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जागरण विशेष: नार्दन ग्लास वाली जमीन के खाली प्लाटों की होगी नीलामी, जो रेट आएंगे उसी आधार पर रेगूलराइज होंगी मौजूदा फैक्टरियां

नार्दन ग्लास वाली जमीन पर बसी फैक्टरियों को रेगूलराइज करने के लिए कलेक्टर रेट व मार्केट रेट की बजाय नीलामी से निर्धारित रेट पर जमीन दी जाएगी। दरअसल सरकार की ओर से फैक्टरियों के साथ लगते प्लाटों की नीलामी करने का निर्णय लिया है और नीलामी में जिस प्लाट का जो रेट आएगा उसके साथ वाली फैक्टरी पर भी वहीं रेट लागू हो जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 06:09 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 06:20 AM (IST)
जागरण विशेष: नार्दन ग्लास वाली जमीन के खाली प्लाटों की होगी नीलामी, जो रेट आएंगे उसी आधार पर रेगूलराइज होंगी मौजूदा फैक्टरियां
जागरण विशेष: नार्दन ग्लास वाली जमीन के खाली प्लाटों की होगी नीलामी, जो रेट आएंगे उसी आधार पर रेगूलराइज होंगी मौजूदा फैक्टरियां

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

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नार्दन ग्लास वाली जमीन पर बसी फैक्टरियों को रेगूलराइज करने के लिए कलेक्टर रेट व मार्केट रेट की बजाय नीलामी से निर्धारित रेट पर जमीन दी जाएगी। दरअसल, सरकार की ओर से फैक्टरियों के साथ लगते प्लाटों की नीलामी करने का निर्णय लिया है और नीलामी में जिस प्लाट का जो रेट आएगा, उसके साथ वाली फैक्टरी पर भी वहीं रेट लागू हो जाएगा। खाली प्लाटों व मौजूदा फैक्टरियों की पूरी जानकारी जुटाने के लिए उद्योग विभाग से सहायक निदेशक विवेक गुलाटी व एचएसआइआइडीसी से वरिष्ठ प्रबंधक राजीव कुमार ने नार्दन ग्लास वाली जमीन का दौरा किया है। निरीक्षण की रिपोर्ट तीन-चार दिन में विभाग के उच्च अधिकारियों को सौंपी जाएगी। निरीक्षण के दौरान चालू व बंद पड़ी फैक्टरियों और खाली प्लाटों की जानकारी जुटाई गई है। बंद पड़ी फैक्टरियों को सरकार की पॉलिसी का लाभ नहीं मिलेगा। उनके प्लाटों को नीलाम किया जाएगा। सरकार की पॉलिसी का लाभ सिर्फ 18 चालू फैक्टरियों को ही मिल पाएगा। गौरतलब है कि नार्दन ग्लास वाली जमीन को सरकार ने रिज्यूम कर लिया था। ऐसे में यहां पर करीब साढ़े 7 एकड़ में पहले से चल रही करीब 18 फैक्टरियों के संचालकों 17 नवंबर 2018 को सीएम मनोहर लाल ने राहत देने का आश्वासन दिया था, जिसके आधार पर पॉलिसी बनाई गई है। साथ ही शेष जमीन पर ट्रांसपोर्ट नगर बसाने की घोषणा हुई थी। हर शुल्क देने को तैयार, हमारी फैक्टरी की जाए रेगूलराइज:

उद्योगपति गुरप्रीत सिंह, राजकुमार शर्मा, दीपक गुप्ता, मनोज, जसबीर सिंह भट्टी, विजोद कुमार भट्टी, राजवंत बावा, पवन अग्रवाल आदि ने कहा कि इस जमीन पर हम कई सालों से फैक्टरी लगाकर काम धंधा कर रहे हैं। सरकार की पॉलिसी के अनुसार हम हर शुल्क देने को तैयार हैं। हमारी फैक्टरियों को रेगूलराइज किया जाए। रेगूलराइज करने की बात चली तो गायब कर दिया था फैक्टरियों का रिकार्ड, चल रही जांच:

दरअसल, जब इस जमीन पर बसी फैक्टरियों को रेगूलराइज करने की बात चली तो उद्योग विभाग के स्थानीय कार्यालय से गत 2 व 3 नवंबर को नार्दन ग्लास की जमीन पर बनी फैक्टरियों के रिकार्ड को ही गायब कर दिया था। पंजीकरण रजिस्टरों में से पुराने रजिस्टर का पेज संख्या 20 व 21 फाड़ लिया गया था। साथ ही फाइल संख्या 253 व 254 से प्रापर्टी के कागजात निकाल लिए गए थे। जिन फैक्टरियों का रिकार्ड गायब किया गया है उनमें बावा पोलीमर व पावरटेक कोटिग के नाम शामिल हैं। इस मामले की जांच विभाग के निदेशक कर रहे हैं। दैनिक जागरण ने 8 नवंबर के अंक में रिकार्ड गायब किए जाने के मामले का खुलासा किया था। वर्जन..

नार्दन ग्लास वाली जमीन कर उद्योग विभाग के अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया है। निरीक्षण की रिपोर्ट तीन-चार दिन में आएगी। रिपोर्ट में बिक्री योग्य प्लाटों की संख्या व कितनी फैक्टरियों को रेगूलराइज किया जाएगा, इसकी जानकारी होगी। सरकार ने इस जमीन की मौजूदा फैक्टरियों को रेगूलराइज करने के लिए पॉलिसी बनाई है।

- राजीव कुमार, वरिष्ठ प्रबंधक, एचएसआइआइडीसी।


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