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दहेज प्रथा, पर्दा प्रथा को समाप्त करने का लें संकल्प

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : गाव सराय औरंगाबाद में मंगलवार को नारी की चौपाल-मन की बात क

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Jul 2018 11:52 PM (IST)Updated: Tue, 17 Jul 2018 11:52 PM (IST)
दहेज प्रथा, पर्दा प्रथा को समाप्त करने का लें संकल्प
दहेज प्रथा, पर्दा प्रथा को समाप्त करने का लें संकल्प

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

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गाव सराय औरंगाबाद में मंगलवार को नारी की चौपाल-मन की बात कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसके साथ ही प्रशासन की ओर से शिकायत निवारण शिविर व रात्रि चौपाल भी लगाए गए। उपायुक्त सोनल गोयल व पुलिस अधीक्षक पंकज नैन ने विभागीय अधिकारियों के साथ जन समस्याओं का निराकरण किया। नारी की चौपाल में गाव की महिलाओं ने डीसी के साथ मन की बात की।

गाव में महिलाओं ने उपायुक्त के संग तीज उत्सव की तर्ज पर झूले का आनंद लिया। साथ ही सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ एकजुट होकर सहयोगी की भूमिका अदा करने का उपायुक्त को विश्वास भी दिलाया। महिलाओं ने दहेज प्रथा व पर्दा प्रथा को समाप्त करने का संकल्प लेते हुए सामाजिक बदलाव के प्रति उत्सुकता दिखाई। ग्रामीण महिलाओं ने अपने अनुभव भी साझा किए। उपायुक्त के साथ महिलाओं ने खुलकर अपने मन की बात की। उपायुक्त ने स्कूल की बच्चियों को भी बोलने का अवसर प्रदान किया और भविष्य को लेकर बालिकाओं के सपनों पर विस्तार से चर्चा की। चौपाल में बुजुर्ग महिलाओं के बीच बैठकर उपायुक्त ने अनुभव लिए। युवा शक्ति को एक सामाजिक बदलाव के साथ कुरीतियों से मिलकर लड़ने को प्रेरित किया गया। चौपाल में विशेष सत्र मन की बात रखा गया जिसमें हर वर्ग की महिलाओं ने अपने विचारों का आदान प्रदान किया। सराय औरंगाबाद की गृहिणी शीलम ने बताया कि जो व्यक्ति बेटा-बेटी के बीच भेद करता है वह पशु के समान है। उपायुक्त ने शीलम द्वारा रखी गई बातों पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और अपना उदाहरण देते हुए बताया कि उनके माता-पिता ने उन पर विश्वास किया और उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन दिया। जिसकी बदौलत वे आज प्रशासनिक सेवा में आकर महिलाओं के उत्थान को प्रयासरत हैं। महिलाओं ने दहेज प्रथा व पर्दा प्रथा पर बेबाक राय रखी। सुमन ने पर्दा प्रथा पर कहा कि आखों की शर्म सबसे बड़ा गहना होती है, ऐसे में पर्दा करके कोई हम किसी का मान नहीं कर सकते। मानसिकता को बदलते हुए हम पर्दा प्रथा पर अंकुश लगा सकते हैं। बुजुर्गो का सम्मान पर्दे से नहीं दिल से होता है। शीलू ने कहा कि बच्चे अगर सशक्त होंगे तो किसी भी रूप से बाहरी आडंबरों की जरूरत नहीं होगी। दहेज लेना व देना दोनों गलत हैं। शिमला ने मन की बात रखते हुए कहा कि लड़का-लड़की को शिक्षित बनाने के लिए सपना साकार करें। उपायुक्त सोनल गोयल को महिलाओं ने रोल मॉडल मानते हुए उनके कार्यशैली की सराहना की। प्रशासन की ओर से चलाए गए उमंग एक पहल, साझी मदद, जागृति सहित अन्य सामाजिक कदमों पर सफलता पूर्वक आगे बढ़ते रहने के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया।

बिना दहेज शादी करने वाले परिवारों का सम्मान

नारी की चौपाल में उपायुक्त गोयल ने बेटियों को जन्म देने वाली माताओं और दहेज के बिना शादी करने वाले परिवार को सम्मान दिया। महिलाओं ने उपायुक्त के साथ सेल्फी भी ली और सामूहिक फोटो भी खिंचवाए। पौधगिरी का किया जिले में शुभारंभ

उपायुक्त सोनल गोयल ने गाव सराय औरंगाबाद के राजकीय विद्यालय प्रागण से पौधगिरी अभियान का आगाज किया। स्कूल के विद्यार्थियों को पौधे वितरित किए गए। उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा शुरू किए गए इस अभियान से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे। पौधरोपण करते हुए विद्यार्थी उनके संरक्षण की भी जिम्मेदारी लेंगे। जिले में करीब 80 हजार पौधे अभियान के तहत लगेंगे। बुराइयों के खात्मे के लिए हो जन भागीदारी : एसपी

पुलिस अधीक्षक पंज नैन ने कहा कि पर्दा प्रथा व दहेज प्रथा को जड़मूल से समाप्त करने के लिए सभी की सक्रिय भागीदारी जरूरी है। सामाजिक सहभागिता के साथ कुरीतियों को मिटाने के लिए सभी को आगे आना होगा। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि पुलिस प्रशासन का पूरा सहयोग रहेगा। उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक का ग्राम पंचायत की ओर से राजबीर लाठर सहित अन्य पंचायत प्रतिनिधियों का पगड़ी बाधकर व शाल भेंट कर स्वागत किया।

इस मौके पर एडीसी सुशील सारवान, एएसपी शशाक सावन, एसडीएम जगनिवास, बीडीपीओ रामफल, डीआईपीआरओ नीरज कुमार, सीडीपीओ बबीता, सीडीपीओ डिंपल, जिला बाल कल्याण अधिकारी सुरेखा हुड्डा, डीसीपीओ लतिका रहे।


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