवैध निर्माणों का निरीक्षण किया। वे पहले निजामपुर रोड पर गई। यहां पर अवैध कालोनियां काटे जाने के बाद निर्माण किया जा रहा था। इसके बाद सूर्या नगर, ओमेक्स सिटी की तरफ काटी जा रही अवैध कालोनियों का भी निरीक्षण किया। इस दौरान एटीपी जयपाल सिंह ने बताया कि जहां-जहां अवैध कालोनियां काटी जा रही हैं और अवैध निर्माण किए जा रहे हैं, उन सभी को नोटिस दिए गए हैं। इस पर डीएमसी ने जल्द से जल्द अवैध कालोनियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस दौरान एटीपी जयपाल, एमई बृजेश हुड्डा, बीआइ विवेक जैन मौजूद रहे। वर्जन..
शहर में कई जगह अवैध कालोनियां काटी जा रही हैं, जहां पर अवैध निर्माण भी चल रहे हैं। उनका निरीक्षण कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। कुछ पार्षदों की ओर से जो शिकायतें दी गई थीं, उनकी सुनवाई की गई है। पार्षदों के बयान लिए गए हैं। इनकी जांच रिपोर्ट सरकार को भेज दी जाएगी। रही बात आउटसोर्स के कर्मचारियों के गैर हाजिर होने की तो संबंधित अधिकारियों को इस बारे में निर्देश दिए गए हैं।
-आशिमा सांगवान, डीएमसी, झज्जर।