सिरे नहीं चढ़ पा रही डॉग कंट्रोल की कवायद
शहर में डॉग (कुत्ता) को कंट्रोल करने की कवायद सिरे नहीं चढ़ पा रही है। विगत में नगर परिषद और पशुपालन विभाग की एक संयुक्त टीम के माध्यम से इस दिशा में कार्रवाई को लेकर प्लानिग बनी, मगर कागजों से निकलकर धरातल पर नही आई। ऐसे में शहर के हर गली-मुहल्ले में डॉग की संख्या कहीं ज्यादा बढ़ गई है जो लोगों को अस्पताल पहुंचा रहे हैं। हर महीने 40 से ज्यादा लोग डॉग के काटने के बाद एंटी रेबिज के इंलेक्शन लगवाने के लिए पहुंच रहें हैं। इससे यहां कुछ दिनों में ही सप्लाई खत्म हो जाती है। अब कई दिनों से यहां एंटी रेबिज इंजेक्शन नही हैं। दरअसल, शहर में बंदरों को पकड़ने के लिए तो एक-दो बार टीम आई है, मगर डॉग को कं
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
शहर में डॉग कंट्रोल करने की कवायद सिरे नहीं चढ़ पा रही है। विगत में नगर परिषद और पशुपालन विभाग की एक संयुक्त टीम के माध्यम से इस दिशा में कार्रवाई को लेकर प्लानिंग बनी, मगर कागजों से निकलकर धरातल पर नही आई। ऐसे में शहर के हर गली-मुहल्ले में डॉग की संख्या कहीं ज्यादा बढ़ गई है जो लोगों को अस्पताल पहुंचा रहे हैं। हर महीने 40 से ज्यादा लोग डॉग के काटने के बाद एंटी रेबिज के इंजेक्शन लगवाने के लिए पहुंच रहें हैं। इससे यहां कुछ दिनों में ही सप्लाई खत्म हो जाती है। अब कई दिनों से यहां एंटी रेबिज इंजेक्शन नही हैं।
दरअसल, शहर में बंदरों को पकड़ने के लिए तो एक-दो बार टीम आई है, मगर डॉग को कंट्रोल करने के लिए कोई भी प्ला¨नग सिरे नही चढ़ रही है। विगत में यह तय हुआ था कि पशुपालन विभाग और नगर परिषद की एक संयुक्त टीम बनेगी। इस टीम की ओर से शहर में घूम रहे आवारा डॉॅग की नसंबदी की जाएगी, ताकि उनकी संख्या न बढ़े। इसको लेकर शहरी स्थानीय निकाय विभाग मुख्यालय और नगर परिषद के बीच कई बार पत्र व्यवहार भी हुआ, मगर इस तरह की कवायद महज कागजों तक ही सीमित होकर रह गई। हर गली-मुहल्ले में बढ़ गई है संख्या, जख्मी हो रहे लोग शहर में जहां देखो वहीं पर डॉग का झुंड नजर आता है। रोजाना किसी न किसी जगह पर ये डॉग लोगों को काटकर जख्मी कर रहें हैं। मगर इस तरफ प्रशासन का ध्यान नही है। इसके कारण शहर के सिविल अस्पताल में रोजाना कई लोग डॉग के काटने के बाद अस्पताल में पहुंच रहें हैं। मगर वहां पर भी उन्हें राहत कम ही मिल पाती है। वजह यह है कि यहां पर एंटी रेबिज के इंजेक्शन ज्यादातर समय उपलब्ध नही होते। जितनी सप्लाई आती है वह कुछ दिन में ही खत्म हो जाती है। उसके बाद कई दिनों तक यहां घायल लोग तो पहुंचते हैं, मगर उन्हें इंजेक्शन नहीं मिल पाते। यहां पर बीपीएल को छोड़कर सामान्य वर्ग के लिए 100 रुपये प्रति इंजेक्शन का शुल्क है। जबकि बाजार में यह इंजेक्शन 300 से 400 रुपये प्रति के हिसाब से मिल पाता है।
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गुरुग्राम की तर्ज पर ही शहर में भी डॉग का वेक्सीनेशन होगा। एक महीने के अंदर इस तरह की मुहिम शुरू की जाएगी। डॉग के वेक्सीनेशन के बाद उनके शरीर से रेबीज के किटाणु खत्म हो जाएंगे। ऐसे में यदि किसी को काटते भी हैं तो उसको रेबीज का खतरा नही रहेगा। इस कवायद के बाद डॉग की संख्या को लेकर भी प्रभावी कदम उठाया जाएगा। इसके लिए कांट्रेक्ट किया जाएगा। -अपूर्व चौधरी, ईओ, नगर परिषद।
वर्जन..
फिलहाल सिविल अस्पताल में एंटी रेबिज के इंजेक्शन नही हैं। मगर एक दो दिन में उपलबध हो जाएंगे।
--डा. देवेंद्र मेघा, एसएमओ, सिविल अस्पताल