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एक सप्ताह में 1.20 करोड़ मुआवजा दो, वरना करेंगे आंदोलन

झज्जर-रेवाड़ी-सोनीपत के बीच बन रहे राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए अधिग्रहित की जा रही जमीन के मुआवजे को लेकर गांव छारा के किसानों ने भेदभाव का आरोप लगाया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 Jan 2019 05:09 PM (IST)Updated: Thu, 31 Jan 2019 05:09 PM (IST)
एक सप्ताह में 1.20 करोड़ मुआवजा दो, वरना करेंगे आंदोलन
एक सप्ताह में 1.20 करोड़ मुआवजा दो, वरना करेंगे आंदोलन

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: झज्जर-रेवाड़ी-सोनीपत के बीच बन रहे राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए अधिग्रहित की जा रही जमीन के मुआवजे को लेकर गांव छारा के किसानों ने भेदभाव का आरोप लगाया है। छारा के किसानों के समर्थन में भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश दलाल ने गांव छारा की जमीन के लिए भी प्रति एकड़ 1 करोड़ 20 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है। समिति ने तीन मांगों को लेकर प्रशासन को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है। किसानों का कहना है कि अगर एक सप्ताह के अंदर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो वे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-9 व रोहतक-दिल्ली रेल मार्ग पर यातायात और गुरुग्राम को जाने वाली नहर से पानी की सप्लाई को रोक देंगे। साथ ही किसान छारा में निर्माणाधीन राजमार्ग के पास सोमवार से शांतिपूर्वक धरना भी शुरू करेंगे।

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भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश दलाल के कार्यालय पर बृहस्पतिवार को काफी संख्या में छारा के किसान एकत्रित हुए। रमेश दलाल व किसानों ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण को लेकर आसपास के 5 गांवों की जमीन अधिग्रहण की गई है। इसमें गांव छारा की जहां 85 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई है, वहीं बाकी 4 गांवों जिनमें आसंडा, भापड़ौदा, गिरावड़ व जौंधी की 75 एकड़ जमीन शामिल है। इन चार गांवों से अधिक जमीन अकेले छारा गांव की है और काफी उपजाऊ भी है, फिर सरकार की ओर से किसानों को उनकी जमीन के हिसाब से मुआवजा नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि गांव भापड़ौदा में जहां किसानों को प्रति एकड़ एक करोड़ 3 लाख रुपये मुआवजा दिया जा रहा है तो वहीं छारा के किसानों के लिए यह मुआवजा सिर्फ 40 लाख रुपये है, जो कि सरासर उनके साथ अन्याय है। उन्होंने बताया कि छारा में रोक की वजह से तीन साल से कोई रजिस्ट्री नहीं हुई इसीलिए प्रशासन ने 12.56 लाख रुपये प्रति एकड़ सर्कल रेट दिखाकर यहां का मुआवजा करीब 40 लाख के हिसाब से बना दिया। इस संबंध में किसान केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी से लेकर उपायुक्त झज्जर व डीआरओ से भी मिल चुके हैं। लेकिन अधिकारियों की ओर से फिर भी कोई सुनवाई नहीं की जा रही। ऐसे में किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। किसानों ने प्रशासन के सामने रखी ये तीन मांग - जमीन के सर्कल रेट को रिवाइज किया जाए और ताकि हमें प्रति एकड़ मुआवजा एक करोड़ 20 लाख रुपये के हिसाब से मिले।

- समिति के सदस्यों को प्रशासन की सर्कल रेट रिवाइज कमेटी में शामिल किया जाए।

- सर्कल रेट को रिवाइज करने का फैसला एक सप्ताह के अंदर-अंदर करें। ये रहे मौजूद:

इस मौके पर दलाल खाप के प्रवक्ता कैप्टन मान ¨सह दलाल, गांव छारा से सरपंच जितेंद्र उर्फ बबलू, जिला पार्षद संजय दलाल, ¨चटू पहलवान, श्रीभगवान, रोहतास, ंबिजेंद्र, तारीफ पहलवान, भीम ¨सह, बलवान, देवेंद्र, सुभाष, ईश्वर सैनी, सतपाल पहलवान, रमेश, संतराम सैनी, जयबीर, जय ¨सह मेंबर, जस्सू, सोनू, रणबीर सैनी आदि किसान मौजूद थे।


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