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फार्मासिस्टों की हड़ताल में पड़ी फूट, ट्रेनी के जरिये सरकारी अस्पताल में बंटी दवाइयां

शहर के सरकारी अस्पताल में फार्मासिस्टों की हड़ताल में फूट पड़ गई। ऐसे में कुल नौ फार्मासिस्टों में से छह ही हड़ताल पर रहे। एक छुट्टी पर थे। बाकी दो ने सेवाएं दी और ट्रेनी फार्मासिस्टों की मदद से डिस्पेंसरी चलाई। इससे मरीजों की भीड़ तो रही मगर दवा से कोई भी मरीज वंचित नहीं रह पाया। उधर हड़ताली फार्मासिस्टों ने अस्पताल परिसर में धरना दिया और मांगों को लेकर आवाज बुलंद की।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Aug 2019 05:29 PM (IST)Updated: Tue, 27 Aug 2019 06:44 AM (IST)
फार्मासिस्टों की हड़ताल में पड़ी फूट, ट्रेनी के जरिये सरकारी अस्पताल में बंटी दवाइयां
फार्मासिस्टों की हड़ताल में पड़ी फूट, ट्रेनी के जरिये सरकारी अस्पताल में बंटी दवाइयां

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

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शहर के सरकारी अस्पताल में फार्मासिस्टों की हड़ताल में फूट पड़ गई। ऐसे में कुल नौ फार्मासिस्टों में से छह ही हड़ताल पर रहे। एक छुट्टी पर थे। बाकी दो ने सेवाएं दी और ट्रेनी फार्मासिस्टों की मदद से डिस्पेंसरी चलाई। इससे मरीजों की भीड़ तो रही, मगर दवा से कोई भी मरीज वंचित नहीं रह पाया। उधर, हड़ताली फार्मासिस्टों ने अस्पताल परिसर में धरना दिया और मांगों को लेकर आवाज बुलंद की।

कई मांगों को लेकर सरकारी अस्पताल के फार्मासिस्ट लगातार आंदोलनरत है। पिछले सप्ताह भी एक-एक घंटे की कई बार हड़ताल की। मगर सरकार की तरफ से इनकी मांगों को लेकर सकारात्मक रुख नहीं दिखाया गया। ऐसे में अब फार्मासिस्टों ने सोमवार को सामूहिक हड़ताल का ऐलान किया था, मगर यहां के फार्मासिस्ट ही एक जुट नहीं हुए। दो फार्मासिस्टों ने इस हड़ताल से किनारा कर लिया।

ट्रेनी फार्मासिस्टों की ली मदद :

अस्पताल में कुल नौ फार्मासिस्ट हैं। इनमें से एक फिलहाल मेडिकल अवकाश पर हैं। कुल आठ में से दो फार्मासिस्ट हड़ताल में शामिल नहीं हुए। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन ने दोनों की ड्यूटी डिस्पेंसरी में ही लगा दी। उनकी मौजूदगी में चार-पांच ट्रेनी फार्मासिस्टों ने मरीजों को दवाइयों का विरतण किया। डिस्पेंसरी के बाहर मरीजों की भीड़ तो रही, मगर कुछ देर बाद सभी मरीजों को दवाइयां मिल गई। 12 बजे तक यहां पर भीड़ छंट गई। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन ने दावा किया कि फार्मासिस्टों की हड़ताल का दवा वितरण पर कोई असर नहीं पड़ा। सभी मरीजों को दवाइयां मिली हैं। उधर, हड़ताल के दौरान ट्रेनी फार्मासिस्टों से दवाइयों का वितरण करवाने पर सवाल भी उठे। तर्क यह दिया गया है कि यदि किसी मरीज को गलत दवा दी गई तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने इस तरह के तर्क यह कहते हुए खारिज कर दिए कि ये ट्रेनी फार्मासिस्ट एक दिन के लिए नहीं आए हैं, काफी दिनों से अस्पताल में दवाइयां बांट रहे हैं।

::::: फार्मासिस्टों की हड़ताल का कोई असर नहीं पड़ा। डिस्पेंसरी की सेवाएं नियमित रूप से चलीं।

-डा. सुनीता, अस्पताल प्रशासक


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