वसंत पंचमी के स्वत: सिद्ध मुहूर्त पर रही शादियों की धूम
हर तरफ शहनाई की गूंज सुनाई दी।
हर तरफ शहनाई की गूंज सुनाई दी।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
कोरोना काल को पीछे छोड़ते हुए मंगलवार को वसंत पंचमी पर शादियों की धूम रही। पिछले साल तो नवंबर-दिसंबर में मुहूर्त ही कम थे, मगर बसंत पंचमी का दिन स्वत: सिद्ध मुहूर्त होने से बहुत से जोड़े शादी के बंधन में बंधे। हर तरफ शहनाई की गूंज सुनाई दी। एक साल बाद शादियों में रंगत भी देखी गई। सुबह से शाम तक डोली की कार फूलों से सजती नजर आई। पिछले साल में जो शादियां हुई, वे कोरोना के साये में ही संपन्न हुई। मजबूरी में रस्में पूरी की, लेकिन बहुत से परिवारों ने इसी चाहत में शादियां टाल दी थी कि शादी होगी तो पूरी चमक-धमक के साथ होगी। ऐसे में जिन जोड़ों की शादी के लिए शुभ मुहूर्त नहीं मिल पा रहे थे, उनके लिए बसंत पंचमी का दिन बेहद शुभ रहा। ज्योतिषाचार्य नारायण भारद्वाज ने बताया कि वसंत पंचमी का पर्व शादियों के लिए स्वत: शुभ मुहूर्त माना जाता है। उधर, शाम होते ही शहर पर शादियों का रंग चढ़ गया। बैंडबाजा और आतिशबाजी ने काफी दिनों शहर को शादियों की रौनक से जोड़ा। सरस्वती की हुई पूजा और होली की गई तैयार:
विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा भी हुई और होली भी तैयार की गई। जगह-जगह होली बनाई गई। जहां पर मार्च में आने वाले पर्व पर होली का पूजन होगा। देसी भाषा में कहें तो होली का डांडा गाड़ दिया गया। वहीं शिक्षण संस्थानों से लेकर अन्य प्रतिष्ठानों में आज मां सरस्वती की पूजा कर विद्या का वरदान मांगा गया। घरों में भी पकवान बनाए गए हैं। पीले रंग के पकवानों का चुना गया।