हाइवे के साथ लगती छह एकड़ जमीन से कब्जा छुड़ाने के लिए तहसीलदार को बनाया ड्यूटी मजिस्ट्रेट, अगले सप्ताह नप करेगी कार्रवाई
बेसहारा गोवंश व बंदरों को पकड़ने के लिए अदालत में केस दायर होने के बाद नगर परिषद की ओर से भी अब इस मामले में तत्परता दिखानी शुरू कर दी गई है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: बेसहारा गोवंश व बंदरों को पकड़ने के लिए अदालत में केस दायर होने के बाद नगर परिषद की ओर से भी अब इस मामले में तत्परता दिखानी शुरू कर दी गई है। नप की ओर से सेक्टर नौ बाईपास के पास छह एकड़ जमीन से कब्जा छुड़वाने की कार्रवाई करने के लिए जो पत्र डीसी को लिखा था, उसके तहत डीसी ने बहादुरगढ़ के तहसीलदार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त कर दिया है। अब नप की ओर से तहसीलदार से मिलकर आगामी सप्ताह में अपनी जमीन से कब्जा छुड़वाने की कार्रवाई के लिए दिन निर्धारित किया जाएगा। तहसीलदार की ओर से जो दिन निर्धारित किया जाएगा, उसी दिन पुलिस बल के साथ कार्रवाई करके जमीन से कब्जा छुड़वा लिया जाएगा और वहां पर गोशाला निर्माण को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा। अगर यहां पर गोशाला बनती है तो शहर में बेसहारा घूम रहे गोवंश को पकड़कर इसमें रखा जाएगा। इससे बेसहारा गोवंश से होने वाली घटनाओं पर अंकुश लग सकेगा और शहर वासियों को भी काफी राहत मिलेगी। गौरतलब है कि बेसहारा गोवंश व बंदरों को पकड़ने के लिए दायर किए गए केस की सुनवाई मंगलवार को हुई थी। अदालत ने नप प्रशासन को इस मामले में जवाब दायर करने के लिए फिर से समय दिया है और अब इस मामले की सुनवाई छह अक्टूबर को होगी। जल्द से जल्द होनी चाहिए कार्रवाई:
अदालत में बेसहारा गोवंश व बंदरों को पकड़ने के लिए केस दायर करने वाले सेक्टर-6 निवासी महिपाल गुलिया, जटवाड़ा मुहल्ला के योगेंद्र, वकील विराट बल्हारा ने कहा कि बेसहारा गोवंश के कारण हर दूसरे-तीसरे दिन घटनाएं हो रही हैं। बहादुरगढ़ में कई मौतें हो चुकी हैं। शहर में बेसहारा गोवंश की भरमार है। इनमें सांड ज्यादा हैं। इनके कारण सड़कों पर बाधा, दुर्घटनाएं रोजमर्रा की बात है। दूसरी ओर शहर में बंदरों की भरमार है। ये भी लोगों को रोजाना घायल कर रहे हैं। शहर में अनेक लोग बंदरों के काटने या फिर उनके डर के कारण छत से गिरकर जख्मी हो चुके हैं। ऐसे में प्रशासन से मांग है कि जल्द से जल्द शहर वासियों को इनसे छुटकारा दिलाया जाए। डीसी की ओर से तहसीलदार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्ति किए गए हैं। अब तहसीलदार से मिलकर अगले सप्ताह में कोई भी दिन कब्जा छुड़वाने की कार्रवाई के लिए तय किया जाएगा। उसी दिन पुलिस बल की मदद लेकर कार्रवाई की जाएगी। फिर यहां पर गोशाला बनाने का विचार किया जाएगा।
- अतर सिंह, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद, बहादुरगढ़