नाजिर आत्महत्या मामले में एफआइआर दर्ज, अदालत में ठप रहा काम
नाजिर आत्महत्या मामले में एफआइआर दर्ज अदालत में ठप रहा काम
फोटो-102 की सीरीज
-मृतक की पत्नी के बयान पर आइपीसी की धारा व एससी-एसटी एक्ट में दर्ज हुआ केस
-पुलिस ने हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेजी एफआइआर की कॉपी जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : उपमंडल न्यायालय के नाजिर नरेंद्र द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या किए जाने के मामले में पुलिस ने आइपीसी व एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। आरोप है कि नरेंद्र को प्रताड़ित कर जान देने के लिए मजबूर किया गया। उधर, सिविल अस्पताल में डाक्टरों के पैनल गठित करने में देरी से पोस्टमार्टम भी कई घंटे लेट हुआ। इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करवाई गई है। एफआइआर और सुसाइड नोट की कॉपी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भी भेजी गई है। मामले की जांच डीएसपी राहुल देव करेंगे। इधर, कोर्ट परिसर में शनिवार को माहौल गमगीन था। ज्यादातर कर्मचारी सुबह काम छोड़ एकत्रित हुए। बाद में सिविल अस्पताल पहुंच गए। वकीलों का भी वर्क सस्पेंड था। ऐसे में कोर्ट का कामकाज ठप ही रहा।
मामला संगीन होने से पुलिस हर पहलू को पूरी बारीकी से जांच रही है। पोस्टमार्टम के दौरान खुद डीएसपी राहुल देव और एसएचओ देवेंद्र कुमार मोर्चरी के बाहर मौजूद रहे। डाक्टरों का पैनल बनाने में हुई देरी :
पुलिस की ओर से डाक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम की सिफारिश की गई थी, मगर ये पैनल बनाने में ही कई घंटे बीत गए। आसानी से कोई डाक्टर इस पैनल में शामिल हीं नहीं हुआ। बाद में किसी तरह तीन डाक्टरों को पैनल में शामिल किया गया। 1:30 बजे पोस्टमार्टम शुरू हुआ। इससे परिजन भी परेशान हुए। किसी तरह से शांति व्यवस्था भंग न होने, ऐसे में अतिरिक्त पुलिस बल भी पहुंचा हुआ था। पत्नी पूनम की ये है शिकायत.
मेरे पति नरेंद्र कुमार बहादुरगढ़ कोर्ट में नाजिर के पद पर थे। 14 फरवरी को उन्होंने अपने निवास पर नई बस्ती में फांसी लगा ली। उनकी जेब से जो सुसाइड नोट निकला है, वह मैने पढ़ लिया है। उसमें उन्होंने जो भी लिखा है, वह बिल्कुल ठीक है। वह काफी दिनों से परेशान चल रहे थे। मैंने उनसे जब भी उनकी परेशानी का कारण पूछा तो यही कहा कि कुछ व्यक्तियों ने उनकी जिदगी तबाह कर दी है। उन्होंने कुछ जजों के नाम लेकर भी आरोप लगाए थे। मुझे यह अंदेशा बिल्कुल भी नहीं था कि मेरे पति ऐसा कदम उठाएंगे। सुसाइट नोट में विर्णीत सभी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। झज्जर में हुआ अंतिम संस्कार :
नाजिर नरेंद्र का परिवार मूल रूप से झज्जर की किला कालोनी का रहने वाला है। ऐसे में वहीं पर अंतिम संस्कार हुआ। तीन भाईयों में सबसे बड़े नरेंद्र कई साल से बहादुरगढ़ में किराये पर रह रहे थे। वर्जन..
मामले में जो भी कानूनी तथ्य है, उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। सुसाइड नोट की मैचिग के लिए मृतक नरेंद्र की हैंडराइटिग की सत्यापित प्रति ली जाएगी। सूचना के लिए एफआइआर और सुसाइड नोट की कॉपी हाई कोर्ट को भेज दी गई है।
--राहुल देव, डीएसपी, झज्जर